सीएसआईआर-नई सहस्राब्दि भारतीय प्रौद्योगिकी नेतृत्व पहल (निमितली) कार्यक्रम
(वर्ष 2000 से 2019 तक की ऐतिहासिक यात्रा)
पृष्ठभूमि
वैश्विकरण और उदारीकरण के आगमन से पहले, राष्ट्र आत्मनिर्भर और स्वदेशी विकास पर अधिक केन्द्रित था, जिसने प्रौद्योगिकी विकास हेतु देश के उद्देश्यों को भी निर्देशित किया । अधिक सीमा शुल्क बाधाओं, घरेलू बाजारों में सीमित प्रतिस्पर्धा, वैश्विक बाजारों से घटिया समाकलन, निर्यात पर कम दबाव, विदेशी विनिमय के सृजन के बजाय इसके संरक्षण पर अधिक फोकस, सभी ने ऐसा वातावण तैयार किया जहां एस एंड टी अंतराक्षेप आंतरिक थे और आयात प्रतिस्थापन, कम विदेशी विनिमय संरक्षण और प्रौद्योगिकी का मूल्य एवं स्तर पर विचार किए बिना उत्पादन जैसे लक्ष्य निर्धारित किए गए । इसके परिणामस्वरूप देश इन अनुसंधान क्षेत्रों पर व्यापक रूप से फोकस करता रहा जहां ज्ञानाधार पहले से उपलब्ध था और बाजार मांग मौजूद थी । जबकि यह दृष्टिकोण उन रणनीतिक क्षेत्र (क्षेत्रों) के लिए अधिक उपयुक्त था, जहां प्रौद्योगिकियां किसी कीमत पर उपलब्ध नहीं थीं अथवा हमें इनसे इनकार किया जाता था; यह प्रतिस्पर्धात्मक प्रौद्योगिकी विकास के लक्ष्यों के लिए अच्छा नहीं था । सार्वजनिक अनुसंधान एवं विकास संस्थानों ने नए उत्पादों के बजाय लागत प्रभावी प्रक्रियाओं पर फोकस करने के साथ रिवर्स इंजीनियरिंग के उद्देश्यों को जारी रखा । अस्सी के अंत तक भारत द्वारा जारी औद्योगिक विकास मॉडल ने उद्योग के मूल अनुसंधान एवं विकास प्रयास को प्रभावी रूप से बढ़ावा नहीं दिया । परिणामस्वरूप भारत से ऐसी किसी एक प्रौद्योगिकी की उत्पत्ति प्रारंभ नहीं हुई जो वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा वाली हो । अनुसंधान एवं विकास की अवधारणा में बदलाव 1991 के आर्थिक सुधारों में परिवर्तन के साथ प्रारंभ हुआ और प्रतिमान विस्थापन 1995 में डब्ल्यूटीओ तक भारत की पहुंच से हुआ । तथापि, वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा औद्योगिक प्रौद्योगिकी तक पहुंच बनाना वैश्विक व्यापार/अर्थव्यवस्था के समाकलन के कारण मुश्किल हो गई । अत: भारतीय उद्योग को बने रहने के लिए ऐसी प्रौद्योगिकी का स्वदेशी रूप से विकास करने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं था । तत्कालीन मौजूदा विशिष्ट प्रौद्योगिकी विकास पहलों, होमग्रोन टेक्नोलॉजी आदि हेतु उद्योग-संस्थान भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं तथा फार्मा उद्योग में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देने के लिए नई स्कीम वर्ष 1994 में विकसित की गई ताकि कुछ चिंताओं का समाधान किया जा सके । तथापि, वैश्विक नेतृत्व की पोजिशन हासिल करने का कोई लक्ष्य नहीं था ।
उत्पत्ति
निमितली की उत्पत्ति दिनांक 3 जनवरी, 2020 को पुणे में इंडियन साइंस कांग्रेस में माननीय प्रधान मंत्री का भाषण था, जिसमें उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से 21वीं सदी भारत की सदी बनाने- इक्कीसवी शताब्दी भारत की शताब्दी के लिए आह्वान किया था । डॉ. आर.ए. माशेलकर तत्कालीन महानिदेशक, सीएसआईआर ने दिनांक 17 फरवरी, 2000 को वित्त मंत्रालय को वैचारिक नोट प्रस्तुत किया था । इसके बाद, माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने ऐसा भारतीय विज्ञान, जो अगुवाई करेगा न कि अनुसरण; सृजित करने की चुनौती लेने हेतु वैज्ञानिक समुदाय को (दिनांक 21 फरवरी, 2000 को) प्रोत्साहित करके इस विषय पर ज्यादा जानकारी दी थी ।
माननीय वित्त मंत्री ने निर्धारित कार्रवाई से इसका अनुसरण किया । संसद में बजट-2000 के अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा कि ‘‘गत माह इंडियन साइंस कांग्रेस में अपने अभिभाषण में प्रधान मंत्री द्वारा की गई कल्पना आधुनिक भारत के स्वप्न को वास्तविकता में बदलने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में हमें अपनी संभावना का दोहन करना चाहिए ।..... मैं वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग को नई सहस्राब्दि भारतीय प्रौद्योगिकी नेतृतव पहल हेतु बजट में 50 करोड़ का प्रावधान कर रहा हूँ । यह उन क्षेत्रों पर फोकस करेगा जो राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करेंगे और यह सरकार एवं निजी क्षेत्र के बीच भागीदारी पर आधारित होगा । इस कार्यक्रम की संकल्पना करने, विकसित करने और क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) को सौंपी गई थी ।
प्रारंभ
सीएसआईआर ने इस कार्यक्रम को विकसित करने में राष्ट्रीय परामर्श लिए । इनमें महानिदेशक, सीएसआईआर की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों के विभिन्न नीति निर्माताओं को भेजे गए 1000 से अधिक पत्र, देश के विभिन्न भागों में 65 से अधिक विचारोत्तेजक बैठकों का आयोजन, लगभग 10,000 पोस्टरों का वितरण आदि सम्मिलित थें । प्राप्त प्रतिक्रियाओं और की गई चर्चाओं के आधार पर, सीएसआईआर ने“सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, अकादमियों और निजी उद्योग की श्रेष्ठ दक्षताओं के साथ कार्य करते हुए सच्ची ‘टीम इंडिया’ भावना में चुनिंदा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्व पोजिशन हासिल करने के लिए नवोन्मेष केन्द्रित वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय विकासों को उत्प्रेरित करने”के लिए एनएमआईटीएलआई के मुख्य उद्देश्य निर्धारित किए और इसे नवीन विशेषताओं सहित विशिष्ट दर्जा दिलवाया ।
नवीन विशेषताएं
निमितली के लिए अपनायी गई रणनीति निवेशों में वृद्धि करने सहित प्रतिकूल जोखिम-निवेश प्रोफाइल अर्थात निम्न निवेश- अधिक जोखिम प्रौद्योगिकी क्षेत्र (वैश्विक नेतृत्व संभावना सहित) हासिल करना है क्योंकि विकास हो रहे हैं तथा जोखिमों में कमी सहित परियोजनाएं नवोन्मेष वक्र पर आगे बढ़ रही हैं । अत: परियोजनाएं इस कार्यक्रम को कुछ विभिन्न विशेषताओं सहित अलग से स्थापित किया गया है । इन विशेषताओं को व्यापक पैमाने पर राष्ट्रीय परामर्श और समुचित परिश्रम के आधार विकसित की गई हैं । इनमें से कुछ का नीचे संक्षिप्त में उल्लेख किया गया है :
- सक्रिय कार्यक्रम: अनुरोधों/आवेदनों के आधार पर किसी परियोजना को वित्तपोषण के बजाय इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय परामर्श के आधार पर विकास हेतु क्षेत्रों को अभिनिर्धारित किया जाता है और विकास में भूमिका निभाने के लिए संस्थानों, अकादमियों और निजी क्षेत्र के श्रेष्ठ भागीदारों को आमंत्रित किया जाता है:
- परियोजनाओं के प्रकार: ‘पुश’ और ‘पुल’ दोनों प्रकार की परियोजनाएं निमितली के तहत विकसित की जाती हैं, जिन्हें निम्नांकित के रूप में उपयुक्त नाम दिया गया है (i) राष्ट्रीय स्तर पर विकसित परियोजनाएं (एनईपी) और (ii) उद्योग जनित परियोजनाएं (आईओपी);
- पीपीपी मोड: लगभग सभी परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में निर्मित की जाती हैं
- परियोजनाएं अभिनिर्धानित करने एवं निर्मित करने पर बल- महत्वपूर्ण क्षेत्रों का अभिनिर्धारण करने पर अत्यधिक बल दिया गया है और देश के श्रेष्ठ बुद्धिजीवियों की सहायता से परियोजनाएं निर्मित की जा रही हैं । परियोजनावार विशेष रूप से गठित विशेषज्ञ समूह प्रौद्योगिकी विकास पर फोकस सहित अनेक शोधार्थियों और पणधारियों से संपर्क करके परियोजना निर्मित करता है ।
- वैज्ञानिक एवं तकनीकी इनपुट्स- उच्च स्तरीय तकनीकी इनपुट्स परियोजना विकास तथा कार्यान्वयन स्तर दोनों पर उपलब्ध कराया जाता है ।
- मॉनीटरिंग एवं समीक्षा प्रणाली- दो चरणीय कड़ी मॉनीटरिंग प्रणाली उद्देश्यों एवं प्रदेयों को हासिल करना सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभ की गई है । प्रथम चरण पर आंतरिक संचालन समिति होती है जिसमें परियोजना कार्यान्वयन सम्मिलित होता है (इसकी बैठक 3 माह में एक बार होती है) और द्वितीय स्तर पर बाह्य स्वतंत्र मॉनीटरिंग समिति होती है जिसमें मान्यता प्राप्त पीयर्स होते हैं (इसकी बैठक छह माह में कम से कम एक बार होती है) द्वितीय समिति को निम्नांकित की सिफारिश करने की जिम्मेदारियां सौंपी जाती है: (i) परियोजना अथवा उप घटक का प्रतिबन्ध अथवा आशोधन; (ii)अतिरिक्त संस्थागत/औद्योगिक भागीदारों का समावेशन जहां आवश्यक हो; और (iii) किसी/अथवा सभी कार्यान्वयन भागीदारों की वित्तीय सहायता में संशोधन करना;
- आई पी मानचित्रण: यह कार्यक्रम प्रत्येक परियोजना हेतु आईपी परिदृश्य के सतत मानचित्रण हेतु और पोर्टफोलियों का निर्माण करने और नेतृत्व पोजिशन हासिल करने के विचार सहित आईपी की लाइसेंसिंग उपलब्ध कराता है;
- परियोजनाओं का प्रतिबंध: यह कार्यक्रम नॉनपरफॉर्मिंग अथवा नॉन अचिवेबल परियोजना घटकों पर प्रतिबन्ध लगाता है; और
- वित्तीय सहायता- इस कार्यक्रम की नवोन्मेषी विशेषता है कि यह इस परियोजना के सभी प्लेयर्स को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है । यह सहायता सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थागत भागीदारों को अनुदान सहायता और औद्योगिक भागीदारों को सुलभ ऋण (3% की ब्याज दर) के रूप में होती है
प्रबन्धन संरचना
इस कार्यक्रम और परियोजनाओं का प्रबन्धन करने के लिए गतिशील और सक्रिय प्रबंध प्रणाली स्थापित की गई है । प्रबन्धन संरचना के केन्द्र में मिशन निदेशालय है जो सम्पूर्ण कार्यक्रम का प्रबन्धन करता है । यह एक ओर पीआई और मॉनीटरन समिति से तथा दूसरी ओर उच्च अधिकार प्राप्त समिति, महानिदेशक, सीएसआईआर एवं सीएसआईआर की शासी निकाय से अंत:क्रिया करता है ।

परिचालन बदलाव शुरु किए गए
मार्च, 2003 में एनएमआईटीएलआई को अनुमोदन प्रदान करते समय, सीसीईए ने सक्रिय वैश्विक सेटिंग में कार्यकरण की तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर परिचालन बदलाव, सम्पूर्ण वित्तीय परिव्यय के भीतर लाने के लिए सीएसआईआर की शासी निकाय को प्राधिकृत किया था । तदनुसार, सीएसआईआर की शासी निकाय ने आवश्यक समझी गई योजना के परिचालन में परिचालन बदलाव शुरु किए हैं । इनमें निम्नांकित शामिल हैं: (i) स्टार्ट-अप कंपनियों को एनएमआईटीएलआई सहायता हेतु मानदंड के रूप में नवोन्मेषी क्षमता; (ii) चुनिंदा क्षेत्रों में ऋण चुकौती का पुन:निर्धारण; और (iii) आंतरायिक अवधि में वित्तीय सहायता । इनका संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है:
स्टार्ट-अप कंपनियों को निमितली सहायता के मापदंड के रूप में नवोन्मेषी क्षमता
1. यदि एनएमआईटीएलआई स्वयं को केवल (जैसा कि यह वर्तमान में करता है) वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कंपनी की वित्तीय सुदृढ़ता पर विचार करने के लिए बाध्य करता है, तो यह उन सेट-अप्स को सहायता प्रदान करता है जो पहले से ही एक मजबूत वित्तीय स्थिति में होते हैं । यह स्थिति विश्व भर के परिदृश्य के विपरीत है और स्टार्ट-अप कंपनियों को उन नवीन विचारों से वंचित कर देगी, जिसमें बाहर की सोच और दृष्टिकोण होंगे । इसके अलावा, इन कंपनियों की जोखिम लेने की क्षमता बहुत अधिक होती है और वे प्रौद्योगिकी और व्यापार के क्षेत्र में नए मोर्चे प्रारंभ करने की उत्सुक होती हैं । एनएमआईटीएलआई कार्यक्रम के पोषित उद्देश्यों के मद्देनजर इस मामले पर उदार दृष्टिकोण रखते हुए, शासी निकाय (जीबी), सीएसआईआर ने ऐसी कंपनियों को सहायता देने का निर्णय लिया है जिनकी नवोन्मेष क्षमता अधिक है, जो एनएमआईटीएलआई निधियों के 25% तक का उपयोग करती हैं । ऐसी कंपनियों को संरक्षण देने के लिए, मौजूदा मॉनीटरन तंत्र के अलावा, एनएमआईटीएलआई, आईसीआईसीआई जैसी वित्तीय संस्था और नियमित मार्गदर्शन के लिए एक या दो तकनीकी विशेषज्ञ को शामिल करेगा ।
2. चुनिंदा क्षेत्रों में ऋण चुकौती का पुनर्निर्धारण
एनएमआईटीएलआई के तहत वित्तीय सहायता सार्वजनिक क्षेत्र में संस्थागत भागीदारों को अनुदान सहायता के रूप में और निजी क्षेत्र के औद्योगिक भागीदारों को 3% ब्याज सहित सुलभ ऋण के रूप में है । ऋण घटक की चुकौती के साथ-साथ उद्योग भागीदारों द्वारा ब्याज 10 वार्षिक किस्तों में होता है जो परियोजना के पूरा होने के छह माह के भीतर या ऋण की अंतिम किस्त जारी होने के 18 माह के भीतर, जो पहले हो, शुरू होता है । इस प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है जहां ऋण चुकौती देय हो गई है ।
गत कुछ वर्षों से एनएमआईटीएलआई योजना का संचालन करते समय, अपनाई गई इस प्रक्रिया में कुछ कठिनाइयों का अनुभव किया गया है । ये इस प्रकार हैं:
- परियोजना की प्रगति पर निर्भर करते हुए, यदि प्रौद्योगिकी उत्पाद अवधारणा को ठीक करने/मान्य करने के लिए अतिरिक्त कार्य किए जाने की आवश्यकता है, तो मॉनीटरन समिति की सिफारिशों के आधार पर परियोजना को विस्तार प्रदान किया जाता है । ऐसे मामलों में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जहां औद्योगिक साझेदार को ऋण की किस्तों का भुगतान करना पड़ता है, जबकि परियोजना अभी भी चल रही है । इसे ठीक करने की आवश्यकता है, और ऐसा प्रावधान शुरू करने की आवश्यकता है ताकि परियोजना (परियोजनाओं) के पूरा होने के बाद ही ऋण चुकौती प्रारंभ हो ।
- इस योजना में कुछ परियोजनाएँ ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं । परियोजनाएं आमतौर पर या तो ‘प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट’ चरण में या प्रि-क्लिनिकल अनुसंधान के चरण में शुरू होती हैं । उपर्युक्त परियोजनाओं से प्राप्त लीड्स एक व्यावसायिक उत्पाद बनने से पहले अनुप्रयोग और विनियामक प्रक्रिया (मानव विषयों में चरण- I, II और III क्लिनिकल परीक्षणों) से अनिवार्य रूप से गुजरती है । वर्तमान स्थिति में, प्रूफ ऑव कान्सेप्ट/प्रि-क्लिनिकल स्तर पर परियोजनाओं के लिए उद्योग को दिया गया ऋण उस समय वापस करना होगा जब उद्योग इस सूत्रण पर नैदानिक परीक्षण कर रहा होता है । इस प्रकार, उद्योग को दो मोर्चों पर अर्थात् क्लिनिकल परीक्षणों के लिए और ऋण चुकौती के लिए निवेश करने की आवश्यकता है। कई बार, एनएमआईटीएलआई इन परियोजनाओं को क्लिनिकल परीक्षण (चरण- II परियोजना) के संचालन के लिए भी वित्त पोषण करता है । यह ऐसी स्थिति बनाता है जहां एक ओर उद्योग क्लिनिकल परीक्षणों के लिए निधियां प्राप्त कर रहा है और दूसरी ओर पिछले ऋण की किस्त वापस कर रहा है ।
उपर्युक्त विसंगतियों को दूर करने और उद्योग को उनके उत्पाद विकास के प्रयासों में सहायता करने के लिए, शासी निकाय ने उद्योग से ऋण चुकौती को परियोजना के 6 महीने पूरे होने के बाद और ड्रग्स एवं फार्मास्युटिकल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं के मामलों में, नैदानिक परीक्षणों के पूरा होने के 6 महीने के बाद चुकौती को प्रभावी करने का निर्णय लिया ।
3. आंतरायिक अवधि में वित्तीय सहायता
जो परियोजनाएँ ‘कॉन्सेप्ट ऑव प्रूफ’ के चरण से अगले चरण तक चलती हैं, उन्हें एक नई परियोजना के विकास की आवश्यकता होती है । आमतौर पर ऐसी परियोजनाओं का विकास और उनके अनुमोदन में काफी समय लगता है । आंतरायिक अवधि के दौरान वांछित अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बनाए रखने के लिए कोई प्रावधान नहीं था । अत: वांछित आरएंडडी गतिविधियों की गति बनाए रखने और निरंतरता प्रदान करने के लिए, सीएसआईआर ने उन परियोजनाओं हेतु आंतरायिक अवधि में वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया, जिन्हें एक चरण से दूसरे चरण में जाने की सिफारिश की गई थी ।
निमितली का कार्यान्वयन
परियोजनाओं के प्रकार
उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, निमितली ‘पुश’ और ‘पुल’ दोनों प्रकार की परियोजनाओं को विकसित करता है, जिन्हें उचित रूप से निम्नांकित नाम दिए गए हैं (i) राष्ट्रीय रूप से विकसित परियोजनाएं (एनईपी); और (ii) उद्योग जनित परियोजनाएं (आईओपी) । परियोजनाओं का चयन और विकास विशेषज्ञ हस्तक्षेप के माध्यम से फ़िल्टरिंग के कई चरणों सहित एक कठोर प्रक्रिया के बाद किया जाता है । देश के श्रेष्ठ प्रतिभाओं को गहन परामर्श और पणधारियों के साथ चर्चा करके केंद्रित परियोजनाओं को विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। इस प्रकार विकसित की गई परियोजनाओं पर विशेष रूप से गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) द्वारा विचार और समीक्षा की जाती है, जिसमें वित्तीय संस्थानों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं। एचपीसी की सिफारिश (सिफारिशों) पर आईआर की शासी निकाय द्वारा आवश्यक अनुमोदन या परियोजना के अन्यथा के लिए विचार किया जाता है ।
राष्ट्रीय स्तर पर विकसित परियोजनाओं (एनईपी ) और उद्योग जनित परियोजनाओं (आईओपी ) हेतु फ्लो डायग्राम नीचे दिए गए हैं:
कड़ी चयन प्रक्रिया

राष्ट्रीय रूप से विकसित परियोजनाओं (एनईपी) और उद्योग जनित परियोजनाओं (आईओपी) दोनों के लिए चरण-वार प्रक्रिया संक्षिप्त रूप में संलग्नक-1 में दी गई है ।
कड़ी समीक्षा
चरण-वार प्रक्रियाओं के बाद, आईओपी प्रस्तावों की विभिन्न चरणों में कड़ी जांच की जाती है । निम्न तालिका उद्योग से प्राप्त संकल्पनात्मक प्रस्तावों के मामले में लागू कड़ी जांच दर्शाती है:
वर्ष | प्राप्त प्रस्तावों की संख्या | अनुवीक्षण समिति द्वारा लघु सूचीबद्ध प्रस्तावों की संख्या | विकास हेतु क्षेत्रवार विशेषज्ञों द्वारा लघु सूचीबद्ध प्रस्तावों की संख्या | विकसित/लान्च की गईं आईओपी परियोजनाएं |
2002 | 60 | 10 | 3 | 3 |
2003 | 163 | 24 | 5 | 3 |
2004 | 95 | 12 | 3 | 3 |
2005 | 90 | 21 | 4 | 1 |
2006 | 120 | 23 | 7 | 4 |
2007 | 100 | 29 | 8 | 7 |
2008 | 101 | 17 | 5 | 2 |
2009 | 130 | 24 | 11 | 6 |
2010 | 69 | 27 | 16 | 7 |
2011 | 57 | 23 | 7 | 1 |
2012 | 76 | 12 | 6 | 1 |
2013 | 70 | 21 | 12 | 4 |
2014 | 64 | 18 | 9 | 9 |
2015 | 59 | 25 | 8 | 5 |
विकसित परियोजनाएं
निमितली ने 2019 तक 79 विभिन्न क्षेत्रों नामश: कृषि, स्वास्थ्य सुरक्षा, इंजीनियरिंग, ऊर्जा, रसायन और सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी में बड़े पैमाने पर नेटवर्क परियोजनाओं का विकास किया है । इन परियोजनाओं में विभिन्न संस्थानों के 99 उद्योग भागीदार और 318 आरएंडडी समूह शामिल हुए । इन परियोजनाओं में लगभग 1700 शोधकर्ता लगे ।
निमितली की स्थिति
परियोजनाओं की स्थिति नीचे चित्र में दर्शाई गई है। इस कार्यक्रम का निरंतर प्रयास है कि परियोजनाओं को सबसे ऊपर वाले चतुर्भुज में स्थान दिया जाए जहां प्रौद्योगिकी और बाजार की जानकारी कम हो । परिणामस्वरूप, परियोजनाओं से जुड़े जोखिम और पुरस्कार बहुत अधिक हैं । इस प्रकार एनएमआईटीएलआई के लिए अपनाई गई रणनीति प्रतिकूल जोखिम-निवेश प्रोफ़ाइल प्राप्त करने के लिए थी, अर्थात कम निवेश-उच्च जोखिम वाले प्रौद्योगिकी क्षेत्र में (वैश्विक नेतृत्व क्षमता सहित) निवेश बढ़ने से विकास होता है और परियोजनाएं जोखिमों में कमी के साथ नवोन्मेष वक्र पर आगे बढ़ती हैं ।

मॉनीटरिंग और समीक्षा
परियोजनाओं की बारीकी से मॉनीटरिंग और समीक्षा के लिए, दो स्तरीय प्रणाली अपनाई जाती है जो उद्देश्यों और प्रदेयों की प्राप्ति सुनिश्चित करती है । प्रथम स्तर पर, एक आंतरिक विषय-निर्वाचन समिति होती है जिसमें प्रिंसीपल इन्वेस्टिगेटर्स (पीआईएस) शामिल होते हैं, जिनकी 3 माह में एक बार बैठक होती है, वे मॉनीटरन करते हैं और हासिल किए जाने वाले अपने स्वयं के आवधिक लक्ष्य निर्धारित करते हैं । द्वितीय स्तर पर, एक बाह्य स्वतंत्र मॉनीटरन समिति होती है जिसमें मान्यता प्राप्त पीयर्स छह माह में एक बार परियोजना की समीक्षा करते हैं और परियोजना को अपने अंतिम उद्देश्य प्राप्त करने के लिए उसका मार्गदर्शन करते हैं । उद्देश्यों के अनुरूप परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने के अतिरिक्त, बाह्य स्वतंत्र मॉनीटरिंग समिति को निम्नांकित की सिफारिश करने की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं: (i) परियोजना या उप घटक को पहले बंद करना या संशोधन करना; (ii) जहां भी आवश्यक हो, अतिरिक्त संस्थागत/औद्योगिक भागीदारों को शामिल करना; और (iii) किसी भी/या सभी कार्यान्वयन भागीदारों के लिए निधियन सहायता को संशोधित करना ।
निमितली की गतिविधियों का विस्तार
जैसाकि भारत आरएंडडी गतिविधियों और नवोन्मेष निर्देशित के विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है, नए दृष्टिकोण जो नवोन्मेष और भावी विकास को बढ़ावा दे, निमितली के तहत प्रयोग करने की आवश्यकता है । तदनुसार, नवोन्मेष हेतु अनुसंधान और विकास करने के नए तरीकों का प्रयोग करने के लिए क्षैतिज और लंबवत दोनों तरह से निमितली कार्यक्रम का विस्तार करने का प्रस्ताव है । इन नए दृष्टिकोणों का नीचे उल्लेख किया गया है:
1. उद्योग के साथ निधियन (50:50 पहल)
कई भारतीय कंपनियाँ हैं जो आर्थिक रूप से बहुत अच्छा कर रही हैं लेकिन उनके पास अपनी गतिविधियों के अनुसार प्रौद्योगिकियों/उत्पादों के विकास हेतु केंद्रित नेटवर्क परियोजनाओं को विकसित करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता और बौद्धिक संसाधन नहीं हैं । उनके प्रयासों के लिए उपयुक्त आर एंड डी संस्थानों से पूरकता और मान्यता प्राप्त पीयर्स से मार्गदर्शन और नई प्रौद्योगिकियों/उत्पादों का विकास करने और वाणिज्यीकरण की आवश्यकता है । अत:, एनएमआईटीएलआई एक विशिष्ट योजना के माध्यम से उन कंपनियों के उत्पाद/प्रौद्योगिकी विकास में उन कंपनियों के लिए नेटवर्क परियोजनाओं को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करने और ऐसी कंपनियों की सहायता करने के लिए अपने अनुभवात्मक आधार का लाभ उठाने का प्रस्ताव करता है, जिन्हें 'एनएमआईटीएलआई 50:50 पहल' नाम दिए जाने का प्रस्ताव है । परियोजनाओं को अन्य एनएमआईटीएलआई परियोजनाओं के समान कड़ाई से विकसित और कार्यान्वित किया जाएगा ।
यह पहल भारत में विनिर्माण आधार रखने वाली सभी भारतीय या विदेशी कंपनियों पर लागू होगी । इसे एनएमआईटीएलआई से अनुदान के रूप में 50% वित्तीय सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है और शेष 50% परियोजना लागत प्रौद्योगिकी/उत्पाद के विकास और वाणिज्यीकरण के लिए कंपनी से आएगी। प्रौद्योगिकी/उत्पाद के सफल वाणिज्यीकरण पर, कंपनी सीएसआईआर को रॉयल्टी का भुगतान करेगी ।
2. वेंचर कैपिटल फंड्स से सह-वित्तपोषण
संगठन के भीतर डोमेन ज्ञान की कमी के कारण कई वेंचर कैपिटल्स दायरे और जोखिम लेने में सीमित होते हैं । इसलिए वेंचर कैपिटल, एनएमआईटीएलआई में रुचि रखते हैं, जिनके पास संयुक्त रूप से वित्त परियोजनाओं के लिए मजबूत डोमेन ज्ञान आधार है । एनएमआईटीएलआई द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं के बाद ऐसी परियोजनाओं की पहचान की जाएगी और उनका विकास किया जाएगा। फंडिंग पूर्व-निर्धारित अनुपात के साथ संयुक्त होगा, लेकिन एनएमआईटीएलआई का 50% से अधिक योगदान नहीं होगा । इन परियोजनाओं का मॉनीटरन एनएमआईटीएलआई मॉनीटरन तंत्र के अनुसार विशेषज्ञों की एक संयुक्त टीम द्वारा किया जाएगा। प्रस्तावित वित्तपोषण में वेंचर फंडिंग मानदंडों का पालन किया जाएगा । परियोजनाओं की सफलताओं और विफलताओं को समान आधार पर साझा किया जाएगा । यह पहल वेंचर कैपिटल फंड्स को जोखिम भरे आर एंड डी क्षेत्रों में उद्यम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी ।
3. विज्ञान और प्रौद्योगिकी और आर्थिक मंत्रालयों के अन्य विभागों के साथ परियोजनाओं का संयुक्त विकास और समर्थन
कई सरकारी विभाग विशेष रूप से आर्थिक मंत्रालय अपनी प्रासंगिकता के क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास गतिविधियों में लगे हुए हैं । अक्सर इन गतिविधियों में अन्य वैज्ञानिक विभागों के साथ ओवरलैप की काफी संभावना होती है। तथापि, इन विभागों की विशेषज्ञता, अत्याधुनिक क्षेत्रों में बहु-विषयी परियोजनाओं को चलाने के लिए सीमित होती है, जिनमें बौद्धिक और अवसंरचनात्मक इनपुट्स के व्यापक स्पेक्ट्रम की आवश्यकता होती है । ऐसे बहु-विषयी क्षेत्रों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रकाशनों के अलावा आईपीआर, प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को सृजित करने के लिए सभी संबंधित सरकारी विभागों से विशेषज्ञता, इनपुट और ठोस प्रयासों की आवश्यकता है । इसलिए, दसवीं पंचवर्षीय योजना में अंतर-विभागीय परियोजनाओं को सृजित करने के लिए एनएमआईटीएलआई निधियों के हिस्से का उपयोग करने का प्रस्ताव है । अत्याधुनिक क्षेत्रों में बौद्धिक पूंजी, प्रौद्योगिकी और उत्पाद सृजित के अलावा प्रस्तावित योजना आरएंडडी क्षेत्र में सरकार के विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी ।
4. दीर्घकालिक प्रयासों के लिए चयनित क्षेत्रों में एनएमआईटीएलआई इनोवेशन सेंटर्स की स्थापना
कई क्षेत्रों में, देश के विभिन्न संस्थानों में सीमित विशेषज्ञता है । ऐसी विस्तृत विशेषज्ञता से उन क्षेत्रों में कोई सार्थक नवोन्मेष नहीं हुआ है । यहां तक कि एनएमआईटीएलआई की नेटवर्किंग भी ऐसे मामलों में बहुत प्रभावी नहीं होगी क्योंकि इन क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और सुविधाओं के सृजन की आवश्यकता होगी। इसलिए, इन क्षेत्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकियों और उत्पादों, आईपीआर तथा उच्च गुणवत्ता वाले प्रकाशनों का सृजन करने के लिए बौद्धिक अवरोध की सीमा को पार करने के लिए अपेक्षित मानव संसाधन के साथ-साथ बुनियादी ढांचे सहित एक स्थान पर असेम्बल्ड दीर्घकालिक समर्थन की आवश्यकता है । इस प्रकार कुछ चुनिंदा क्षेत्रों उदाहरण के लिए फोटोवोल्टिक, ईंधन सेल्स, व्हाइट एलईडी, औद्योगिक एंजाइम, मेडिकल इम्प्लांट्स, टीकाकरण विकास, बीज विकास आदि में निरंतर प्रयासों के लिए पीपीपी मोड में ‘एनएमएईटीएलएई इनोवेशन सेंटर्स’ स्थापित करने का प्रस्ताव है ।
इन केंद्रों की स्थापना अभिज्ञात संस्थान या स्वतंत्र रूप से की जाएगी । ये केंद्र केवल अभिनिर्धारित क्षेत्र में ही काम करेंगे । सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए, इस गतिविधि में लगे वैज्ञानिकों को वेतन प्लस मिलेगा, जहां वेतन सरकार से आता है और प्लस औद्योगिक भागीदारों से आता है। जैसा कि ईएफसी द्वारा सुझाया गया है, ऐसे केंद्र बनाए जाएंगे जहाँ इनकी अत्यंत आवश्यकता होगी ।
ऐसे प्रत्येक केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय निहितार्थ तैयार किया जाएगा और जीबी, सीएसआईआर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा ।
5. पोस्ट निमितली परियोजनाओं को सहायता प्रदान करना
उत्कृष्ट अनुसंधान एवं विकास और विकासों के बावजूद, प्रयोगशाला में विकसित प्रौद्योगिकियां और उत्पाद 'लास्ट माइल एप्रौच' की कमी के कारण बाजार तक नहीं पहुंचते पाते हैं । कंपनियों को प्रौद्योगिकियों/उत्पादों को और अधिक विकसित करने और इन्हें पैकेज करने तथा इनके वाणिज्यिकृत के लिए सीएसआईआर के सहयोग की आवश्यकता होती है। ‘पोस्ट-एनएमआईटीएलआई’ की अवधारणा को पूर्व-वाणिज्यीकरण से संबंधित गतिविधियों जैसे स्केल-अप, पायलट प्लांट्स, फील्ड ट्रायल, उत्पादों के मार्केट सीडिंग, बाजार सर्वेक्षण आदि को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य को पूरा करने का प्रस्ताव किया जा रहा है। उद्योग के मामले में प्रस्तावित सहायता, सुलभ ऋण के रूप में होगी । यहां तक कि इन पोस्ट-एनएमआईटीएलआई परियोजनाओं की भी उसी तर्ज पर मॉनीटरिंग की जाएगी, जैसाकि एनएमआईटीएलआई के पूर्व-निर्धारित उद्देश्यों वाली परियोजनाओं की जाती है ।
6. पोर्टफोलियो निर्माण के लिए प्रासंगिक ज्ञान/आईपी का प्रारंभिक चरण पर अधिग्रहण
बाजार के लिए नवोन्मेष तथा विचार श्रृंखला में बाह्य विचारों/लीड्स/आईपी अधिग्रहण को अधिक महत्व दिया गया है । बड़ी संख्या में बिना लाइसेंस के आईपी की उपलब्धता (वैश्विक रूप से कई प्रयोगशालाओं में विकसित की जा रही है) इस दृष्टिकोण को उत्साह प्रदान कर रही है । विश्व के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध रचनात्मकता की विविधता का लाभ उठाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और दुनिया भर के कई देश वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए नए उत्पादों/प्रक्रियाओं को लाने के लिए अपने स्वयं के विकास के साथ इनको एकीकृत कर रहे हैं । चूंकि एनएमआईटीएलआई का उद्देश्य भारतीय उद्योग को प्रौद्योगिकीय नेतृत्व प्रदान करना है, इसलिए एनएमआईटीएलआई को अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए ऐसी पद्धतियों को अपनाना अनिवार्य हो जाता है। जैसा कि ईएफसी द्वारा संस्तुति की गई है, इस तरह के अधिग्रहण एक पोर्टफोलियो बनाने के दृष्टिकोण से सावधानीपूर्वक चुने हुए क्षेत्रों तक सीमित होंगे जहां एनएमआईटीएलआई परियोजनाएं चल रही हैं । आईपी अधिग्रहण करने से पहले, आवश्यक यथोचित परिश्रम किया जाएगा और अनुमोदन के लिए प्रस्ताव को सक्षम प्राधिकारी के पास रखा जाएगा ।
7. सीमाओं को पार करना
यह लगातार महसूस किया जा रहा है कि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नेतृत्व हासिल करने के लिए, आंतरिक विशेषज्ञता और क्षमताओं पर पूरी तरह से भरोसा करना पर्याप्त नहीं हो सकता है । वैश्विक नेतृत्व के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता शामिल कर कार्यक्रम को व्यापक बनाने में मदद मिलेगी । अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञता निम्नांकित रूप में हो सकती है: (i) परियोजना के विकास और कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की विशेषज्ञ सलाह; (ii) वैश्विक स्तर पर उत्पाद/प्रौद्योगिकी विकास और वाणिज्यीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को शामिल करना; और (iii) विश्व में अनुसंधान संस्थानों और/या सीआरओ को शामिल करना जहां भारतीय विशेषज्ञता को बाह्य सहायक की आवश्यकता है । इस प्रकार, एनएमआईटीएलआई वैश्विक स्तर पर जहां भी उपलब्ध है, विशेषज्ञता प्राप्त करने या आउटसोर्स करने का प्रयास करता है । इस प्रस्ताव में अन्य बातों के साथ-साथ भारतीय संस्थानों की शर्त में छूट देना शामिल किया जाएगा और कंपनियां केवल एनएमआईटीएलआई में भागीदार हो सकती हैं तथा साथ ही विदेशों से विशेषज्ञों और विशेषज्ञता लेने के लिए विदेशी मुद्रा में निधि जारी कर सकती हैं । जैसा कि ईएफसी द्वारा सिफारिश की गई है, इस प्रावधान का उपयोग चुनिंदा तरीके से किया जाएगा ।
प्रस्ताव को लागू करते समय, जीएफआर प्रावधानों का संभव सीमा तक और सहज अनुपालन किया जाएगा। जहां भी परिवर्तन की आवश्यकता है, शासी निकाय, सीएसआईआर का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा ।
संलग्नक-1
निमितली के तहत राष्ट्रीय रूप से विकसित परियोजनाओं (एनईपी) का विकास करने के लिए चरण-वार प्रक्रिया
I. राष्ट्रीय परामर्श
- संभावित महत्वपूर्ण विचारों की पहचान के लिए व्यापक प्रसार और व्यापक रेंज के राष्ट्रीय परामर्श किए जाते हैं । परामर्श आमतौर पर महानिदेशक, सीएसआईआर की ओर से पत्रों के माध्यम से सभी क्षेत्रों के प्रख्यात व्यक्तियों से किया जाता है ।
- ऐसे प्राप्त सुझावों को एक आंकड़ाधार में संकलित किया जाता है ।
II. सुझावों/विचारों का चयन
दो स्तरीय तंत्र निम्नांकित है:
- विभिन्न विषयों पर विस्तृत प्रदर्शन के साथ सरकारी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विशेषज्ञों की एक स्क्रीनिंग कमेटी जिसमें एनएमआईटीएलआई उद्देश्यों के अनुरूप उनके सुझावों/विचारों को सूचीबद्ध किया गया है;
- अनुवीक्षण समिति की सिफारिश महानिदेशक, सीएसआईआर को उनके विचार, समीक्षा और पुष्टि के लिए प्रस्तुत की गई हैं; तथा
- तत्पश्चात लघु सूचीबद्ध सुझावों/विचारों को विभिन्न क्षेत्रों उदाहरणार्थ कृषि, जैवप्रौद्योगिकी, रसायन, औषधि और फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा, सामग्री, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आदि में वर्गीकृत किया जाता है ।
प्रथम स्तर:
- महानिदेशक, सीएसआईआर द्वारा अलग-अलग विशेषज्ञ समूहों का गठन किया जाता है ताकि उन कुछ विचारों का चयन करने के लिए लघु सूचीबद्ध सुझावों/विचारों पर विचार किया जा सके जो भारत को लाभ प्रदान कर सकते हैं । प्रत्येक विशेषज्ञ समूह में सम्बद्ध क्षेत्रों के 4-5 विशेषज्ञ होते हैं;
- तत्पश्चात चयनित सुझावों/विचारों को महानिदेशक, सीएसआईआर को उनके विचार, समीक्षा और अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किए जाते हैं; तथा
- उसके बाद चयनित विचार से सभी योगदानकर्ताओं को अवगत कराया जाता है ।
दूसरा स्तर:
इसके अतिरिक्त, सीएसआईआर उद्योग और शोधकर्ताओं के साथ बातचीत के माध्यम से परियोजना के विचारों के लिए सक्रिय रूप से स्काउट करता है । यह संभावित परियोजना विचारों को उत्प्रेरित करने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में शोधकर्ताओं के साथ संपर्क बैठकें आयोजित करके किया जाता है । चयनित विचारों पर विचारोत्तेजक बैठक में चर्चा की जाती है और इन अवधारणाओं को महानिदेशक, सीएसआईआर के समक्ष उनके विचार और अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाता है । इसके बाद इन अवधारणाओं को अनुवर्ती चरणों के बाद परियोजनाओं में विकसित किया जाता है ।
III. परियोजना प्रस्ताव तैयार करना
- प्रत्येक चयनित विचार के लिए, एक विशिष्ट विशेषज्ञ समूह (चैंपियंस समूह) को एक परियोजना में चयनित विचार को विकसित करने का कार्य सौंपा जाता है । समूह में संबंधित क्षेत्र के तीन से चार विशेषज्ञ होते हैं, जिनमें से कम से कम एक उद्योग से होता है, जो परियोजना को औद्योगिक दृष्टिकोण प्रदान करता है । चैंपियंस समूह को चयनित क्षेत्र के भीतर महत्वपूर्ण खंड, इसे एक परियोजना में विकसित करने, (सर्वोत्तम) भागीदारों, परियोजना समय सीमा और बजट अनुमान आदि का चयन करने पर फैसला करने के लिए मुक्त रखा जाता है ।
- परियोजना को विकसित करने की दिशा में, चैंपियंस समूह, आपस में आंतरिक बैठकें करने के अलावा, अकादमियों, संस्थानों और उद्योग के क्षेत्र विशिष्ट के शोधकर्ताओं के साथ कम से कम एक बैठक करते हैं ।
यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि एनएमएईटीएलएई परियोजनाओं की एनईपी श्रेणी में भागीदारी आवेदन से नहीं, बल्कि आमंत्रण से होती है। इसके अतिरिक्त, किसी क्षेत्र का सुझाव देने वाले व्यक्ति अनुसंधान परियोजना का हिस्सा हो भी सकते हैं और नहीं भी ।
IV. औद्योगिक भागीदारों को शामिल करना
उद्योग भागीदारों को सूचीबद्ध करने के लिए अन्यों के साथ-साथ कुछ दृष्टिकोण निम्नांकित हैं:
- परियोजनाओं को विकसित करने के समय विचारोत्तेजक बैठक के लिए औद्योगिक भागीदारों को आमंत्रित किया जाता है;
- जहां विचारोत्तेजक बैठक में उद्योग की भागीदारी न्यूनतम या शून्य होती है, सीएसआईआर विशेष रूप से उस उद्योग क्षेत्र की फर्मों को उनके हित मांग करने के लिए पत्र भेजता है;
- सीएसआईआर में पहले टीएनबीडी और अब मिशन निदेशालय स्वतंत्र रूप से संबंधित उद्योगों के साथ बातचीत करता है और परियोजना में उनकी भागीदारी के लिए अनुरोध करता है; तथा
- इस कार्यक्रम में भाग लेने में रुचि दिखाने वाली फर्मों को परियोजनाओं में सूचीबद्ध किया गया है।
V. अनुमोदन
- विकसित की गई अंतिम परियोजना एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के विचारार्थ प्रस्तुत की जाती है, जिसका गठन महानिदेशक, सीएसआईआर द्वारा किया गया है। एचपीसी को एक निर्णय पर पहुंचने की सुविधा देने के लिए, चैंपियंस को एचपीसी में प्रस्तुति देने के लिए आमंत्रित किया जाता है; तथा
- तत्पश्चात एचपीसी की टिप्पणियों/सिफारिशों के साथ-साथ वित्तपोषण पहलू सहित परियोजना प्रस्ताव डीजी, सीएसआईआर/जीबी (एसएफसी)/ईएफसी, जैसा उपयुक्त हो, के अंतिम विचार और अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाता है ।
VI. निधियों का वितरण
भागीदारों के बीच एमओयू/कानूनी करार किया जाता है और फिर परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए निधियां जारी की जाती हैं ।
एनएमआईटीएलआई के तहत उद्योग जनित परियोजनाओं (आईओपी) का विकास करने के लिए चरण-वार प्रक्रिया
I. संकल्पनात्मक विचारों/प्रस्तावों का समाधान
- इस योजना के तहत प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञापन के माध्यम से भारतीय उद्योग से संकल्पनात्मक प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं; तथा
- इस योजना के तहत समर्थन के लिए संकल्पनात्मक विचारों/प्रस्तावों को आमंत्रित करने के लिए सीएसआईआर की ओर से भारतीय उद्योगों को बड़ी संख्या में पत्र भेजे जाते हैं ।
II. संकल्पनात्मक प्रस्तावों का चयन
- निर्दिष्ट समय के भीतर प्राप्त संकल्पनात्मक विचारों/प्रस्तावों का संकलन करना; तथा
- विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की समिति (डीजी, सीएसआईआर द्वारा गठित) द्वारा एनएमएईटीएलएई के उद्देश्यों के लिए उनके संकल्पनात्मक विचारों/प्रस्तावों का प्रथम दृष्टया मूल्यांकन करना।
- प्रख्यात तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञों की समिति (न्यूनतम 3 विशेषज्ञों) द्वारा लघु सूचीबद्ध संकल्पनात्मक विचारों/प्रस्तावों का 1 से 10 स्केल मूल्यांकन आगे विचार और जांच करने के लिए नियत किया गया; तथा
- प्रत्येक विस्तृत क्षेत्र में 5 की न्यूनतम रेटिंग सहित औसत रेटिंग के आधार पर टॉप रेटेड एक या दो विचारों का चयन ।
Fप्रथम स्तर:
दूसरा स्तर:
III. परियोजनाओं में संकल्पनात्मक विचारों का विकास
राष्ट्रीय विशेषज्ञों और संबंधित उद्योग भागीदार के मार्गदर्शन से परियोजना प्रस्ताव में चयनित विचार/संकल्पनात्मक प्रस्ताव का विकास करना । सीएसआईआर उद्योग को प्रस्ताव तैयार करने में सहायता प्रदान करने के लिए इन विशेषज्ञों की पहचान कर इन्हें उपलब्ध कराता है ।
IV. अनुमोदन
- विकसित अंतिम परियोजना प्रस्ताव विचार और सिफारिश के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति को प्रस्तुत किया जाता है; तथा
- तत्पश्चात एचपीसी की सिफारिशों सहित परियोजना का प्रस्ताव डीजी, सीएसआईआर/एसएफसी(जीबी)/ईएफसी, जो उपयुक्त हो, को अंतिम विचार और अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाता है ।
V. निधियों का वितरण
भागीदारों से करार किया जाता है और तत्पश्चात परियोजना के कार्यान्वयन हेतु भागीदारों को निधि जारी की जाती है ।
संलग्नक-2
निमितली परियोजनाओं की सूची (2000-2019):
क्रम सं. | परियोजना का शीर्षक |
---|---|
1. | टू ऑर्डर्स ऑफ मैग्निट्यूड इंप्रूव्ड लिक्विड क्रिस्टल्स फॉर फ्लैट पैनेल डिसप्ले डिवाइसिस |
2. | डिफंक्शनलाइजेशन ऑफ कार्बोहाइड्रेट्स एज ए फीड स्टॉक टू मैन्यूफैक्चर वेल आइडेंटिफाइड इंडस्ट्रियल केमिकल्स |
3. | न्यू टार्गेट्स एंड मार्कर्स फॉर कैन्सर यूज़िंग जीनोमिक्स एंड प्रोटिओमिक्स |
4. | स्टिम्युली सेन्सिटिव पॉलीमेरिक नैनो-पार्टिकल बेस्ड एड्वान्स्ड ड्रग डिलिवरी सिस्टम्स फॉर कैन्सर, डायबिटीज एंड एंटी-बैक्टीरियल्स |
5. | 5 एंड 25 केडब्ल्यू डिसेंट्रलाइज़्ड पावर पैक्स |
6. | लेटेंट म. ट्यूबरक्यूलोसिस: न्यू टार्गेट्स, ड्रग डिलिवरी सिस्टम, बायो-एनहैन्सर्स एंड थेरेप्यूटिक्स |
7. | यूज़िंग फंक्शनल जीनोमिक्स इन टी, मेंथा, अश्वगंधा, प्लांट्स फॉर जीन एक्सप्रेशन मॉडुलेशन |
8. | मेसो-स्केल मॉडलिंग फॉर मॉनसून प्रीडिक्शंस-फेज़-II |
9. | नैनो-मैटीरियल कैटलिस्ट्स एंड एसोसिएटिड प्रोसेस टेक्नोलॉजी फॉर एल्किलैशन/एसिलैशन/नाइट्रेशन ऑफ वेल आइडेंटिफाइड इंडस्ट्रियल केमिकल्स, प्री-रिफॉर्मिंग ऑफ हाइड्रो-कार्बन्स एंड सल्फर रिमूवल (<50 पीपीएम) फ्रॉम पेट्रोलियम फ्यूल्स |
10. | वर्सेटाइल, पोर्टेबल पीसी बेस्ड सॉफ्टवेयर फॉर बायोइन्फॉर्मेटिक्स एंड डवलपमेंट ऑफ लिनक्स क्लस्टर वर्जन ऑफ बायो-स्यूट |
11. | बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक्स फ्रॉम एग्रीकल्चरल वेस्ट्स: सेल्युलोज एस्टर्स बेस्ड ऑन बैगासे एंड स्टीम एक्सप्लोजन-बेस्ड फ्रेक्शंस प्रोसेस ऑफ शुगरकेन बैगासे टू सेल्युलोज, हेमिसेलूलोज एंड लिग्निन-वैलिडेशन एट सेमी-कमर्शियल लेवल |
12. | हर्बल बेस्ड प्रिपेरेशन्स फॉर डीजेनरेटिव डिसॉर्डर्स: डायबिटीज मेलिट्स टाइप-II, ऑस्टियोआर्थ्राइटिस एंड रूमैटाइड आर्थ्राइटिस एंड कॉमन हेपैटिक डिसॉर्डर्स |
13. | बायोटेक्नोलॉजी फॉर रीप्लेसिंग केमिकल प्रोसेस इन लेदर सेक्टर-फेज़-I एंड II |
14. | एनहान्स्ड प्रोडक्टिविटी इन सीमेंट मैन्यूफैक्चर थ्रू इंप्रूव्ड ग्रेन्युलर प्रोसेसिंग एंड रीसोर्स कन्जर्वेशन |
15. | डवलपमेंट ऑफ एन ओरल हर्बल फॉर्मुलेशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ सोरायसिस ए क्लिनिकल एंड साइंटिफिक चैलेंज एंड क्लिनिकल स्टडीज ऑफ एन ओरल हर्बल फॉर्मुलेशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ सोरायसिस एंड फेज़-IIबी एंड III क्लिनिकल ट्रायल्स |
16. | डवलपमेंट ऑफ नोवेल बायोटेक थेरेप्यूटिक मॉलिक्यूल–लाइसोस्टैफिन एंड फेज़-II क्लिनिकल स्टडीज: नोवेल बायो-थेरेप्यूटिक मॉलिक्यूल-लासोस्टैफिन एंड नोवेल बायो-थेरेप्यूटिक मॉलिक्यूल: लाइसोस्टैफिन – फेज़ IIबी/III क्लिनिकल स्टडीज |
17. | माइक्रोबायोलॉजिकल कन्वर्जन ऑफ एरिथ्रोमाइसिन टू क्लेरिथ्रोमाइसिन एंड अदर नोवेल बायोलॉजिकली एक्टिव मॉलिक्यूल्स |
18. | एन्वाइरन्मेंटली सिक्योर रेअर अर्थ बेस्ड कलरेंट फॉर सर्फेस कोटिंग्स एंड फेज़-II |
19. | फंक्शनलाइजेशन ऑफ एल्केन्ज़ |
20. | नोवेल मॉलिक्युलर डायग्नॉस्टिक्स फॉर आइज डिसीज़ेस एंड लो विजन एनहान्स्मेंट डिवाइसिस एंड डवलपमेंट ऑफ डीएनए मेक्रोएरे फॉर द डिटेक्शन ऑफ आइज इंफेक्शंस एंड द जेनेटिक प्रिडिस्पोज़िशन टू ग्लोकामा |
21. | नैनो-मैटीरियल कोटिंग्स एंड एड्वान्स्ड कॉम्पोजिट्स फॉर ट्राइबोलॉजिकल एप्लिकेशन्स इन ऑटोमोटिव इंडस्ट्री |
22. | वैल्यू एडेड पॉलिमेरिक मेटीरियल्स फ्रॉम रिन्यूअबल रिसोर्सेस: लैक्टिक एसिड एंड लैक्टिक एसिड बेस्ड पॉलिमर्स एंड लैक्टिक एसिड एंड लैक्टिक एसिड बेस्ड पॉलिमर्स-इस्टैब्लिशमेंट ऑफ 300 टीपीए पाइलट प्लांट फॉर लैक्टिक एसिड प्रॉडक्शन |
23. | रिकॉबिनेंट अप्रोच टू प्रोड्यूस ए-लिनोलेनिक एसिड एंड डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) इन सनफ्लावर एंड यीस्ट |
24. | ए कॉस्ट इफेक्टिव सिंपल ऑफिस कंप्यूटिंग (सॉफकोम्प) प्लेटफॉर्म टू रीप्लेस पीसी |
25. | ए पीसी बेस्ड हाइ-एंड 3डी विजुएलाइज़ेशन प्लेटफॉर्म फॉर कंप्युटेशनल बायोलॉजी – ‘दर्शी’’ |
26. | इंप्रूव्ड जीनोम एनोटेशन थ्रू ए कॉम्बिनेशन ऑफ मशीन लर्निंग एंड एक्सपेरिमेंटल मेथड्स: प्लाज्मोडियम फाल्सीपैरम एज ए केस स्टडी |
27. | ओरैल डिलिवरी ऑफ इंसुलिन |
28. | फार्माकोलॉजिकल एंड जीनोमिक इन्वेस्टिगेशन्स ऑन विथानिया सोम्नीफेरा - एन इंडियन मेडिसिनल प्लांट एंड लीड्स बेस्ड ड्रग डवलपमेंट एंड जीनेटिक इंप्रूव्मेंट ऑफ अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा) |
29. | डवलपमेंट ऑफ नोवेल फंगीसाइड्स |
30. | बायोटेक्नोलॉजिकल अप्रोचज फॉर इंप्रूव्मेंट ऑफ प्लांट स्पीशीज वीद स्पेशल रेफरेन्स टू पल्प एंड पेपर |
31. | डवलपमेंट ऑफ फ्यूल सेल्स बेस्ड ऑन हाइड्रोजन एंड डवलपमेंट एंड डेमोन्स्ट्रेशन ऑफ पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट फ्यूल सेल स्टैक्स फॉर स्टेशनरी एप्लिकेशन्स एंड डेमॉन्स्ट्रेशन एंड वैलिडेशन ऑफ 3kWe पीईएमएफसी सिस्टम |
32. | डवलपमेंट ऑफ ए 500 KW लो कॉस्ट हॉरिजोंटल-एक्सिस विंड टरबाइन |
33. | Nनोवेल एक्सप्रेशन सिस्टम |
34. | डवलपमेंट ऑफ सेलेक्टेड मेडिकल इम्प्लांट्स एंड डवलपमेंट ऑफ डेंटल इमप्लांट्स-फेज़-II स्टडी |
35. | जेनेटिक इंप्रूव्मेंट ऑफ जैट्रोफा करकस फॉर अडैप्टैबिलिटी एंड ऑयल यील्ड |
36. | डवलपमेंट ऑफ ग्लोबली कॉम्पेटिटिव ‘ट्रिपल-प्ले’ ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी |
37. | नॉवल फॉर्मुलेशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ पुल्मनरी ट्यूबरक्यूलोसिस क्लिनिकल स्टडीज |
38. | मार्केट सीडिंग ऑफ सोफकोम्प एंड मोबिलिस टू डेवेलप वाइड-रेंजिंग एप्लिकेशन्स एज वेल एज इनक्रीज अवेयरनेस |
39. | प्रोसेस फॉर तमिफ्लु – ए ब्लॉकबस्टर ड्रग टू कॉम्बेट द मेनास ऑफ एवियन फ़्लू |
40. | डवलपमेंट ऑफ प्रोडक्शन सिस्टम फॉर टी पॉलीफीनोल्स एंड देयर कंडेन्स्ड प्रॉडक्ट्स |
41. | डवलपमेंट ऑफ एन इंटीग्रेटिड माइक्रो पीसीआर सिस्टम वीद इन-सीटू आइडेंटिफिकेशन एंड वैलिडेशन ऑफ हैंडहेल्ड डायग्नॉस्टिक प्लेटफॉर्म फॉर एचबीवी डिटेक्शन |
42. | ए प्रोस्पेक्टिव स्टडी टू कोरीलेट जीन सिगनेचर्स वीद क्लिनिकल आउटकम ऑफ एस्ट्रोसाइटोमस एंड आइडेंटिफिकेशन ऑफ पोटेंशियल टार्गेट(टार्गेट्स) |
43. | डवलपमेंट ऑफ हाई थ्रूपुट मार्कर असिस्टेड सेलेक्शन सिस्टम्स फॉर इंप्रूव्मेंट ऑफ ड्राउट टॉलरेन्स एंड फाइबर क्वालिटी रिलेटेड ट्रेट्स इन कॉटन |
44. | नोवेल मेथड फॉर डवलपमेंट ऑफ बी-टाइप नेट्रियुरेटिक पेप्टाइड (बीएनपी) फॉर डायग्नोसिस एंड ट्रीटमेंट ऑफ कन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर |
45. | डवलपमेंट ऑफ नेक्स्ट जेनरेशन प्लाज्मा डिसप्ले टेक्नोलॉजी एंड ए 50 इंच हाई डेफिनेशन (एचडी) टीवी प्रोटोटाइप |
46. | वायरलेस सेन्सर नेटवर्क चिपसेट बेस्ड ऑन अल्ट्रा–बाइडबैड टेक्नोलॉजी |
47. | कन्वर्जन ऑफ सेल्युलोस एंड हेमी-सेल्युलोज इनटू शुगर्स एंड इथेनॉल |
48. | कन्वर्जन ऑफ बायोग्लाइसरोल इनटू वैल्यू एडेड केमिकल्स एंड स्केल-अप ऑफ सीएसआईआर-एनसीएल प्रोसेस फॉर सेलेक्टिड हाईड्रोजीनोलाइसिस ऑफ ग्लाईसरोल टू 1, 2-पेन-डाई-ओल |
49. | नोवेल अप्रोचेज फॉर प्रोडक्शन ऑफ हाइब्रिड सीड्स वीद कैरेक्टरिस्टिक्स ऑफ इंप्रूव्ड इन्सेक्ट रेज़िस्टेन्स एंड हायर यील्ड |
50. | मेसो-स्केल मॉडलिंग फॉर मानसून प्रिडिक्शन्स – फेज़-II |
51. | डिज़ाइन एंड डवलपमेंट ऑफ कुशन बोंडेड ऑर्गेनिक सिरामिक क्लच डिस्क्स |
52. | इंटेलिजेंट वीडियो सर्वेलान्स सिस्टम |
53. | नोवेल थैरेपी फॉर मैनेजमेंट ऑफ सेप्सिस एंड नोवेल थैरेपी फॉर मैनेजमेंट ऑफ सेपसिस फेज़- II स्टडी |
54. | ए सिंड्रोमिक अप्रोच तो डायग्नोसिस ऑफ इन्फेक्शन्स: डवलपमेंट ऑफ डीएनए मैक्रो-चिप्स फॉर साइमल्टेनियस डिटेक्शन ऑफ पैथोजेंस कॉज़िंग एईएस (एक्यूट एंसेफालिटिक सिंड्रोम) एंड सेप्टिकैमिया |
55. | इवैल्यूशन ऑफ RNAi-बेस्ड कन्स्ट्रक्ट्स फॉर कन्फरिंग रेज़िस्टेन्स ऑन ट्रान्सजेनिक राइस अगेन्स्ट द ब्लास्ट फंगस मैगनोपोर्थे ग्रिसिया |
56. | डवलपमेंट एंड कैरेक्टराइज़ेशन ऑफ एन इंडिजेनस वैक्सीन फॉर जोंस डिसीज़ |
57. | डवलपमेंट ऑफ काइरूलोमाइसिन्स एज नोवेल इम्यूनोसपरेसिव एजेंट्स टू प्रिवेंट ऑर्गेन रिजेक्शन आफ्टर ट्रान्सप्लानटेशन एंड टू अड्रेस वेरियस ऑटो-इम्यून एंड एलर्जिक डिसॉर्डर्स |
58. | नोवेल डीपीपी-IV इन्हीबिटर्स फॉर द ट्रीटमेंट ऑफ डायबिटीज एंड नोवेल डीपीपी-IV इन्हीबिटर–फेज़-I/II स्टडी: ए सेफ्टी, फार्माकोकाईनेटिक एंड फार्माकोडाइनेमिक्स स्टडी ऑफ सीपीएल-2009-0031 इन हेल्थी वॉल्यूंटियर्स एंड पेशेंट्स वीद टाइप 2 डायबिटीज मेलिट्स (टी2डीएम) |
59. | बायोफ्यूल फ्रॉम माइक्रोऐल्गै |
60. | डवलपमेंट एंड प्रोडक्शन ऑफ ए थेरेप्यूटिक मॉनोक्लोनैल एंटीबॉडी अगेन्स्ट eNAMPT, ए नोवेल इनफ्लैमेटरी टार्गेट |
61. | बायोमार्कर नेक एंड हेड कैन्सर |
62. | डिज़ाइन, डवलपमेंट एंड डेमॉन्स्ट्रेशन ऑफ हाई परफोर्मेन्स पारबोलिक ट्रफ बेस्ड 300 kW सोलर थर्मल पावर प्लांट |
63. | डवलपमेंट एंड डेमोन्स्ट्रेशन ऑफ 500 डब्ल्यू एसओएफसी स्टैक वीद हाइड्रोजन एज फ्यूल एंड टेस्टिंग ऑफ शॉर्ट स्टैक वीद सिंथेटिक गैस एंड डवलपमेंट एंड डेमोन्स्ट्रेशन ऑफ 1kWe एसओएफसी स्टैक वीद हाइड्रोजन एंड एअर एंड 500 We एसओएफसी स्टैक वीद रिफोर्म्ड नैचुरल गैस एंड एअर |
64. | द नेक्स्ट जेनरेशन विंड पावर पवर टेक्नालॉजी: कोंट्रा-रोटर विंड टरबाइन (सीआरडब्ल्यूटी) सिस्टम |
65. | डवलपमेंट एंड कमर्शियलाइजेशन ऑफ “वेन्नफ़ेर” – यूनिक एच.264 हाई डेफिनेशन सोफ्टवेर बेस्ड मल्टीपार्टी, मल्टीपाइंट वीडियो कॉन्फरेन्सिंग सोल्यूशन ऑन मल्टीपाइंट नेटवर्क ट्रान्समिशन प्रोटोकॉल |
66. | Dडवलपमेंट एंड कमर्शियलाइज़ेशन ऑफ NXR-4D: ए लीथियम-आयन बैटरी पावर्ड 4-डोर नेक्स्ट जेनरेशन इलेक्ट्रिक कार (4-सीटर कैपेसिटी) - महिंद्रा रीवा इलेक्ट्रिक वहिकल्स प्रा.लि., बेंगलूरु |
67. | डिज़ाइन एंड फॅब्रिकेशन ऑफ ऑल-फाइबर सुपरकॉन्टिनम लाइट सोर्स वीद एप्लिकेशन डेमोन्स्ट्रेशन टू डिटेक्ट फेक पिल्स: विन्विश टेक्नोलॉजीज प्रा.लि., तिरूवनंतपुरम |
68. | डवलपमेंट एंड कमर्शियलाइज़ेशन ऑफ सोलेक्शा लाइट – एन इनोवेटिव इलेक्ट्रिकल ग्रीन ट्रांस्पोर्ट प्लैटफॉर्म: काइनेटिक इंजीनियरिंग लि., पुणे |
69. | कस्टमाइज़्ड एडप्टेशन ऑफ नोनक्लोनेबल टेक्नोलॉजी टू इस्टेब्लिश आथेंटीसिटी ऑफ मेडिकल प्रॉडक्ट्स: बिलकेयर लि., पुणे |
70. | डवलपमेंट ऑफ ए डायग्नोस्टिक सिस्टम फॉर अफोर्डेबल, पोइंट ऑफ नीड टेस्टिंग टू मैनेज एचआईवी एंड टीबी: रीमेट्रिक्स इंडिया प्रा.लि., बेंगलूरु |
71. | डवलपमेंट ऑफ नॉन-हजार्ड्स प्रोसेस फॉर द सिंथेसिस ऑफ दी डाई-मेथील कार्बोनेट (डीएमसी) फ्रॉम मीथेनॉल एंड यूरिया |
72. | सिस्टम बेस्ड कंप्युटेशनल मॉडेल ऑफ स्किन ( SCoMOS): सीएसआईआर-आईजीआईबी, दिल्ली |
73. | इंटीग्रेटिड टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन्स फॉर सिक्यूरिटी एंड ऑपरेशन्स बेस्ड ऑन यूवी सेन्सर टेक्नोलॉजीज |
74. | डिज़ाइन एंड डवलपमेंट ऑफ फ़ोटोनिक क्रिस्टल क्लेडेड एंड डबल कॉल्ड Er एंड Er/Yb फाइबर्स, एंड एप्लिकेशन डेमोन्स्ट्रेशन ऑफ हाई-पावर ऑप्टिकल एंप्लिफाइयर |
75. | डेमोन्स्ट्रेशन एंड वैलिडेशन ऑफ ए 5 kW.HT-PEMFC बेस्ड कंबाइंड कूलिंग एंड पावर सिस्टम |
76. | डेमोन्स्ट्रेशन एंड वैलिडेशन ऑफ ए एलटी-पीईएमसी सिस्टम फॉर ऑटोमोटिव एप्लिकेशन |
77. | डवलपमेंट ऑफ एन एंटी डायबिटिक एजेंट बेस्ड ऑन द फाइटोफार्मास्यूटिकल ड्रग गाइडलाइन्स फ्रोम एनिकोस्टेमा लिटोरैल ब्ल्यूम |
78. | कैप्पाफायकस अलवारेजी एंड रेड सीवीड बेस्ड फॉर्म्युलेशन्स फॉर इंप्रूविंग प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ ऑफ डेरी एंड पोल्ट्री एनिमल्स |
79. | ऑटोमेशन ऑफ घानी ऑपरेशन थ्रू वैक्यूम कन्वेयिंग सिस्टम |
संलग्नक-3
निमितली परियोजनाओं की एक झलक में (योजना के प्रारंभ से)
विभिन्न डोमेन के तहत परियोजना
स्वास्थ्य सुरक्षा | कृषि | इंजीनियरिंग |
---|---|---|
1. जीनोमिक्स और प्रोटिओमिक्स का उपयोग करके कैंसर हेतु नए लक्ष्य और मार्कर 2. कैंसर, मधुमेह और एंटी-बैक्टीरियल हेतु स्टिमुली संवेदनशील पॉलीमेरिक नैनो-कण आधारित एडवांस्ड ड्रग डिलिवरी सिस्टम 3. लैटेंट एम. क्षय रोग: नए लक्ष्य, ड्रग डिलिवरी सिस्टम, जैव-संवर्धक और चिकित्सीय और नैदानिक परीक्षण 4. अपक्षयी विकारों हेतु हर्बल आधारित विरचन: इंसुलिन संवेदीकरण और हर्बोपॉइंट पर जोर देने के साथ मधुमेह मेलिटस टाइप-II (एनआईडीडीएम) और अपक्षयी विकारों हेतु हर्बल आधारित विरचन: ऑस्टियोआर्थ्राइटिस और रूमटॉइड आर्थ्राइटिस विशेष रूप से दर्द प्रबंधन के लिए, तथा अपक्षयी विकारों हेतु हर्बल आधारित विरचन: हेपेटोसेल्यूलर संरक्षण और हर्बोप्रिंट पर जोर देने के साथ सामान्य यकृत संबंधी विकार 5. सोरायसिस के उपचार और ओरल हर्बल सूत्र का विकास-क्लिनिकल और वैज्ञानिक चुनौती 6. नवीन बायोटेक चिकित्सीय अणु का विकास-लाइसोस्टैफिन और नवीन जैव-चिकित्सीय अणु: लाइसोस्टैफिन – चरण-IIb/III नैदानिक अध्ययन 7. एरिथ्रोमाइसिन से अन्य नवीन जैविक रूप से सक्रिय अणुओं का माइक्रोबायो-लॉजिकल रूपांतरण 8. नवीन आणविक निदान हेतु नेत्र रोगों और कम दृष्टि की वृद्धि हेतु उपकरण और आंखों के संक्रमण का पता लगाने और ग्लूकोमा के लिए आनुवंशिक प्रवृत्ति हेतु डीएनए मैक्रोएरे का विकास 9. इंसुलिन की ओरल डिलिवरी 10. तमिफ्लू के लिए प्रक्रिया - एवियन फ्लू के खतरे का मुकाबला करने के लिए ब्लॉकबस्टर दवा 11. एस्ट्रासाइटोमस के नैदानिक परिणाम और संभावित चिकित्सीय लक्ष्य (लक्ष्यों) की पहचान के साथ जीन सिग्नेचर्स को सहसंबंधित करने के लिए संभावित अध्ययन। 12. स्व-स्थाने पहचान-चरण-II सहित एकीकृत माइक्रो पीसीआर प्रणाली का विकास 13. हृदपात के निदान और उपचार के लिए बी-टाइप नेट्रियूरेटिक पेप्टाइड (बीएनपी) के विकास के लिए नई विधि 14. फुफ्फुसीय तपेदिक के उपचार हेतु नवीन सूत्रण - नैदानिक अध्ययन 15. सेप्सिस के प्रबंधन हेतु नवीन चिकित्सा 16. संक्रमण के निदान हेतु सिंड्रोम संबंधी दृष्टिकोण: एईएस (एक्यूट इन्सेफैलाइटिक सिंड्रोम) और सेप्टीसीमिया के कारण रोगजनकों का एक साथ पता लगाने के लिए डीएनए मैक्रो-चिप्स का विकास 17. जोंस रोग के लिए स्वदेशी वैक्सीन का विकास और लक्षण-वर्णन 18. प्रत्यारोपण के बाद ऑर्गेनरीजेक्शन को रोकने के लिए और विभिन्न ऑटो-इम्यून और एलर्जी विकारों का उपचार करने के लिए नवीन इम्युनोसप्रेसिव एजेंटों के रूप में कैरुलोमाइसिन्स का विकास 19. मधुमेह के उपचार के लिए नवीन डीपीपी IV संदमक और नवीन डीपीपी IV संदमक-चरण-I/II अध्ययन: हेल्थी वॉल्यूंटियर्स और टाइप-2 डायबिटिज में लिट्स में CPL-2009-0031 का सुरक्षा, फार्माकोकाइनेटिक और फार्माकोकाइनैमिक्स अध्ययन 20. eNAMPT, नवीन शोथ लक्ष्य के विरूद्ध चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का विकास और उत्पादन 21. भारत में सिर और गर्दन के कैंसर के लिए नए बायोमार्कर्स की खोज और वैधीकरण 22. चिकित्सा उत्पादों की प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए नॉन-क्लोनेबल आईडी प्रौद्योगिकी का कस्टेमाइज्ड अनुकूलन 23. एचआईवी और टीबी के प्रबंधन के लिए सस्ती, पॉइंट ऑफ़ नीड टेस्टिंग हेतु नैदानिक प्रणाली का विकास 24. एनीकोस्टेमा लिटोरेल ब्लूम से फाइटोफार्मास्युटिकल ड्रग दिशानिर्देशों के आधार पर एंटीडायबिटिक एजेंट का विकास। चयनित चिकित्सा प्रत्यारोपणों का विकास और डेंटल इम्प्लांट्स-फेज-II अध्ययन का विकास |
1. जीन निष्पीड़न मॉडुलन हेतु चाय, मेंथा, अश्वगंधा, पादपों में कार्यात्मक जीनोमिक्स का उपयोग करना 2. कृषि अपशिष्टों से जैवनिम्नीकृत प्लास्टिक: बैगास पर आधारित सेल्यूलोज एस्टर्स 3. विथानिया सोमनिफेरा पर औषधीय और जीनोमिक अंवेषण-भारतीय औषधीय पौधा और लीड्स आधारित अश्वगंधा (विथैनिया सोमनिफेरा) के औषधीय विकास और आनुवंशिक सुधार 4. नवीन निष्पीडन प्रणाली 5. नवीन कवकनाशियों का विकास 6. लुगदी और कागज के विशेष संदर्भ में पादप प्रजातियों में सुधार के लिए जैवप्रौद्योगिकी संबंधी दृष्टिकोण 7. अनुकूलनशीलता और तेल पैदावार के लिए जेट्रोफा करकस का आनुवंशिक सुधार 8. टी पॉलीफीनोल्स और उनके संघनित उत्पादों के लिए उत्पादन प्रणाली का विकास 9. कपास में सूखा सहिष्णुता और फाइबर की गुणवत्ता से संबंधित लक्षणों में सुधार के लिए हाई थ्रूपुट मार्कर समर्थित चयन प्रणाली का विकास 10. उन्नत कीट प्रतिरोध और उच्च पैदावार की विशेषताओं सहित संकर बीजों के उत्पादन हेतु नवीन दृष्टिकोण 11. ब्लास्ट फंगस मैग्नापोर्थे ग्रिसिया के विरूद्ध ट्रांसजेनिक चावल पर प्रतिरोध का विरोध करने के लिए RNAi-आधारित निर्माणों का मूल्यांकन 12. डेयरी और पोल्ट्री पशुओं की उत्पादकता और स्वास्थ्य में सुधार के लिए कप्पाफाइकस अल्वैरेज़ी और लाल समुद्री शैवाल पर आधारित सूत्र। |
1. मानसून की भविष्यवाणियों के लिए मैसो-स्केल मॉडलिंग और मानसून भविष्यवाणियों-चरण-II के लिए मैसोस्केल मॉडलिंग 2. सतह की कोटिंग्स के लिए पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित रेअर अर्थ आधारित रंग 3. ऑटोमोटिव उद्योग में ट्राइवोलॉजिकल अनुप्रयोगों के लिए नैनो-सामग्री कोटिंग्स और उन्नत कम्पोजिट्स 4. नेक्स्ट जनरेशन की प्लाज़्मा प्रदर्शन प्रौद्योगिकी और 50 इंच-हाई डेफिनिशन (एचडी) टीवी प्रोटोटाइप का विकास 5. कुशन बांडिड कार्बनिक सिरैमिक क्लच डिस्क्स का डिजाइन और विकास 6. NXR-4D का विकास और वाणिज्यीकरण: लीथियम आयन बैटरी से संचालित 4-डोर नक्स्ट जनरेशन इलेक्ट्रिक कार (4-सीटों की क्षमता वाली) – 7. स्पेक्ट्रोस्कोपिक सिग्नेचर का डिटेक्शन पर एप्लीकेशन प्रदर्शन सहित ऑल-फाइबर सुपरकॉन्टिनम लाइट सोर्स का डिज़ाइन और विनिर्माण 8. सोलेकशा लाइट का विकास और वाणिज्यीकरण – इनोवेटिव इलेक्टिक ग्रीन ट्रांस्पोर्ट प्लेटफ़ॉर्म: 9. यूवी सेंसर प्रौद्योगिकियों पर आधारित सुरक्षा और परिचालन के लिए एकीकृत प्रौद्योगिकीय समाधानों का विकास 10. फोटोनिक क्रिस्टल क्लेडेड और डबल Er और Er/Yb नामक फाइबर का डिजाइन और विकास, हाई-पावर ऑप्टिकल एम्प्लिफायर का अनुप्रयोग प्रदर्शन 11. वैक्यूम कंवैइंग सिस्टम के माध्यम से घानी संचालन का परिचालन |
ऊर्जा | रसायन | सूचना प्रौद्योगिकी |
---|---|---|
1. 5 और 25 किलोवॉट विकेंद्रीकृत पॉवर पैक्स । 2. बेहतर दानेदार प्रसंस्करण: सीमेंट निर्माण में ऊर्जा दक्षता और संसाधन संरक्षण की दिशा में । 3. एल्केन्स का फंक्शनलाइजे़शन । 4. हाइड्रोजन आधारित ईंधन सेलों का विकास; और स्थाई अनुप्रयोगों के लिए पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट फ्यूल सेल स्टैक्स का विकास एवं प्रदर्शन; और 3KWe पीईएमएफसी प्रणाली का प्रदर्शन एवं वैधीकरण । 5. 500 किलोवॉट की सस्ती क्षैतिज अक्षीय विंड टर्बाइन का विकास 6. समुद्री सूक्ष्मशैवाल से जैव ईंधन 7. 300 किलोवॉट सोलर थर्मल पॉवर प्लांट आधारित उच्च प्रदर्शन वाली पैराबॉलिक ट्रॉफ का डिज़ाइन, विकास एवं प्रदर्शन 8. ईंधन के रुप में हाइड्रोजन के साथ 500W एसओएफसी स्टैक का विकास एवं प्रदर्शन और सिंथेटिक गैस के साथ छोटे स्टैक का परीक्षण और हाइड्रोजन एवं वायु व 500We एसओएफसी के साथ 1KWe एसओएफसी स्टैक का विकास तथा प्रदर्शन 9. नेक्स्ट जनरेशन विंड पॉवर टेक्नोलॉजी: कॉन्ट्रा-रोटर विंड टर्बाइन (सीआरडब्ल्यूटी) सिस्टम 10. 5KW HT-PEMFC आधारित संयुक्त कूलिंग और पॉवर प्रणाली का प्रदर्शन एवं वैधीकरण 11. ऑटोमोटिव अनुप्रयोग हेतु LT-PEMFC प्रणाली का प्रदर्शन एवं वैधीकरण 12. उन्नत प्राकृतिक गैस एवं वायु के साथ स्टैक |
1. सपाट पैनल वाले प्रदर्शन उपकरणों हेतु बेहतर परिणाम के तरल क्रिस्टलों के दो क्रम । 2. भली-भांति अभिनिर्धारित औद्योगिक रसायनों के निर्माण हेतु फीड स्टॉक के रूप में कार्बोहाइड्रेट का विघटन । 3. भली-भांति अभिनिर्धारित औद्योगिक रसायनों के एल्काइलेशन/एसाइलेशन/नाइट्रेशन के लिए नैनो-मेटीरियल उत्प्रेरक और सम्बद्ध प्रक्रिया प्रौद्योगिकी, पेट्रोलियम ईंधनों से हाइड्रोकार्बनों और सल्फर के निष्कासन (<50ppm) की प्री-रिफॉर्मिंग 4. चमड़े के क्षेत्र में रासायनिक प्रक्रिया के बदले में जैवप्रौद्योगिकी-चरण । व चरण ॥ 5. नवीनकरणीय संसाधनों स मूल्य वर्धित पॉलीमरिक सामग्रियां: लैक्टिक एसिड और लैक्टिक एसिड आधारित पॉलीमर और लैक्टिक एसिड एवं लैक्टिक एसिड आधारित पॉलिमर्स-लैक्टिक एसिड उत्पादन हेतु 300 टीपीए पायलट प्लांट का अधिष्ठापन 6. सूरजमुखी और खमीर में ए-लिनोलेनिक एसिड और डोकोसाहैक्सेनोइक एसिड (डीएचए) का उत्पादन करने के लिए पुनरावर्ती दृष्टिकोण 7. सेल्यूलोज़ और हेमी-सेल्युलोज़ का शर्करा (शुगर) और इथेनॉल में रूपान्तरण 8. मूल्य वर्धित रसायनों का बायोग्लाइसेरॉल में अंतरण और 1, 2-प्रोपेनेडिओल-फे़ज 2 के लिए ग्लाइसेरॉल के चयनात्मक हाइड्रोजेनॉलिसिस हेतु सीएसआईआर-एनसीएल प्रक्रिया का स्केल अप 9. मेथेनॉल और यूरिया से डाई मिथाइल कार्बोनेट (डीएमसी) के संश्लेषण हेतु जोखिम रहित प्रक्रिया का विकास |
1. बायो-स्वीट के लिनक्स क्लस्टर वर्ज़न के बायोइंफर्मेटिक्स एवं विकास के लिए परिवर्तनशील, सुवाह्य पीसी आधारित सॉफ्टवेयर । 2. पीसी को बदलने के लिए लागत प्रभावी सरल ऑफिस कम्प्यूटिंग (सॉफकॉम्प) प्लेटफॉर्म । 3. जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ व्यापक अनुप्रयोग विकसित करने हेतु सॉफकॉम्प और मोबिलिस की मार्केट सीडिंग 4. कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी के लिए पीसी आधारित हाई-एंड 3 डी वीजुअलाइजे़शन प्लेटफॉर्म-‘दर्शी’ 5. मशीन लर्निंग और प्रयोगात्मक विधियों के संयोजन के माध्यम से बेहतर जीनोम एनोटेशन: केस स्टडी के रूप में प्लास्मोडियम फैल्सीपेरम 6. वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धात्मक ‘ट्रिपल-प्ले’ ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी 7. अल्ट्रा-वाइडबैंड टेक्नोलॉजी पर आधारित वायरलेस सेंसर नेटवर्क चिपसेट 8. इंटेलीजेंट वीडियो सर्वेलेंस सर्वर सिस्टम का विकास 9. मल्टीप्वॉइंट नेटवर्क ट्रांसमिशन प्रोटोकॉल हेतु ‘‘वेन्फर’’ नामक एक अद्धितीय H.264 उच्च रूप से परिभाषित सॉफ्टवेयर पर आधारित मल्टीपार्टी, मल्टीप्वॉइंट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्यूशन का विकास और वाणिज्यीकरण 10. त्वचा का प्रणाली आधारित कम्प्यूटेशनल मॉडल (SCoMOS) |
संलग्नक-4
निमितली परियोजनाएं (राष्ट्रीय स्तर पर विकसित परियोजनाएं)
वर्ष | परियोजना शीर्षक | संस्थागत भागीदार | उद्योग भागीदार | बजट (रुपये लाख में) |
---|---|---|---|---|
2000-2003 | 1. टू ऑडर्स ऑफ मैग्नीट्यूड इम्प्रूव्ड लिक्विड क्रिस्टल्स फॉर फ्लैट पैनल डिस्प्ले डिवासेज़ | सीएलसीआर, बैंग्लौर | बीईएल, बैंग्लौर | 147.000 |
2. डिफंक्शनलाइजे़शन ऑफ कार्बोहाइड्रेट्स ऐज़ ए फीड स्टॉक टू मैन्यूफैक्चर वेल आइडेंटीफाइड इंडस्ट्रियल कैमिकल्स | एनसीएल; आरआरएल, जम्मू; आईआईसीटी; आरआरएल, ट्रिव.; आईआईटी-एम; यूडीसीटी, मुम्बई; यूडीएससी, नई दिल्ली; टीईआरआई, नई दिल्ली; टीईआरआई, नई दिल्ली; एआरआई, पुणे | जीएनएफसी, भरूच; प्रतिष्ठा इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, सिकंदराबाद और अनिल स्टार्च प्रोडक्ट, नई दिल्ली | 253.710 | |
3. न्यू टार्गेट्स एंड मार्कर्स फॉर कैंसर यूज़िंग जीनॉमिक्स एवं प्रोटिओमिक्स | सीसीएमबी; आईआईएससी; टीएमसी, मुम्बई; आरजीसीआईआरसी, एनडी; मनीपाल, बैंग्लौर; आईएसीएस, कोलकाता | डीआरएफ, गाज़ियाबाद | 1533.596 | |
4. स्टीमुली सेंसिटिव पॉलीमेरिक नैनो-पार्टिकल बेस्ड एडवान्स्ड ड्रग डिलिवरी सिस्टम्स फॉर कैंसर, डाइबिटीज़ एंड एंटी-बैक्टीरियल्स | एनसीएल; सीडीआरआई; डीयू, दिल्ली; डीयूएससी, नई दिल्ली; एससीटीआईएमएसटी; यूडीसीटी; एनआईपीईआर | ल्यूपिन मुम्बई; रैनबैक्सी; वोक्हार्ट; यूएसवी एंड सन फार्मा | 315.532 | |
5. 5 एंड 25KW डीसेंट्रेलाइज़्ड पॉवर पैक्स | एनसीएल; एसएसएफ, चेन्नै | बीएचईएल; सड-कैमी, नई दिल्ली | 609.740 | |
6. लेटेन्ट एम. ट्यूबरकुलोसिस: न्यू टार्गेट्स, ड्रग डिलिवरी सिस्टम, बायो-इंहैन्सर्स एंड थेरेप्यूटिक्स एंड क्लीनिकल ट्रायल्स | एनसीएल; आईआईटीसी; सीडीआरआई; आईटीआरसी; आईजीआईबी; आरआरएल जम.; यूओएच, हैदराबाद; एनआईपीईआर; आईसीजीईबी; बोस इंस्ट.; कोलकाता; आईआईएससी; एनआईआई; सीडीएफडी | ल्यूपिन इंडस्ट्रीज़, मुम्बई | 3549.585 | |
7. यूजिंग फंक्शनल जीनॉमिक्स इन टी, मेंथा, अश्वगंधा प्लांट्स फॉर जीन एक्स्प्रेशन मॉड्यूलेशन | एनबीआरआई; सीआईएमएपी; आईएचबीटी; आरआरएल, जम.; यूडीएससी, नई दिल्ली; एमएसयू, बड़ौदा; टीआरए, कलकत्ता; यूपीएएसआई, कोयम्बटूर | असेंशियल ऑयल एसोसिएशन ऑफ इंडिया, नई दिल्ली | 856.519 | |
8. मेसो-स्केल मॉडलिंग फॉर मानसून प्रिडिक्शन्स | एनएएल; सी-एमएमएसीएस; आईआईएससी; आईआईटी-डी, दिल्ली; आईआईटीएम, पुणे; सीयू, कोची; टीआईएफआर, बेंग्लूरू | इन्कोर सॉफ्टवेयर, बेंग्लौर; आईडब्ल्यूएसटीपीएल, बेंग. | 815.057 | |
9. नैनो-मेटीरियल्स कैटालिस्ट्स एंड एसोसिएटेड प्रॉसेस टेक्नालॉजी फॉर एल्काइलेशन/एसाइलेशन/नाइट्रेशन ऑफ वेल डिफाइन्ड इंडस्ट्रियल केमिकल्स, प्री-रिफॉर्मिंग ऑफ हाइड्रो-कार्बन्स एंड सल्फर रिमूवल (<50ppm) फ्रॉम पेट्रोलियम फ्यूल्स | एनसीएल; आईआईसीटी; सीएसएमसीआरआई; सीएफआरआई; आरआरएल, ट्रिव.; यूआईसीटी; सीपीसीएल; एचओसीएल | सड-कैमी, एन.डी. (नई दिल्ली) | 551.500 | |
10. वर्सेटाइल, पोर्टेबल पीसी बेस्ड सॉफ्टवेयर फॉर बायोइंफर्मेटिक्स एंड डवलपपमेंट ऑफ लाइनक्स क्लस्टर वर्ज़न ऑफ बायो-स्वीट | आईएमटी; आईआईसीबी; सीडीआरआई; आईजीआईबी; एनएएल; आईआईटी-बी; आईआईटी-डी; आईआईटी-खड़गपुर; एमकेयू; बीआई, कोलकाता; एनआईपीईआर; यूओएम, चेन्नै; आईआईएससी; यूओपी, पुणे; सीडीएफडी; आईबीएबी; साहा, कोलकाता; आईएसआई, कोलकाता; आईआईआईटी, हैदराबाद | टीसीएस हैदराबाद; जलाजा, बैंग्लोर; एफआईटीएल, हैदराबाद | 1628.320 | |
11. बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक्स फ्रॉम एग्रीकल्चरल वेस्टस: सेल्युलोस एस्टर्स बेस् ऑन बगैस | एनसीएल; सीपीपीआरआई; टीसीआईआरडी; पीपीपीएमएल, पुणे | ईआईडी पैरी, चेन्नै; गोदावरी, मुम्बई | 300.130 | |
12. हर्बल बेस्ड प्रिपरेशन्स फॉर डीजनरेटिव डिसऑडर्स: डाइबिटीज़ मैलिटस टाइप ॥ (एनआईडीडीएम) विद इम्फैसिस ऑन इंसुलिन सेंसीटाइजे़शन एंड हर्बोप्रिंट | एनबीआरआई; आईआईसीबी; आईआईसीटी; आरआरएल, जम.; एसपीएआरसी, मुम्बई; टीएनएमसी, मुम्बई; वीकेएएन, मुम्बई; एनआईएमएस, हैदराबाद; एमडीआरएफ, चेन्नै, वीएसजीएच, अहमदाबाद | जे़डपीडब्ल्यूएल, मुम्बई; एवीएस कोट्टाकल; एवीपी, कोयम्बटूर; एसडीएल, मुम्बई; एनआरपीएल, बेंग | 417.535 | |
हर्बल बेस्ड प्रिपरेशन्स फॉर डीजनरेटिव डिसआर्डर्स: ऑस्टियोअर्थराइटिस एंड रयूमेटाइड अर्थराइटिस इस्पेशली फॉर पेन मैनेजमेंट | एनबीआरआई; आईआईसीटी; आरआरएल, जम.; यूओपी-आईएसएचएस, पुणे; बीवीडीयू-आईआरएसएचए, पुणे; केईएम, मुम्बई; सीआरडी, पुणे; एसपीएआरसी, मुम्बई; एनआईएमएस, हैदराबाद; एआईआईएमएस, नई दिल्ली | ज़ेडपीडब्ल्यूएल, मुम्बई; डीआरएफ, गाज़ियाबाद; एवीएस, कोट्टाकल; एवीपी, कोयम्बटूर | 469.000 | |
हर्बल बेस्ट प्रिपरेशन्स फॉर डीजनरेटिव डिसआर्डर्स: कॉमन हीपैटिक डिसआर्डर्स विद इम्फैसिस ऑन हिपैटोसेल्युलर प्रोटेक्शन एंड हर्बोप्रिंट | आरआरएल, जम.; एनबीआरआई; आईआईसीटी; एसपीएआरसी, मुम्बई; पीजीआई; सीएलआरडी-डीएमआरसी, हैदराबाद; एसजीएसएम एंड केईएम, मुम्बई | झंडू, मुम्बई; डीआरएफ, गाज़ियाबाद; एवीएस, कोट्टाकल; एनआरपीएल, बेंग्लौर; एलयूपीआईएन, मुम्बई | 423.645 | |
13. बायोटेक्नोलॉजी फॉर रिप्लेसिंग केमिकल प्रॉसेस इन लेदर सेक्टर-फेज़ । एंड फेज़ ॥ | सीसीएमबी; सीएलआरआई; एनसीएल; आईएमटी; आईआईएससी बेंग.; एआरआई पुणे; एयू, करैकुड़ी; एमकेयू, मदुरई, यूओपी, पुणे; डीयूएससी, नई दिल्ली; यूओएच, हैदराबाद; सीडीएफडी, हैदराबाद; एसएसएफ | 1689.850 | ||
14. इम्प्रूव्ड ग्रैन्यूलर प्रॉसेसिंग: टुवर्ड्स एनर्जी एफीशिएंसी एंड रिसोर्स कंसरवेशन इन सीमेंट मैन्यूफैक्चर | एनसीएल; एनएमएल; आईआईटी-बी; एनबीसीसीएम | एसीसी, मुम्बई; एलएंडटी, मुम्बई; जीआईएल, नागाडा; आईसीएल, चेन्नै | 344.300 | |
15. एन्वायरमेंटली सेक्योर रेअर अर्थ बेस्ड कलरेंट्स फॉर सर्फेस कोटिंग्स एंड फेज़ ॥ | सीएलआरआई; आरआरएल, भु.; आरआरएल ट्रिव्ड.; आईआईएससी; आईआईटीएम; एआरआई, पुणे; इंडियन रेअर अर्थ्स लिमिटेड, मुम्बई | ऐनाबॉन्ड लिमिटेड, चेन्नै; एशियन पेंट्स लिमिटेड, मुम्बई; घारदा केम लिमिटेड, मुम्बई; टाटा रिफ्रैक्ट्रीज़ लिमिटेड | 276.285 | |
16. फंक्शनलाइजे़शन ऑफ एल्केन्स | एनसीएल; आईआईसीटी | आईओसीएल; आईपीसीएल; आरआईएल | 603.345 | |
17. नोवल मॉलिक्युलर डायग्नॉस्टिक्स फॉर आई डिज़ीसेस एंड लो विज़न एंहैन्समेंट डिवाइसेज़ एंड फेज़ ॥ | सीसीएमबी; आईआईसीबी; आईआईएससी; वीआरएफ, चेन्नै; एलवी प्रसाद आई; एआईआईएमएस; सीएचजी, बेंग्लौर; जीएनडी यूनीवर्सिटी, अमृतसर; इलादेवी, अहमदाबाद; अरविन्द मेडिकल, मदुरई; आईआईटीबी; यूओपी, पुणे | साइटन, बेंग्लौर; एलओपीएल; आईओसी, बड़ौदा | 515.020 | |
18. नैनो-मेटीरियल केटिंग्स एंड एडवान्स्ड कम्पोज़िट्स फॉर ट्राइबोलॉजिकल ऐप्लीकेशन्स इन ऑटोमोटिव इंडस्ट्री | आरआरएल ट्रिव.; आईआईएससी.; एआरसीआई, हैदराबाद | टीवीएस मोटर, चेन्नै | 491.472 | |
19. वेल्यू ऐडेड पॉलीमेरिक मेटीरियल्स फ्रॉम रिन्यूएबल रिसोर्सेज़: लैक्टिक एसिड एंड लैक्टिक एसिड बेस्ड पॉलीमर | एनसीएल; सीएफटीआरआई; आईआईसीटी; आईएमटी; आईआईटी-बी | गोदावरी शुगर मिल्स लिमिटेड, मुम्बई; आरजीआई, मुम्बई; प्रतिष्ठा बायोटेक लिमि., सिकन्दराबाद | 1137.156 | |
2004-2006 | 20. इम्प्रूव्ड जीनोम ऐनोटेशन थ्रू ए कॉम्बीनेशन ऑफ मशीन लर्निंग एंड एक्सपेरीमेंटल मेथड्स: प्लाज़मोडियम फैल्सीपैरम ऐज़ ए केस स्टडी | आईजीआईबी; सीडीआरआई; सीडीएफडी; आईआईएससी.; आईएसआई, कोलकाता; जेएनसीएएसआर, बेंगलूरू | टीसीएस, हैदराबाद | 596.467 |
21. ओरल डिलिवरी ऑफ इंस्यूलिन | एनसीएल; एससीटीआईएमएसटी, तिरू.; एनआईपीईआर | यूएसवी, मुम्बई | 239.600 | |
22. फार्मेकोलॉजिकल एंड जीनोमिक इंवेस्टीगेशन्स ऑन विथानिया सोम्नीफेरा—ऐन इंडियन मेडिसिनल प्लांट (इंक्लूडिंग ब्रिजिंग पीरियड ऑफ 2 इयर्स) एंड लीड्स बेस्ड ड्रग डवलपमेंट एंड जेनेटिक इम्प्रूवमेंट ऑफ अश्वगंधा | सीडीआरआई; सीआईएमएपी; आईआईसीबी; आईआईसीटी; एनबीआरआई; आरआरएल, जम्मू | 1022.317 | ||
23. डवलपमेंट ऑफ नोवल फंजीसाइड्स | आईएमटी; एनसीएल; आईआईसीटी; एमएस यूनीवर्सिटी, बड़ौदा, एनबीआरआई | रेलिस रेस सेन्टर, बेंग्लौर | 485.122 | |
24. बायोटेक्नोलॉजिकल अप्रोचेज़ फॉर इम्प्रूवमेंट ऑफ प्लांट स्पीशीज़ विद स्पेशल रिेफरेन्स टू पल्प एंड पेपर | एनबीआरआई; सीआईएमएपी; आईएचबीटी; एनसीएल | ओसमानिया यूनीवर्सिटी; लखनऊ यूनीवर्सिटी, केएफआरआई; पीची; एफआरआई; जेके पेपर लिमि.; बल्लारपुर इंड लिमिटेड; आईटीसी लिमिटेड | 760.6868 | |
25. डवलपमेंट ऑफ फ्यूल सेल्स बेस्ड ऑन हाइड्रोजन | एनसीएल; सीईसीआरआई; सीजीसीआरआई; एनपीएल; आईआईसीटी; आईआईपी; सीएमईआरआई; एनएएल; आरआरएल, भो.; एनएमएल | 2050.338 | ||
डवलपमेंट ऑफ फ्यूल सेल्स बेस्ड ऑन हाइड्रोजन-फेज़ ॥ | एनसीएल; सीईसीआरआई; एनपीएल | आरआईएल, मुम्बई | 1265.139 | |
डिमॉन्स्ट्रेशन एंड वैलीडेशन ऑफ 3KWe पीईएमएफसी सिस्टम | एनसीएल; सीईसीआरआई; एनपीएल | आरआईएल, मुम्बई | 493.869 | |
26. डवलपमेंट ऑफ ए 500KW लो कॉस्ट हॉरीज़ॉन्टल—एक्सिस विंड टर्बाइन | एनएएल; एसईआरसी | एसजीसी, कोयम्बटूर | 903.300 | |
27. नोवल एक्स्प्रेशन सिस्टम | सीसीएमबी; आरआरएल-जम.; एमकेयू; आईआईटी-बी | बायोकॉन, बेंग.; शांता बायोटेक, हैदराबाद | 259.6975 | |
28. डवलपमेंट ऑफ सेलेक्टेड मेडिसिनल इम्प्लांट्स एंड डवलपमेंट ऑफ डेंटल इम्प्लांट्स-फेज़ ॥ स्टडी | सीजीसीआरआई; सीएमईआरआई, एससीटीआईएमएसटी, ट्रिव; एआईआईएमएस; एसएसएसआईएचएमएस, बेंग.; एमडीडीएच एंड वी आई, एनडी | टीटीके हेल्थकेयर; यूनीवर्सल ऑर्थोसिस्टम्स, वडोदरा; जिनोवा बायोटेक, हैदराबाद; बीबीआईएल, हैदराबाद | 1368.427 | |
29. जेनेटिक इम्प्रूवमेंट ऑफ जट्रोफा करकस फॉर अडैपटेबिलिटी एंड ऑयल यील्ड | सीएसएमसीआरआई; एनबीआरआई; आरआरएल, जेटी; एनबीपीजीआर, एन.डी.; आईसीजीईबी, एन.डी.; आनन्द एग्री.; सीआरआईडीए, हैदराबाद; एफआरआई, देहरादून; एएफआरआई, जोधपुर | फाइटोट्रॉन, बेंग.; एक्सेल इंड., मुम्बई; जेके एग्री, कोलकाता | 647.069 | |
30. नोवल फार्मूलेशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस-क्लीनिकल स्टडीज़ | ल्यूपिन, पुणे | 432.45 | ||
31. प्रॉसेस फॉर टमीफ्लू-ए ब्लॉकबस्टर ड्रग टू काम्बैट द मीनेस ऑफ एविअन फ्लू | एनसीएल; आईआईसीटी | 37.500 | ||
32. डवलपमेंट ऑफ प्रोडक्शन सिस्टम फॉर टी पॉलीफिनॉल्स एंड देयर कंडेन्स्ड प्रोडक्ट्स | आईएचबीटी; टीआरए, जोरहाट; यूपीएएसआई, वालपराई; | पनासिआ बायोटेक लिमटेड | 253.798 | |
33. डवलपमेंट ऑफ ऐन इंटीग्रेटेड माइक्रो पीसीआर सिस्टम विद इन-सिटू आइडेंटीफिकेशन-फेज़-॥ | आरआरएल, जम्मू; आईआईएससी., बेंगलूरू | बिगटेक लिमिटेड, बेंग्लौर | 1035.510 | |
34. ए प्रॉस्पेक्टिव स्टडी टू कोरिलेट जीन सिग्नेचर्स विद क्लीनिकल आउटकम ऑफ ऐस्ट्रोसाइटोमास एंड आइडेंटीफिकेशन ऑफ पोटेंशियल थेरेप्यूटिक टार्गेट (टार्गेट्स) | जेएनसीएएसआर, बेंग्लौर; एसएसएसआईएचएमएस, बेंग्लौर; आईआईएससी, बेंग्लौर; एनआईएमएचएएनएस, बेंग्लौर | डाबर इंडिया, गाज़ियाबाद | 557.055 | |
2007-2009 | 35. कंवर्ज़न ऑफ सेल्यूलोस एंड हेमी-सेल्युलोस इंटू शुगर्स एंड इथेनॉल | आईआईसीबी, कोलकाता; आईआईटी, मुम्बई; आईएमटी, चंडीगढ़; एमकेयू, मदुरई; एनसीएल, पुणे; आरआरएल, तिरुवनंतपुरम, यूडीएससी, नई दिल्ली | 663.370 | |
36. कंवर्ज़न ऑफ बायोग्लिसेरॉल इंटू वेल्यू ऐडेड केमिकल्स | एनसीएल, पुणे; यूआईसीटी, मुम्बई; आईआईसीटी, हैदराबाद; आईआईटी, मुम्बई | टाटा केमिकल्स; आरआईएल, मुम्बई | 430.270 | |
स्केल अप ऑफ सीएसआईआर-एनसीएल प्रॉसेस फॉर सेलेक्टिव हाइड्रोजिनोलिसिस ऑफ ग्लिसरॉल टू 1,2-प्रोपेनेडिऑल-फेज़ 2 | एनसीएल | प्राज इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, पुणे | 615.500 | |
37. नोवल अप्रोचेज़ फॉर प्रोडक्शन ऑफ हाइब्रिड सीड्स विद कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ इम्प्रूव्ड इंसेक्ट रेसिस्टेंस एंड हाइयर यील्ड | यूडीएससी, नई दिल्ली; आईएआरआई, नई दिल्ली; एनबीआरआई, लखनऊ; टीएनएयू, कोयम्बटूर; बीआई, कोलकाता; सीआईसीआर, नागपुर; एनआईआई, नई दिल्ली; यूडीएससी, नई दिल्ली; यूएएस धारवाड़ | जेके एग्री-जेनेटिक्स, हैदराबाद; स्वागत बायोटेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद; कृषिधन सीड्स लिमि. | 1458.477 | |
38. मीसो-स्केल मॉडलिंग फॉर मानसून प्रिडिक्शन्स-फेज़ ॥ | एनएएल; जेएनएलसीएएसआर; आईआईटी-बी, मुम्बई; टीआईएफआर सेंटर, बेंग्लौर | ईएस, बेंग्लौर | 2565.145 | |
2010-2013 | 39. नोवल डीपीपी IV इंहिबिटर्स फॉर द ट्रीटमेंट ऑफ डायबिटीज़ | एनईआईएसटी, जोरहाट; सीडीआरआई, लखनऊ | कैडिला फार्मा लिमिटेड, अहमदाबाद | 1481.46 |
फेज़ ॥ प्रोजेक्ट ऑन डीपीपी IV इंहिबिटर्स | कैडिला फार्मा लिमिटेड, अहमदाबाद | 699.67 | ||
40. बायोफ्यूल फ्रॉम मरीन माइक्रोएल्गे | आंध्रा यूनीवर्सिटी, विस्टनम; कलकत्ता यूनीवर्सिटी, कोलकाता; सीएसएमसीआरआई; आईआईसीटी; आईआईटी-खड़गपुर; एनसीएल; एनआईओ; एनआईओटी, चेन्नै; एनआईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम | 1289.38 | ||
41. डिस्कवरी एंड वैलीडेशन ऑफ न्यू बायोमार्कर्स फॉर हेड एंड नेक कैंसर इन इंडिया | आईआईसीबी, कोलकाता; पीएकेएच, मुम्बई | टीसीजी लाइफसाइंसेज़ लिमिटेड, कोलकाता | 1111.32 | |
42. डिज़ाइन, डवलपमेंट एंड डिमॉन्सट्रेशन ऑफ हाई परफार्मेंस पैराबॉलिक थ्रू बेस्ड 300KW सोलर थर्मल पॉवर प्लांट | आईआईटी-एम, चेन्नै; एनसीएल, पुणे; आरआरसीएटी, इंदौर | मिलमैन थिन फिल्म सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, पुणे | 2436.87 | |
43. डवलपमेंट एंड डिमॉन्सट्रेशन ऑफ 500W एसओएफसी स्टैक विद हाइड्रोजन ऐज़ फ्यूल एंड टेस्टिंग ऑफ शॉर्ट स्टैक विद सिंथेटिक गैस | सीजीसीआरआई; एनसीएल; आईआईटी, खड़गपुर | गेल, आर एंड डी सेंटर, नोएड | 550.16 | |
44. द नेक्स्ट जनरेशन विंड पॉवर टेक्नोलॉजी: कॉन्ट्रा-रोटोर विंड टर्बाइन (सीआरडब्ल्यूटी) सिस्टम | एसईआरसी; सी-डब्ल्यूईटी, चेन्नै | विंड टर्बाइन सिस्टम, बेंग्लौर | 1.056 | |
45. सिस्टम बेस्ड कम्प्यूटेशनल मॉडल ऑफ स्किन (SCoMOS) | एनसीएल, जेएनयू, एनआईआई, आईजीआईबी | परसिस्टेंट सिस्टम्स लिमिटेड, पुणे | 687.6814 | |
2014-2019 | 46. डिमॉन्सट्रेशन एंड वैलीडेशन ऑफ ए 5 KW एचटी-पीईएमएफसी बेस्ड कम्बाइंड कूलिंग एंड पॉवर सिस्टम | एनसीएल; सीईसीआरआई, चेन्नै सेंटर; एनपीएल | थर्मेक्स लिमिटेड, पुणे | 1526.82 |
47. डिमॉन्सट्रेशन एंड वैलीडेशन ऑफ ए एलटी-पीईएमएफसी सिस्टम फॉर ऑटोमोटिव ऐप्लीकेशन | एनसीएल; सीईसीआरआई, चेन्नै सेंटर | केपीआईटी, पुणे | 746.74 | |
48. डवलपमेंट ऑफ ऐन एंटीडायबिटिक एजेंट बेस्ड ऑन द फाइटोफार्मास्युटिकल ड्रग गाइडलाइन्स फ्रॉम ऐनिकॉस्टेमा लिटोरेल ब्लूम | एमआरसी-केएचएस, मुम्बई | विरिडिस बायोफार्मा, मुम्बई | 228.589 | |
49. कप्पाफायकस एल्वारेज़ी एंड रेड सीवीड बेस्ड फार्मूलेशन्स फॉर इम्प्रूविंग प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ ऑफ डेरी एंड पोल्ट्री ऐनीमल्स | सीएसएमसीआरआई; आईआईटीआर; सीएआरआई, इज्ज़तनगर; एनडीआरआई, करनाल; आईवीआरआई, इज़्जतनगर | ऐक्वा एग्री प्रॉसेसिंग, एनडी | 372.8204 |
संलग्नक-5
निमितली परियोजनाएं (उद्योग मूलक परियोजनाएं)
वर्ष | परियोजना शीर्षक | संस्थागत भागीदार | उद्योग भागीदार | बजट (रुपये लाख में) |
---|---|---|---|---|
2000-2003 | 1. डवलपमेंट ऑफ ऐन ओरल हर्बल फार्मूलेशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ सोरेसिसए ए क्लीनिकल एंड साइंटिफिक चैलेंज-फेज़ । एंड फेज़ ॥। | सीडीआरआई; एनआईपीईआर | ल्यूपिन, मुम्बई | 1671.166 |
2. डवलपमेंट ऑफ नोवल बायोटेक थेराप्यूटिक मॉलिक्यूल-लाइसोस्टेफिन एंड डवलपमेंट ऑफ नोवल बायोटेक थेराप्यूटिक मॉलिक्यूल-लाइसोस्टेफिन फेज़ ॥/॥। क्लीनिकल स्टडीज़ | सीडीआरआई | बीबीआईएल, हैदराबाद | 911.330 | |
3. माइक्रोबायोलॉजिकल कंवर्ज़न ऑफ आइरेथ्रोमाइसिन टू क्लेरीथ्रोमाइसिन एंड अदर नोवल बायोलॉजिकली ऐक्टिव मॉलिक्यूल्स | एनसीएल; आईएमटी; आरआरएल, जम्मू | ऐलेम्बिक, वडोदरा | 107.660 | |
4. रीकॉम्बीनेंट अप्रोच टू प्रोड्यूस ए-लिनोलेनिक एसिड एंड डोकोसाहेक्सेनॉइक एसिड (डीएचए) इन सनफ्लॉवर एंड यीस्ट | एनआईओ; आईआईएम, जम्मू; आईआईसीटी | अवेस्था जेन, बेंग्लौर | 379.400 | |
5. ए कॉस्ट इफेक्टिव सिम्पल ऑफिस कम्प्यूटिंग (सॉफकॉम्प) प्लेटफॉर्म टू रिप्लेस पीसी | इन्कोर, बेंग्लौर | 320.000 | ||
2004-2006 | 6. पीसी बेस्ड हाई-एंड 3डी वीज़ुअलाइज़ेशन प्लेटफॉर्म फॉर कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी-‘दर्शी’ | स्ट्रैण्ड जीनॉमिक्स, बेंग्लौर | 186.400 | |
7. डवलपमेंट ऑफ ग्लोबली कम्पिटिटिव ‘ट्रिपल प्ले’ ब्रॉडबैण्ड टेक्नोलॉजी | सी-डीएसी, पुणे | डिवीनेट, पुणे | 1179.210 | |
8. मार्केट सीडिंग ऑफ सॉफकॉम्प एंड मोबिलिस टू डवलप वाइड-रेंजिंग एप्लीकेशन्स ऐज़ वेल ऐज़ इंक्रीज़ अवेयरनेस | इंकोर, बेंग्लौर | 537.00 | ||
2007-2009 | 9. डवलपमेंट ऑफ हाई थ्रूपुट मार्कर असिस्टेड सेलेक्शन सिस्टम्स फॉर इम्प्रूवमेंट ऑफ ड्राट टॉलरेंस एंड फाइबर क्वालिटी रिलेटेड ट्रेट्स इन कॉटन | एनबीआरआई; टीएनएयू, कोयम्बटूर | जेके एग्री-जेनेटिक्स लिमिटेड, हैदराबाद | 1347.811 |
10. नोवल मेथड फॉर डवलपमेंट ऑफ बी-टाइप नैट्रीयूरेटिक पेप्टाइड (बीएनपी) फॉर डायग्नॉसिस एंड ट्रीटमेंट ऑफ कॉन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर | आईआईसीटी, हैदराबाद; सीसीएमबी, हैदराबाद | विर्चो बायोटेक, हैदराबाद | 465.270 | |
11. डवलपमेंट ऑफ नेक्स्ट जनरेशन प्लाज़्मा डिसप्ले टेक्नोलॉजी एंड ए 50 इंच हाई डेफिनिशन (एचडी) टीवी प्रोटोटाइप | आईआईटी, कानपुर; यूओए, इलाहाबाद; सीजीसीआरआई, कोलकाता; एनपीएल, नई दिल्ली | सैमटेल, गाज़ियाबाद | 2478.17 | |
12. वायरलेस सेंसर नेटवर्क चिपसेट बेस्ड ऑन अल्ट्रा-वाइडबैंड टेक्नोलॉजी | वर्चुअल वायर टेक्नोलॉजीज़ | 422.00 | ||
13. डिज़ाइन एंड डवलपमेंट ऑफ कुशन बॉण्डेड ऑर्गेनिक सिरामिक क्लच डिस्क्स | आईआईटी, दिल्ली; एआरसीआई, हैदराबाद; एनसीएल, पुणे; सीजीसीआरआई | क्लच ऑटो लिमिटेड, फरीदाबाद | 2164.310 | |
14. डवलपमेंट ऑफ इंटेलीजेंट वीडियो सर्वेलेंस सर्वर सिस्टम | माइंडट्री लिमिटेड, बेंग्लौर | 484.010 | ||
15. नोवल थेरेपी फॉर मैनेजमेंट ऑफ सेप्सिस-फेज़ । एंड फेज़ ॥ | एनआईआई, नई दिल्ली; आईआईएससी., बेंग्लौर; पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ | कैडिला फार्मास्युटिकल्स, अहमदाबाद | 2784.965 | |
16. ए सिंड्रोमैटिक अप्रोच टू डायग्नॉसिस ऑफ इंफेक्शन्स: डवलपमेंट ऑफ डीएनए मैक्रो-चिप्स फॉर साइमलटेनियस डिटेक्शन ऑफ पैथोजेन्स कॉसिंग एईएस (एक्यूट इंसेफेलेटिक सिंड्रोम) एंड सेप्टीसीमिआ | सीसीएमबी; एनआईएमएचएएनएस, बेंग्लौर; वीआरएफ, चेन्नै | सेंट जॉन्स एमसीएंडएच, बेंग्लौर; सायटन, बेंग्लौर | 1136.470 | |
17. डवलपमेंट ऑफ राइस रेसिस्टेंट टू द फंगल ब्लास्ट डिज़ीज़ | मेटाहेलिक्स लाइफ साइंस लिमिटेड, बेंग्लूरू | 83.270 | ||
18. डवलपमेंट एंड कैरेक्टराइज़ेशन ऑफ ऐन इंडीजेनस वैक्सीन फॉर जॉन्स डिजी़ज़ | सीआईआरजी, मुखूडूम; बीबीएफ, हैदराबाद | बायोवेट प्राइवेट लिमिटेड, बेंग्लूरू | 574.900 | |
2010-2012 | 19. डवलपमेंट ऑफ कैर्यूलोमाइसिन्स ऐज़ नोवल इम्यूनोसप्रेसिव एजेंट्स टू प्रिवेंट ऑर्गन रिजेक्शन आफ्टर ट्रांसप्लांटेशन एंड टू ऐड्रेस वेरियस ऑटोइम्यून एंड ऐलर्जिक डिसऑर्डर्स | आईएमटी, चंडीगढ़ | एनएम नॉस्ट्रम रेमेडीज़ प्राइवेट लिमिटेड, मुम्बई | 1210.00 |
20. डवलपमेंट एंड प्रोडक्शन ऑफ ए थेराप्यूटिक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी अगेन्स्ट eNAMPT, ए नोवल इंफ्लेमेटरी टार्गेट | यूएसडीसी | जिनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, पुणे | 2299.13 | |
21. डवलपमेंट एंड कमर्शियलाइजे़शन ऑफ ‘‘वेन्फर’’ –यूनीक H.264 हाई डेफिनिशन सॉफ्टवेयर बेस्ड मल्टीपार्टी, मल्टीप्वॉइंट वीडियो कांन्फ्रेंसिंग सॉल्यूशन मल्टीप्वॉइंट नेटवर्क ट्रांसमिशन प्रोटोकॉल | इंटेलिसिस टेक्नोलॉजीज़ एंड रिसर्च लिमिटेड, कोलकाता | 296.000 | ||
22. कस्टमाइज़्ड अडैपटेशन ऑफ नॉनक्लोनेबल आईडी टेक्नोलॉजी टू इस्टैब्लिश ऑथेन्टीसिटी ऑफ मेडिकल प्रोडक्ट्स | बिलकेयर लिमिटेड, पुणे | 893.46 | ||
23. डवलपमेंट ऑफ ए डायग्नॉस्टिक सिस्टम फॉर अफोर्डेबल, प्वॉइंट ऑफ नीड टेस्टिंग टू मैनेज एचआईवी एंड टीबी | रिआमैट्रिक्स इंडिया प्राइवेट लिमि., बेंग्लूरू | 816.08 | ||
24. डवलपमेंट एंड कमर्शियलाइज़ेशन ऑफ एनएक्सआर-4डी: ए लीथियम-आयन बैटरी पॉवर्ड 4-डोर नेक्स्ट जनरेशन इलेक्ट्रिक कार (4-सीटर कैपेसिटी) | सीईसीआरआई, सीएमईआरआई | महिन्द्रा रेवा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड, बेंग्लौर | 1919.156 | |
25. डिज़ाइन एंड फैब्रीकेशन ऑफ ऑल-फाइबर सुपरकॉन्टीनुअम लाइट सोर्स विद ऐप्लीकेशन डिमॉन्सट्रेशन ऑन स्पेक्ट्रोस्कोपिक सिग्नेचर डिटेक्शन | सीजीसीआरआई | विनविश टेक्नोलॉजीज़ प्रा. लिमिटेड, तरुवनंतपुरम | 282.75 | |
26. डवलपमेंट एंड कमर्शियलाइज़ेशन ऑफ सोलेकशॉ लाइट-ऐन इनोवेटिव इलेक्ट्रिकल ग्रीन ट्रांसपोर्स प्लेटफॉर्म | सीईसीआरआई, सीएमईआरआई | काइनेटिक इंजीनियरिंग लिमिटेड, पुणे | 1410.978 | |
27. डवलपमेंट ऑफ नॉन-हैर्जा़र्डस प्रॉसेस फॉर द सिंथेसिस ऑफ डाई मिथाइल कार्बोनेट (डीएमसी) फ्रॉम मेंथॉल एंड यूरिया | एनसीएल, आईआईटी-बी | दीपक फर्टीलाइज़र्स एंड पेट्रोकैमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पुणे | 409.489 | |
2013-2015 | 28. डवलपमेंट ऑफ इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन्स फॉर सेक्योरिटी एंड ऑपरेशन्स बेस्ड ऑन यूवी सेंसर | सीईईआरआई चेन्नै सेंटर, सीएसआईओ | एरॉन यूनीवर्सल लिमिटेड, बेंगलूरु | 259.216 |
29. डिज़ाइन एंड डवलपमेंट ऑफ फोटोनिक क्रिस्टल क्लेडेड एंड डबल कॉल्ड Er एंड Er/Yb फाइबर्स, एंड ऐप्लीकेशन डिमॉन्स्ट्रेशन ऑफ हाई-पॉवर ऑप्टिकल ऐम्प्लीफायर | सीजीसीआरआई | विनविश टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड, तिरुवनंतपुरम | 250.00 | |
2016-2019 | 30. ऑटोमेशन ऑफ घानी ऑपरेशन थ्रू वैक्यूम कंवेइंग सिस्टम | फेयर लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, गुड़गांव | 481.67 |
संलग्नक-6
निमितली परियोजनाओं के अंतर्गत उत्पादन (आउटपुट)
क्र. सं. | परियोजना शीर्षक | विकसित प्रौद्योगिकी | ज्ञानाधार | पेटेंट और/अथवा प्रकाशनों की सं. |
1. | टू ऑर्डर्स ऑफ मैग्नीट्यूड इम्प्रूव्ड लिक्विड क्रिस्टल्स फॉर फ्लैट पैनल डिसप्ले डिवाइसेज़ | · प्राप्त ज्ञान को औद्योगिक प्रयोजन हेतु रूपांतरित नहीं किया जा सकता था क्योंकि उस समय ग्राफिक डिस्प्ले सिस्टम विकसित करने की विशेषज्ञता अनुपलब्ध थी । | · बेहतर विशेषताओं के साथ प्रदर्शन प्रणाली(डिस्प्ले सिस्टम) के विकास से संबंधित ज्ञान; · नई एलसीडी सामग्रियों को संश्लेषित, अभिलक्षणित और विकसित किया गया; और · 16 वर्णों का एक प्रोटोटाइप, सिंगल-लाइन एल्फान्यूमेरिक डिवाइस विकसित किया गया । | पेटेंट : 6 प्रकाशन : 2 |
2. | डीफंक्शनलाइजे़शन ऑफ कार्बोहाइड्रेट्स ऐज़ ए फीड स्टॉक टू मैन्यूफैक्चर वेल डिफाइन्ड इंडस्ट्रियल कैमिकल्स | · इस प्रक्रिया को वाणिज्यीकृत नहीं किया गया क्योंकि यह एनएमआईटीएलआई के दायरे से परे थी और अन्य प्रक्रियाओं के लिए बाज़ार की गतिशीलता में बदलाव ने इस प्रक्रिया को व्यवहार्य नहीं बनने दिया । | · 5-हाइड्रॉक्सी मिथाइल फरफ्यूरल हेतु प्रक्रिया विकसित । किन्तु एनएमआईटीएलआई हेतु अत्यधिक प्रयास अपेक्षित है; · (S) 3-हाइड्रॉक्सी-γ ब्यूटीरॉलेक्टोन हेतु एक नवीन प्रक्रिया विकसित । | एक अन्तर्राष्ट्रीय और एक भारतीय पेटेंट प्राप्त किया गया । |
3. | न्यू टार्गेट्स एंड मार्कर्स ऑफ कैंसर यूज़िग जीनॉमिक्स एंड प्रोटिओमिक्स | · मुंह के कैंसर से संबंधित ऊतकों से अभिज्ञात किए गए विविध डिफ्रेंशली एक्सप्रेस्ड जीन्स और प्रोटीन बायोमार्कर्स जिनका नैदानिक प्रयोजनों हेतु उपयोग किया जा सकता है । | · इन मार्करों पर पेटेंट फाइल किया गया है । | |
4. | स्टीमुली सेंसिटिव पॉलीमेरिक नैनो-पार्टिकल बेस्ड एड्वान्स्ड ड्रग डिलिवरी सिस्टम्स एंड एंटी बैक्टीरियल्स | एंटी-कैंसर व एंटी-बैक्टीरियल दवाओं के लिए वायरोसोम और नैनोपार्टिकल आधारित औषधि वितरण प्रणाली विकसित करते समय तकनीकी बाधाओं का सामना करना पड़ा-परियोजना घटक बन्द हुए । | · तपेदिक रोधी औषधियों की इनहेलेशन डिलिवरी के लिए स्थापित पीओसी | तीन पेटेंट फाइल किए गए । |
5. | 5 एंड 25 KW डीसेंट्रेलाइज़्ड पॉवर पैक्स | यद्यपि यह प्रौद्योगिकी वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य नहीं बन सकी । | · एकीकृत 5 KW फ्यूल सेल का एक प्रोटोटाइप विकसित, स्थापित और प्रदर्शित किया गया । | फाइल किए गए पेटेंट: 4 प्रकाशन: 4 |
6. | लेटेंट एम. ट्यूबरकुलोसिस: न्यू टार्गेट्स, ड्रग डिलिवरी सिस्टम, बायो-एंहैन्सर्स एंड थेराप्यूटिक्स | · अव्यक्त तपेदिक संक्रमण के लिए स्थापित कीमोथेरेपी के सहायक के रूप में एक नया बायोएंहैन्सर; · आईएनडी के लिए कैंडीडेट्स के रूप में अभिज्ञात किए गए 4 आशाजनक लीड्स | ||
7. | यूज़िंग फंक्शनल जीनॉमिक्स इन टी, मेंथा, अश्वगंधा प्लांट्स फॉर जीन एक्सप्रेशन मॉडुलेशन | · किसानों के लिए निकाले गए मेंथा पिपेरेटा ‘सीआईएम इंडस’ और ‘सीआईएम-मधुरस’ के नए पौधे की किस्मों हेतु कृषि प्रौद्योगिकियां; · कैटेचिन ऐस्टिमेशन के लिए एक किट | · द्विदिशात्मक एंव दो तत्वों पर निर्भर नवीन जीन निष्पीडन वेक्टर; · कैटेचिन्स के लिए टी डेटाबेस प्रोफाइलिंग; · एग्रोबैक्टीरियम मध्यस्थ आनुवंशिक परिवर्तन प्रणाली । | प्रकाशन: 42 पेटेंट: फाइल किए गए-3, प्रदान किए गए-6 |
8. | मेसो-स्केल मॉडलिंग फॉर मानसून प्रिडिक्शन्स ॥ | · इंटर-प्रॉसेसर कम्यूनिकेशन के लिए फ्लॉसविच और फ्लो-ऑप्टी लिंक के साथ 128 नोड्स पैरेलल प्रॉसेसर सुपरकम्प्यूटर से निहित एकीकृत मौसम पूर्वानुमान प्लेटफॉर्म विकसित एवं प्रदर्शित; · सीएसआईआर-एनएमआईटीएलआई और एमओईएस (MoES) के अन्तर्गत मानसून की भविष्यवाणी हेतु एकीकृत प्लेटफॉर्म | · कम्प्यूटर पर पोर्ट किए गए ट्रॉपिक्स के लिए प्रासंगिक भौतिकी सहित एक नवीन मौसम भविष्यवाणी कोड वर्षा 1.0 · 40/20 किमी की उच्च स्थिरता के साथ 10 टेराफ्लॉप सुपरकम्प्यूटिंग हार्डवेयर मशीन (Mk 8) और संशोधित सॉफ्टवेयर कोड (वर्षा 1.1) को विकसित एवं प्रदर्शित करके इस प्लेटफॉर्म को और उन्नत बनाया गया । यह हार्डवेयर मशीन स्वदेशी रूप से विकसित कई घटकों, जैसे नवीन एफपीजीए आधारित फ्लोस्विच आदि से निहित है । | |
9. | नैनो-मैटीरियल्स कैटालिस्ट्स एंड एसोसिएटेड प्रॉसेस टेक्नोलॉजी फॉर एल्काइलेशन/एसाइलेशन/नाइट्रेशन ऑफ वेल आइडेंटीफाइड इंडस्ट्रियल कैमिकल्स, प्री-रिफॉर्मिंग ऑफ हाइड्रो-कार्बन्स एंड सल्फर रिमूवल (<50 ppm) फ्रॉम पेट्रोलियम फ्यूल्स | · यह प्रौद्योगिकी वाणिज्यिक स्तर पर विकसित नहीं की जा सकी | · पेट्रोलियम ईंधनों से सल्फर के निष्कासन हेतु प्रक्रिया का प्रदर्शन; · हाइड्रोकार्बन्स की प्री-रिफॉर्मिंग हेतु उत्प्रेरकों का विकास | पेटेंट: 3 |
10. | वर्सेटाइल, पोर्टेबल पीसी बेस्ड सॉफ्टवेयर फॉर बायोइंफार्मेटिक्स एंड डवलपमेंट ऑफ लाइनक्स क्लस्टर वर्ज़न ऑफ बायो-स्वीट | दो बायोइंफर्मेटिक्स सॉफ्टवेयरों का विकास और विपणन किया गया (i) बायोस्वीट, क्लस्टर वर्ज़न और स्टैण्ड अलोन दोनों; तथा (ii) जीनोक्लस्टर | · पेटेंट: फाइल किए गए-2 · प्रकाशन: 10 | |
11. | बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक्स फ्रॉम एग्रीकल्चरल वेस्ट्स: सेल्यूलोज़ ईस्टर्स बेस्ड ऑन बगैस एंड स्टीम एक्सप्लोज़न-बेस्ड फ्रैक्शनेशन प्रॉसेस ऑफ शुगरकेन बगैस टू सेल्यूलोज़, हेमीसेल्यूलोज़ एंड लिगनिन वैलीडेशन एट सेमी-कमर्शियल लेवल | · शुगरकेन (गन्ना) बगैस को सेल्यूलोज़, हेमी-सेल्यूलोज़ और लिगनिन में विभाजित करने के लिए एक विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी विकसित की गई और मेसर्स गोदावरी बायोरिफाइनरीज़ लिमिटेड को लाइसेंसीकृत की गई । | यूएस पेटेंट प्रदान किया गया । | |
12. | हर्बल बेस्ड प्रिपरेशन्स फॉर डीजेनरेटिव डिसआर्डर्स : डायबिटीज़ मेलिटस टाइप ॥, ऑस्टियोअर्थराइटिस एंड रह्यूमेंटॉइड अर्थराइटिस एंड कॉमन हिपैटिक डिसआर्डर्स | डायबिटीज़ (मधुमेह) · मौजूदा दवाओं: सल्फोनाइल्यूरिआ और मेटफॉर्मिन पर अनियंत्रित रोगियों में सीमित बहु-केन्द्रित चिकित्सीय अध्ययनों के माध्यम से एकल हर्बल फार्मूलेशन का विकास एवं वैधीकरण । अर्थराइटिस (गठिया) · बड़े पैमाने पर बहु-केन्द्रित चिकित्सीय अध्ययनों के माध्यम से 3 जड़ी-बूटियों से निहित पॉलीहर्बल फार्मूलेशन का विकास एवं वैधीकरण । हिपैटोसेल्यूलर प्रोटेक्शन · सीमित बहु-केन्द्रित चिकित्सीय अध्ययनों के माध्यम से 12 जड़ी-बूटियों से निहित पॉलीहर्बल फार्मूलेशन का विकास एवं वैधीकरण । | प्रकाशन: अर्थराइटिस घटक पर 25 · यूरोप-ग्रेट ब्रिटेन और डेनमार्क में अर्थराइटिस पेटेंट प्रदान किए गए । | |
13. | बायोटेक्नोलॉजी फॉर रिप्लेसिंग केमिकल प्रॉसेस इन लेदर सेक्टर-फेज़ । एंड ॥ | · चमड़े के जैव प्रसंस्करण (बीम हाउस ऑपरेशन्स) हेतु प्रौद्योगिकी । · एल्फा-एमाइलेस (अन्य स्रोत) के साथ डीहेयरिंग, डीग्रीसिंग और फाइबर ओपनिंग हेतु कुल 5 प्रोटिएसिस और 2 लिपेसिस विकसित और अप-स्केल किए गए । · सीएलआरआई द्वारा चर्मशोधनशालाओं में प्रौद्योगिकी को प्रदर्शित किया गया । | 1 पेटेंट प्रदान किया गया । | |
14. | एन्हांस्ड प्रोडक्टिविटी इन सीमेंट मैन्यूफैक्र थ्रू इम्प्रूव्ड ग्रैन्यूलर प्रॉसेसिंग एंड रिसोर्स कंसर्वेशन | · रोटेटरी सीमेंट किल्न का कम्प्यूटेशनल फ्लूइडडायनेमिक्स पर आधारित मॉडल विकसित; · पोर्टलैण्ड स्लैग सीमेंट के विरचन में स्लैग और फ्लाईऐश की उपयोगिता का प्रदर्शन | 18 प्रकाशन; 4 भारतीय पेटेंट्स, 1 यूएस पेटेंट; 1 कनाडा पेटेंट | |
15. | डवलपमेंट ऑफ ऐन ओरल हर्बल फार्मूलेशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ सोरैसिस ए क्लीनिकल एंड साइंटिफिक चैलेंज एंड क्लीनिकल स्टडीज़ ऑफ ऐन ओरल हर्बल फार्मूलेशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ सोरैसिस एंड फेज़ ॥ बी एंड ॥। क्लीनिकल ट्रायल्स | · सोरैसिस के सुधार हेतु फार्मूलेशन विकसित; · हालांकि मेथोट्रेक्सेट नामक मानक दवा की तुलना में यह फेज़ ॥। के चिकित्सीय परीक्षण में प्रभावकारिता प्रदर्शित करने में असफल रहा । | ||
16. | डवलपमेंट ऑफ नोवल बायोटेक थेराप्यूटिक मॉलिक्यूल-लाइसोस्टेफिन एंड फेज़-॥ क्लीनिकल स्टडीज़: नोवल बायो थेराप्यूटिक मॉलिक्यूल: लाइसोस्टेफिन एंड नोवल बायोथेराप्यूटिक मॉलिक्यूल: लाइसोस्टेफिन-फेज़ ॥ बी/॥। क्लीनिकल स्टडीज़ | · स्टेफाइलोकोकस ऑरेअस संक्रमण के लिए विकसित लाइसोस्टेफिन जेल फार्मूलेशन विकसित; · >99 % शुद्ध प्रोटीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन हेतु नवीन डाउनस्ट्रीम प्रक्रिया विकसित; · यद्यपि फेज़ ॥। के चिकित्सीय परीक्षण उपलब्ध उपचार की तुलना में बेहतर प्रभावकारिता नहीं दिखा सका । | इस मॉलिक्यूल (अणु) पर आईपी को संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 85 देशों में उत्पाद पेटेंट के साथ पीसीटी के माध्यम से संरक्षित किया जाता है । | |
17. | माइक्रोबायोलॉजिकल कंवर्ज़न ऑफ आइरेथ्रोमाइसिन टू क्लेरीथ्रोमाइसिन एंड अदर नोवल बायोलॉजिकली एक्टिव मॉलिक्यूल्स | · इस परियोजना ने जैविक रूप से सक्रिय अणुओं को रोगाणुरोधियों में बदल सकने वाले सूक्ष्मजीवों को पृथक करने का प्रयास किया किन्तु अपने प्रयास में असफल रही । | ||
18. | एन्वायरमेंटली सेक्योर रेआर अर्थ बेस्ड कलरेंट्स फॉर सर्फेस कोटिंग्स एंड फेज़ ॥ | · सतह की कोटिंग्स के लिए वर्णक अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने हेतु दुर्लभ पृथ्वी यौगिकों और चयनित डोपेंट्स के आधार पर बयालिस रंग शेडों(कलर शेड्स) का विकास किया गया; · रंगों की नई श्रृंखला विकसित करने के लिए सेरियम सल्फाइड व ऑक्सीसल्फाइड और लैंथेनम सल्फाइड हेतु नवीन सल्फाइड हेतु नवीन कम्बस्टन सिंथेसिस आधारित मार्ग; · सल्फेट को कम करने वाली बैक्टीरिआ आधारित विधि विकसित की गई जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति आशाजनक थी | 1 यूएस पेटेंट प्रदान किया गया । | |
19. | फंक्शनलाइजे़शन ऑफ एल्केन्स | · ईथेन से एसिटिक एसिड और इथाइलीन के किफायती उत्पादन हेतु एक आशोधित उत्प्रेरक प्रक्रिया विकसित की गई; · इथेन से विनाइल क्लोराइड मोनोमर के उत्पादन हेतु एक आशोधित उत्प्रेरक प्रक्रिया विकसित की गई । | 2 पेटेंट प्रदान किए गए । | |
20. | नोवल मॉलिक्युलर डायग्नॉस्टिक्स फॉर आई डिज़ीजे़ज एंड लो विज़न एंहान्समेंट डिवाइसेज़ एंड डवलपमेंट ऑफ डीएनए मैक्रोअर्रे फॉर द डिटेक्शन ऑफ आई इंफेक्शन्स एंड द जेनेटिक प्रीडिस्पोज़िशन टू ग्लॉकोमा | · कमजो़र दृष्टि को बढ़ाने वाले तीन उपकरण विकसित किए गए यथा क) वैरिएबल स्पेक्ट्रल डिस्ट्रीब्यूशन एवं इंटेंसिटी वाली इल्यूमिनेशन टेबल ख) नाइट विज़न पॉकेटस्कोप और ग) एंटी-स्क्रैच कोटिंग के साथ प्लास्टिक की प्रिज़्मैटिक स्टीरिओविज़न लेंसों वाला चश्मा · ऑखों के संक्रमण का पता लगाने हेतु नैदानिक प्रणाली को वाणिज्यीकृत किया गया । | · व्यक्ति की ऑख के आसान एवं त्वरित निदान और चिकित्सीय अभिलक्षण को सुविधाजनक बनाने के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए 4 कैंडीडेट जीन युक्त एक मैक्रोचिप विकसित किया गया है । | |
21. | नैनो-मैटीरियल कोटिंग्स एंड एड्वान्स्ड कम्पोज़िट्स फॉर ट्राईबायोलॉजिकल ऐप्लीकेशन्स इन ऑटोमोटिव इंडस्ट्री | · नियमित कास्ट आयरन सिलिंडर लाइनर्स की तुलना में तेल की खपत कम करने, वियर रेट कम करने और सतही फिनिश को बनाए रखने के लिए रोटोप्लाज़्मा एक्सपीटी 512 कोटेड कास्ट आयरन स्लीव सिलिंडर ब्लॉक्स विकसित किए गए; · सिलिकॉन और ग्रेफाइट कणों से युक्त एल्यूमीनियम मिश्र धातु मैट्रिक्स हाइब्रिड कम्पोज़िट विकसित, संश्लेषित एवं अभिलक्षणित किए गए; · कार्यात्मक रूप से श्रेणीबद्ध एल्यूमीनियम मैट्रिक्स कम्पोज़िट सिलेंडर लाइनर्स विकसित किए गए । | 12 प्रकाशन 1भारतीय पेटेंट प्रदान किया गया । | |
22. | वेल्यू ऐडेड पॉलीमेरिक मैटीरियल्स फ्रॉम रिन्यूएबल रिसोर्सेज़: लैक्टिक एसिड एंड लैक्टिक एसिड बेस्ड पॉलीमर्स | · लैक्टोबेसिलस द्वारा किण्वित गन्ने के रस से लैक्टिक एसिड (3000 लीटर क्षमता) के उत्पादन हेतु प्रक्रिया और मेसर्स गोदावरी शुगर मिल्स लिमिटेड की उद्योग साइट पर कैल्शियम लैक्टाइड के रूप में इसका पृथककरण · हालांकि इस प्रौद्योगिकी को बाज़ार की स्थितियों के कारण वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य नहीं बनाया जा सका । | · लैक्टोबैसिलस डेलब्रुएकी एमएसी 168701 का एक म्यूटेंट स्ट्रेन, जो एल-लैक्टिक एसिड का उत्पादन कर सकता है, को पृथक किया गया; · गन्ने के रस से अत्यधिक शुद्ध लैक्टिक एसिड के उत्पादन हेतु एक प्रयोगशाला स्तरीय (100 ली.) किण्वन प्रक्रिया को प्रदर्शित किया गया | |
23. | रीकॉम्बीनेंट अप्रोच टू प्रोड्यूस α-लिनोलेनिक एसिड एंड डोकोसाहैक्सेनॉइक एसिड (डीएचए) इन सनफ्लॉवर एंड यीस्ट | · थ्रॉस्टोकाइट्राइड्स प्रजातियों एससी-1 के किण्वन से डीएचए के उत्पादन हेतु प्रौद्योगिकी को विकसित किया गया और वाणिज्यिक उपयोग हेतु उद्योग भागीदार को हस्तांतरित किया गया । | · डीएचए के उत्पादन के लिए रीकॉम्बीनेंट अप्रोच (पुनरावर्ती दष्टिकोण) का प्रयास किया गया था किन्तु वह सफल नहीं था । | |
24. | ए कॉस्ट इफेक्टिव सिम्पल ऑफिस कम्प्यूटिंग (सॉफकॉम्प) प्लेटफॉर्म टू रिप्लेस पीसी | · सॉफकॉम्प उपकरणों के तीन वेरिएन्ट्स विकसित किए गए । | कॉपीराइट्स : 3 | |
25. | ए पीसी बेस्ड हाई एंड 3डी वीज़ुअलाइजे़शन प्लेटफॉर्म फॉर कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी-‘दर्शी’ | · पोर्टेबिलिटी, स्केलेबिलिटी और अपग्रेडेबिलिटी की विशेषताओं के साथ जैव सूचना विज्ञान के लिए कम लागत वाला वीजुअलाइज़ेशन प्लेटफॉर्म विकसित किया गया । · उद्योग से एवाडिस प्लेटफॉर्म के भाग के रूप में उत्पाद का विपणन किया गया; · इस प्रौद्योगिकी को आगे स्ट्रेटेजीन, यूएसए के अर्रे एसिस्ट में एकीकृत किया गया । | ||
26. | इम्प्रूव्ड जीनोम ऐनोटेशन थ्रू ए कॉम्बीनेशन ऑफ मशीन लर्निंग एंड एक्सपेरिमेंटल मेथड्स: प्लाज़्मोडियम फैल्सीपैरम ऐज़ ए केस स्टडी | · केस स्टडी के रूप में पी. फैल्सीपैरम का उपयोग करके प्रौकैरिओट्स में जीन्स की भविष्यवाणी, पहचान और व्याख्या करने के लिए एल्गोरिदम एवं सॉफ्टवेयर्स को विकसित किया गया; · विकसित सॉफ्टवेयरों का उपयोग करके पूर्वानुमानित जीन को जीन निष्पीडन अध्ययनों का उपयोग करके प्रयोगात्मक रूप से सत्यापित किया गया है । | ||
27. | ओरल डिलिवरी ऑफ इंस्यूलिन | · ओरल इंस्यूलिन फार्मूलेशन को विकसित करने का प्रयास किया गया किन्तु वह सफल नहीं रहा । | 1 पेटेंट प्रदान किया गया है । | |
28. | फार्मेकोलॉजिकल एंड जीनोमिक इंवेस्टीगेशन्स ऑन विथानिया सोम्नीफेरा—ऐन इंडियन मेडिसिनल प्लांट एंड लीड्स बेस्ड ड्रग डवलपमेंट एंड जेनेटिक इम्प्रूवमेंट ऑफ अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा) | · पांच कीमोटाइप्स नामश:, एनएमआईटीएलआई 101, एनएमआईटीएलआई 108, एनएमआईटीएलआई 118, एनएमआईटीएलआई 128 और एनएमआईटीएलआई 135 तथा एक फायटोकैमिकल हाइब्रिड (एनएमआईटीएलआई 101 एक्सएनएमआईटीएलआई 135) विकसित किए गए; · एनएमआईटीएलआई 118 किस्म को किसानों के लिए रिलीज़ किया गया । · एनएमआईटीएलआई अश्वगंधा किस्मों के लिए कृषि प्रौद्योगिकियां विकसित की गईं; · एनएमआईटीएलआई 101 किस्म को किसानों के लिए रिलीज़ किया गया । · | · भारतीय कीमोटाइप किस्मों को विकसित एवं फिंगरप्रिंट किया गया; · विभिन्न किस्मों की फार्मेकोलॉजिकल गतिविधियां; · पादपरसायन मानकों के रूप में अश्वगंधा की जड़ के अर्क से मार्कर यौगिकों को विकसित किया गया; · अश्वगंधा मानोग्राफ प्रकाशित · पशु मॉडल में एनएमआईटीएलआई 118 अर्क का उपयोगकर एंटीस्ट्रोक गतिविधि को जांचा गया; | 1 यूएस पेटेंट प्रदान किया गया । 20 से अधिक प्रकाशन 3 पेटेंट फाइल किए गए; 43 प्रकाशन |
29. | डवलपमेंट ऑफ नोवल फंजीसाइड्स | · नवीन कवकनाशी (फंजीसाइड्स) संश्लेषित किए गए जिनमें स्ट्रोबिल्यूरिन और 1, 2, 4, ट्राइएज़ोल्स यूनिट हैं, इन्होंने 25 ppm पर रोगजनक कवक के विरूद्ध गतिविधि प्रदर्शित की; · उपयुक्त फार्मूलेशन विकसित किए गए और उन्हें उद्योग द्वारा क्षेत्र परीक्षण के अधीन किया गया; · उनकी क्रियाविधि के लिए कुछ यौगिकों के लक्ष्यों को अभिनिर्धारित किया गया; · एक्सट्रीमोफेलिक और मेसोफेलिक वातावरण में पैदा होने वाले रोगाणुओं (स्यूडोमोनास स्प.) से कवकरोधी यौगिकों को पृथक किया गया; · उद्योग भागीदार ने परीक्षण के एक भाग के रूप में इन कवकनाशियों को अपने खेत मे नियोजित किया । | 1भारतीय पेटेंट प्रदान किया गया और कुछ देशों में एक पीसीटी आवेदन प्रकाशित किया गया । | |
30. | बायोटेक्नोलॉजिकल अप्रोचेज़ फॉर इम्प्रूवमेंट ऑफ प्लांट स्पिशीज़ विद स्पेशल रिफरेंस टू पल्प एंड पेपर | · परियोजना के प्रयास केएफआरआई, पीची में रखे जा रहे ऑचलैंड्रा जर्मप्लाज़्म के समृद्ध संग्रह की ओर ले गए जिसमें पेपर उद्योग के लिए उपयुक्त लिग्निन सामग्री कम है; · एनबीआरआई में अत्यधिक फाइबर और निम्न लिग्निन कंटेंट वाले ल्यूकेना लेकोसेफाला (सबाबुल) के आठ विशिष्ट वर्गों (ऐलीट्स) को बनाए रखा जा रहा है; · इन किस्मों के लिए बड़े पैमाने पर संवर्धन हेतु माइक्रोप्रोपेगेशन तकनीकों और रीजनरेशन सिस्टम को विकसित किया गया जो कागज उद्योग के लिए उपयोगी हैं । | ||
31. | डवलपमेंट ऑफ फ्यूल सेल्स बेस्ड ऑन हाइड्रोजन एंड डवलपमेंट एंड डिमॉन्सट्रेशन ऑफ पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट फ्यूल सेल स्टैक्स फॉर स्टेशनरी ऐप्लीकेशन्स एंड डिमॉन्सट्रेशन एंड वैलीडेशन ऑफ 3KWe पीईएमएफसी सिस्टम | पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन फ्यूल सेल (पीईएफसी) प्रौद्योगिकी पर आधारित 1.00KW के प्रोटोटाइप को डिजा़इन, विकसित और प्रदर्शित किया गया है । | · निम्न सापेक्ष आर्द्रता और उच्च तापमान पर पीईएमएफसी के प्रचालन हेतु आशोधित मेम्ब्रेन के लिए तकनीकी जानकारी; · आरआईएल की पातालगंगा साइट, जहां पर्याप्त मात्रा में हाइड्रोजन उपलब्ध है, पर एक मॉड्यूलर 3KWe पीईएफएमसी टेस्ट बेड डिजा़इन, निर्मित और शुरू (कमीशन) किया गया | |
32. | डवलपमेंट ऑफ ए 500KW लो कॉस्ट हॉरीजा़ंनटल-एक्सिस विंड टर्बाइन | 500KW की क्षैतिज अक्ष वाली विंड टर्बाइन को डिजा़इन एवं निर्मित किया गया और केथनूर, तमिलनाडु की टेस्ट साइट पर सफलतापूर्वक शुरु किया गया । | ||
33. | नोवल एक्सप्रेशन सिस्टम | · पांच नवीन प्रमोटर्स विकसित किए गए जो कुछ औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण एंजाइमों के उत्पादन को चलाते हैं; · विभिन्न स्रोतों से पांच नवीन खमीर (यीस्ट) प्रजातियों को अभिज्ञात किया गया; · यीस्ट स्ट्रेन से प्रतिरूपित (क्लोन्ड) नवीन अल्कोहल ऑक्सीडेस जीन्स से अल्कोहल ऑक्सीडेस प्रमोटर विकसित किया गया । | एक भारतीय पेटेंट | |
34. | डवलपमेंट ऑफ सेलेक्टेड मेडिकल इम्प्लांट्स एंड डवलपमेंट ऑफ डेंटल इम्प्लांट्स-फेज़ ॥ स्टडी | भारतीय रोगियों के लिए एंथ्रोपोमेट्रिक मापन के आधार पर विभिन्न आकार के दंत प्रत्यारोपण (डेंटल इंप्लांट्स) और समस्त सर्जिकल ऐसेसरीज़ विकसित की गईं; यह प्रौद्योगिकी मेसर्स आईएचपीएल को हस्तांतरित की गई; केएमपीएल, फरीदाबाद द्वारा आईफिक्स (ifix) के नाम दंत प्रत्यारोपण (डेंटल इंप्लांट्स) का वाणिज्यीकरण किया गया | · टाइटेनियम नाइट्राइड लेपित ड्रग इल्यूटिंग कार्डिओवैस्कुलर स्टेंट्स के लिए प्रोटोटाइप को डिज़ाइन किया गया और प्रोटोटाइप्स को निर्मित किया गया; · सिरामिक आधारित फेमोरल हेड, एसीटैबुलर कप और सिरामिक हिप प्रोस्थेसिस विकसित किए गए और निजी चिकित्सा केन्द्रों में परीक्षण किए गए; · ऑर्थोपेडिक प्रत्यारोपण की हाइड्रॉक्सीऐपेटाइट और बायोग्लास कोटिंग विकसित की गई । | दंत प्रत्यारोपण (डेंटल इम्प्लांट्स) पर एक यूएस पेटेंट और एक भारतीय पेटेंट प्राप्त हुआ । |
35. | जेनेटिक इम्प्रूवमेंट ऑफ जट्रोफा करकास फॉर अडैप्टेबिलिटी एंड ऑयल यील्ड | · जंगल से एकत्र किए गए जट्रोफा के 185 अभिगमों को व्यवस्थित रूप से अभिलक्षणित और जीनोटाइप रूप से मैप किया गया; · एनबीआरआई और एनबीपीजीआर, रांची में जर्मप्लाज़्म बैंक स्थापित किया गया; · मल्टीलोकेशनल ट्रायल के माध्यम से किसी स्थान पर संयंत्र अधिष्ठापित किए जाने हेतु कृषि प्रौद्योगिकी; · पौधे से प्राप्त तनाव संबंधी जीन का उपयोग करके आनुवंशिक परिवर्तन विधियां (जेनेटिक ट्रांसफर्मेशन मेथड्स) विकसित की गईं । | · फाइल किए गए पेटेंट: 2 · प्रकाशन: 36 | |
36. | डवलपमेंट ऑफ ग्लोबली कम्पेटिटिव ‘ट्रिपल-प्ले’ ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी | ट्रिपल प्ले सेवाओं के लिए आद्योपांत समाधान प्रदान करने हेतु बीएसएनएल ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करके ट्रिपल प्ले प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक विकास एवं परीक्षण किया गया । बीएसएनएल इस प्रौद्योगिकी से पूरी तरह से संतुष्ट था और उसने इसे वाणिज्यीकरण हेतु अपनाया । | भारतीय पेटेंट (नं.201179) प्रदान किया गया । | |
बीएसएनएल इस प्रौद्योगिकी से पूरी तरह संतुष्ट था और वाणिज्यीकरण हेतु इसे अपनाया । | ||||
37. | नॉवल फॉरमुलेशन फॉर ट्रीटमेंट ऑफ पुल्मोनरी ट्यूबर कुलोसिस –क्लीनिकल स्टडीज़ | --- | इस अणु के सूत्रण से पशु मॉडल में देखी गयी सुरक्षा की तुलना में टीबी रोगियों की वांछित सुरक्षा नहीं देखी गई । | पेटेंट : 3 |
38. | मार्केट सीडिंग ऑफ सॉफ कॉम्प एंड मॉबिलिस टू डवलप वाइड-रेंजिंग एप्लीकेशन एज वेल एज इनक्रीज अवेयरनेस | · मूल्यांकन हेतु कस्टमर एंड पर परिनियोजनार्थ 2000 इकाइयाँ उत्पादित की गई थी · उद्योग, डीएसके - वर्ल्डमैन कम्प्यूटर्स प्रा. लि., पुणे के लिए विनिर्माण और विपणन के लिए विशेष लाइसेंस दिया गया । | --- | ---- |
39. | प्रोसस फॉर टेमिफ्लू- ए ब्लॉकबस्टर ड्रग टू कॉम्बेट द मीनेस ऑफ एवियन फ्लू | --- | (-) शिमिक एसिड से शुरू होने वाले टेमिफ्लू के उत्पादन हेतु 12 चरणीय प्रक्रिया विकसित की । | ---- |
39. | प्रोसस फॉर टेमिफ्लू- ए ब्लॉकबस्टर ड्रग टू कॉम्बेट द मीनेस ऑफ एवियन फ्लू | --- | (-) शिमिक एसिड से शुरू होने वाले टेमिफ्लू के उत्पादन हेतु 12 चरणीय प्रक्रिया विकसित की । | ---- |
40. | डवलपमेंट ऑफ प्रोडक्शन सिस्टम फॉर टी पॉलीफीनोल्स एंड देयर कंडेंस्ड प्रोड्क्ट्स | · उपोत्पाद के रूप में कैटेचिन-अमीनो एसिड्स के निष्कर्षण और शुद्धिकरण हेतु हरित प्रक्रिया विकसित की; · प्रक्रिया को 40kg लीव्स / बैच तक अपस्केल किया · प्रौद्योगिकी बैजनाथ फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमि, पपरोला, एचपी को हस्तांतरित की | · चाय संयंत्र से कैटेचिन बायोसिंथेटिक पाथवे के लिए नए जीन्स पाए गए जो एनसीबीआई में पंजीकृत थे; · कैटेचिन बायोसिंथेटिक पाथवे में पॉलीफीनोल ऑक्सीडेज ( पीपीओ ) जीन को क्लोन और निष्पीडित किया गया; · पीपीओ गतिविधि में क्लोनल वेरीएशन हेतु चाय की गुणात्मक स्क्रीनिंग 700 टी एक्सेशंस में शुरू की गई । | · प्रकाशन : 9 · संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में स्वीकृत किया गया |
41. | डवलपमेंट ऑफ एन इंटीग्रेटेड माइक्रो पीसीआर सिस्टम विद इन-सीटू आइडेन्टीफिकेशन एंड वेलिडेशन ऑफ हैंडहेल्ड डायग्नोस्टिक प्लेटफार्म फॉर एचबीवी डिटेक्शन | निम्नांकित के लिए प्रौद्योगिकी विकसित की · माइक्रो पीसीआर डिवाइस · सैम्पल प्रीपेरेशन डिवाइस · क्षय रोग, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस बी और एच1एन1 का पता लगाने के लिए माइक्रोचिप्स मेसर्स बिगटेक प्रा. लि. द्वारा वाणिज्यीकृत किया गया | ---- | 70 पेटेंट स्वीकृत किए गए। |
42. | ए प्रोस्पेक्टिव स्टडी टू कोररीलेट जीन सिग्नेचर्स विद क्लिनिकल आउटकम ऑफ एस्टोसाइटोमस एंड आइडेंटिफिकेशन ऑफ पोटेन्शियल थेरैप्युटिक टार्गेट्स | --- | · ग्लियोब्लास्टोमा बायोमार्कर जीन्स अभिनिर्धारित किए गए; · संभावित निदान मार्कर जीनों के रूप में माइक्रोएरे से जीन्स लघु सूचीबद्ध किए गए | --- |
43. | डवलपमेंट ऑफ हाइ थ्रूपूट मार्कर असिस्टिड सलेक्शन सिस्टम्स फॉर इम्प्रूवमेंट ऑफ ड्रॉट टोलरेंस एंड फाइबर क्वॉलिटी रिलेटिड ट्रेट्स इन कॉटन | --- | · कपास में 2000 से अधिक एसएसआर मार्कर अभिनिर्धारित किए गए जो कपास की किस्मों में सुधार के लिए भावी आरएंडडी के लिए गॉसिपियम हिरसुतम जीनोटाइप में विकसित किए गए थे ; कॉटन मार्कर डेटाबेस में प्रस्तुत किए गए; · एक किस्म की पुनर्योगज इनब्रेड लाइंस विकसित की गई, जिन्होंने उपज और गुणवत्ता मानकों के लिए श्रेष्ठ निष्पादकता दर्शाई । इस लाइन को टीएनएयू, कोयंबतूर के बहुस्थानिक परीक्षण कार्यक्रम में शामिल किया गया था । | 3 प्रकाशन |
44. | नॉवल मेथेड फॉर डवलपमेंट ऑफ बी-टाइप नैट्रियूरेटिक पेप्टाइड ( बीएनपी ) फॉर डायग्नोसिस एंड ट्रीटमेंट ऑफ कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर | केंजेस्टिव हार्ट फेल्योर का पता लगाने के लिए प्रोटोटाइप डायग्नोस्टिक डिवाइस सफलतापूर्वक विकसित किया गया | · एक नवीन निष्पीड़न प्रणाली जो चिकित्सीय या नैदानिक उपयोग के लिए अत्यधिक शुद्ध rhBNP की बड़ी मात्रा (10mg/L) का उत्पादन कर सकती है; · शुद्ध rhBNP को पशु अध्ययनों में इसकी शुद्धता और गतिविधि तथा सुरक्षा हेतु अभिलक्षणित किया गया; · लिपोसोमल एनकैप्सुलेटेड फॉर्मूलेशन हेतु तकनीकी जानकारी सृजित की गई । | 2 प्रकाशन |
45. | डवपमेंट ऑफ नेक्स्ट जनरेशन प्लाज़्मा डिस्प्ले टेक्नोलॉजी एंड ए 50 इंच हाई डेफिनेशन (एचडी) टीवी प्रोटोटाइप | अपने इलेक्ट्रॉनिक्स सहित मौजूदा सामग्रियों / प्रक्रियाओं के साथ 50 '' एचडी पीडीपी के प्रोटोटाइप का डिजाइन, विकास और प्रदर्शन किया गया था । | ---- | फाइल किए गए पेटेंट: 19; प्रकाशन : 18 |
46. | वायरलेस सेंसर नेटवर्क चिपसेट बेस्ड ऑन अल्ट्रा - वाइडबैंड टेक्नोलॉजी | · आदिप्ररूप ( 4x4 एमआईएमओ यूडब्ल्यूबी ) विकसित किया गया · नॉन-स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल ( 3 GHz बैंड ) का उपयोग करके 1 GbPs वायरलेस लिंक की दर पर डाटा हस्तांतरित करने के लिए वर्किंग प्रोटो टाइप का प्रदर्शन किया गया | --- | 3 पेटेंट फाइल किए |
47. | कन्वर्सेशन ऑफ सेल्यूलोज एंड हेमी-सेल्यूलोज इनटू शुगर्स एंड इथेनॉल | --- | · विभिन्न एंजाइमों के उत्पादन के लिए माइक्रोबियल कंसोर्शिया; · एंजाइम उत्पादन हेतु स्केल अप प्रक्रिया | ---- |
48. | कन्वर्जन ऑफ बायोग्लाइसरोल इनटू वैल्यू एडिड कैमिकल्स एंड स्केल अप ऑफ सीएसआईआर-एनसीएल प्रोसेस फॉर सलेक्टिड हाइड्रोजेनोलिसिस ऑव ग्लाइसरोल टू - 1, 2 - प्रोपेन - डाई-ऑल | ग्लाइसरोल को 1, 2- पीडीओ में रूपांतरित करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित की गई । | --- | एक यूएस पेटेंट प्रदान किया गया है । |
49. | नॉवल अप्रोचेज फॉर प्रोडक्शन ऑफ हाइब्रिड सीड्स विद कैरेक्टरीस्टिक्स ऑफ इंम्प्रूव्ड इंसेक्ट रेसिस्टेंस एंड हायर यील्ड ¬ | ----- | चावल घटक · 566 चावल जीनोटाइप पर बीज और डाटा ( मॉर्फोलॉजिकल और मॉलिक्यूलर ) · इंटर-वैराइटल क्रॉसेस हेतु डावर्स पेरेन्टल लाइंस - 200 आशाजनक के रूप में अभिनिर्धारित की गई · 168 डाइवर्स रिस्टोरर लाइंस · 200 हाइब्रिड्स में से 21 आशाजनक पाए गए - 5 सबसे अधिक आशाजनक पाए गए · 25 अत्यधिक आशाजनक से 380 आशाजनक वाणिज्यिक रूप से हाइब्रिड आईसो-साइटो- प्लाज़्मिक F7 रिस्टोरर लाइंस किए कपास का घटक • बार्नेज मेल स्टेराइल लाइंस • बारस्टार मेल स्टेराइल लाइंस • नवीन प्रोमोटर और ट्रांसजेनिक लाइंस के साथ cry1Ec कांस्ट्रक्ट • cry2Ax1 निर्माण और ट्रांसजेनिक लाइंस • एएमटीएल लेक्टिन कांस्ट्रक्ट • सीईए लेक्टिन कांस्ट्रक्ट • 1 बार्बाडेन्स प्योर लाइन • 4 हाइब्रिड्स • 4 हेटेरोटिक समूहों में से प्रत्येक के 4 कंबाइनर्स | पेटेंट : 3; प्रकाशन : 8 |
50. | मेसो – स्केल मॉडलिंग फॉर मॉनसून प्रिडिक्शंस –फेज-II | क्र.सं. 8 की तरह | --- | --- |
51. | डिजाइन एंड डवलपमेंट ऑफ कुशन बांडेड आर्गेनिक सिरामिक क्लच डिस्क्स | कुशन बांडेड / कठोर बांडेड कार्बनिक, सेरामेटैलिक कुकी और सिंगल / ड्यूल सिंटर्ड बटन्स (कॉपर / आयरनबेस्ड), सिरेमिक कुकी और एन्युलर रिंग क्लच डिस्क्स तथा मैचिंग कवर असेंबलीज विकसित की गई हैं। | 5 पेटेंट फाइल किए गए 14 डिजाइन पंजीकृत किए गए | |
52. | इंटेलिजेंट वीडियो सर्विलांस सिस्टम | फ्लेक्सिबल और रिलायबल डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर ( डीवीआर ) , वीडियो डिकोडर और ओपन नेटवर्क वीडियो इंटरफेस फोरम ( ONVIF ) युक्त इंटेलिजेंट वीडियो सर्विलांस सोल्यूशंस विकसित किए गए एवं वाणिज्यीकृत किए गए । | --- | 4 प्रकाशन 3 यू एस पेटेंट प्रदान किए गए |
53. | नॉवल थैरेपी फॉर मैनेजमेंट ऑफ सेप्सिस एंड नॉवल थैरेपी फॉर मैनेजमेंट ऑफ सेप्सिस फेज II स्टडी | · यह दवा अन्य इंडिकेशन के लिए पहले से ही बाजार में है । · सेप्सिस के प्रबंधन के लिए - ग्राम निगेटिव सेप्सिस के प्रबंधन के लिए नए इंडिकेशन हेतु विपणन अनुमोदन की प्रतीक्षित है । |
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एक उत्पाद पेटेंट |
54. | ए सिंड्रोमिक एप्रोच टू डायग्नोसिस ऑफ इंफेक्शन्सः डवलपमेंट ऑफ डीएनए मैक्रो-चिप्स फॉर साइमल्टेनियस डिटेक्शन ऑफ पैथोजेंस कॉजिंग एईएस (एक्यूट एन्सीफैलिटिक सिंड्रोम) एंड सेप्टिसीमिया | यह परियोजना तीन डायग्नोस्टिक किट्स-दो किट एक्यूट एन्सीफैलिटिक सिंड्रोम तथा सेप्टिसीमिया के कारण होने वाले सभी पैथोजेंस का साथ-साथ अभिनिर्धारण करने के लिए और तीसरी किट बैक्टीरिया से होने वाले सैप्टीसीमिया की एंटीबायोटिक संवेदनशीलता का अभिनिर्धारण के लिए विकास का सहित सफलतापूर्वक समाप्त हुई। | ---- | ---- |
55. | इवैल्युएशन आफ आरएनएआई- बैस्ड कंस्ट्रक्ट्स फॉर कन्फरिंग रेजिस्टेंस ऑन ट्रांसजेनिक राइस अगेन्स्टे द ब्लास्ट फंगस मैग्नापोर्थ गिसिया | --- | · T5 पीढ़ी के ट्रांसजेनिक चावल के पौधों को विकसित किया गया था जिन्होंने ब्लास्ट फंगस के खिलाफ अच्छा प्रतिरोध स्तर दिखाया; · उचित में क्लैस्ट फंगस के लिए जीन अतिनिष्पीड़न और जीन साइलेंसिंग लक्ष्यों सहित तैयार ट्रांस्जेनिक चावल के पौधों को विकसित करने हेतु प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म । | ---- |
56. | डवलपमेंट एंड कैरेक्टराइजेशन ऑफ एन इंडिजिनियस वैक्सीन फॉर जॉन्स डिजीज | टीका के दो सूत्र ई जेडी तेल और जेडी जेल और जेडी के लिए कंपेनियन डायग्नोस्टिक विकसित की । | --- | पेटेंट फाइल किए गए : 2 |
57. | डवलपमेंट ऑफ कैरुलोमाइसिन्स एज़ नॉवल इम्यूनोसप्रेसिव एजेंन्ट्स टू प्रेवेन्ट ऑरगेन रिजेक्शन आफ्टर ट्रांसप्लांटेशन एंड टू एडरेस वेरियस ऑटो-इम्यून एलर्जी डिस्ऑडर्स | मूल अणु के एनालॉग्स, कैरुलोमाइसिन, ऑर्गेन रीजेक्शन के लिए इम्यूनोसप्रेसिव एजेंट विकसित किए गए और गतिविधि और आईएनडी अध्ययनों के लिए प्रयास किया गया; हालाँकि चयनित एनालॉग्स ने इम्युनोसप्रेशन गतिविधि नहीं दर्शाई और यह परियोजना बंद कर दी गई । | 1 पेटेंट फाइल किया गया ; 5 प्रकाशन | |
58. | नॉवल डीपीपी IV इन्हिबिटर्स फॉर द ट्रीटमेंट ऑफ डायबिटीज और नॉवल डीपीपी IV इन्हिबिटर - फेज I / II स्टडी : ए सेफ्टी, फार्माकोकाइनेटिक एंड फार्माको- डायनामिक्स स्टडी ऑफ सीपीएल– 2009-0031 इन हेल्दी वॉलंटियर्स एंड पेशेन्ट्स विद टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस (टी2डीएम) | · संश्लेषित अणुओं में से एक नवीन डीपीपी IV अवरोधक अभिनिर्धारित किया गया; · अणु के संश्लेषण के लिए नवीन प्रक्रिया विकसित की गई; तथा · आईएनडी के लिए चुनिंदा अणु पर दवा विकास संबंधी प्री-क्लिनिकल अध्ययन · चरण-I के अध्ययन में, स्वास्थ्य स्वयंसेवकों में किसी भी प्रमुख सुरक्षा चिंताओं के बिना दवा को सभी खुराक स्तरों पर सुरक्षित और अच्छी तरह से सहन किया गया था । · इसके अतिरिक्त, दवा पिलाने के बाद रैखिक फार्माकोकाइनेटिक विशेषताएं प्रदर्शित की · चरण-II संभावित, रेंडोमाइज्ड, डबल ब्लाइंडेड, समानांतर समूह, बहुकेंद्रिक, तुलनात्मक नैदानिक अध्ययन ने इस यौगिक की प्राभावकारिता का संकेत दिया । इस पूरे अध्ययन के दौरान, किसी भी रोगी में मृत्यु, अन्य एसएई या अन्य महत्वपूर्ण एई नहीं देखे गए · चरण – II डाटा आधार पर मॉनीटरन समिति ने तीसरे-III के नैदानिक परीक्षण में सीटाग्लिप्टिन वाली दवा का तुलनात्मक अध्ययन करने का सुझाव दिया । इस प्रस्ताव को डीसीजीआई ने मंजूरी दे दी है । | · पेटेंट : 3 पीसीटी ( 5 देशों में 1 पेटेंट स्वीकृत किया गया; 2 देशों में दिया 1 पेटेंट स्वीकृत किया गया) ; भारत और यूरोप में फाइल किया गया | |
59. | बायोफ्यूल फ्रॉम मरीन माइक्रोएल्गी | · सूक्ष्म शैवाल बायोमास की कटाई के लिए नवीन प्रक्रिया विकसित की । · प्रति लीटर 125 रुपये की लागत से समुद्री सूक्ष्मजीव प्रजातियों से बायोडीजल उत्पादन हेतु प्रक्रिया विकसित की गई । प्रक्रिया पेटेंट स्वीकृत । | · प्रकाशन : 64 · पेटेंट : फाइल किए गए - 1; स्वीकृत किए गए-5 | |
60. | डवलपमेंट एंड प्रोडक्शन ऑफ ए थेराप्युटिक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ईएनएएमपीटी, ए नॉवल इंफ्लेमेटरी टार्गेट | · अल्ट्रा लार्ज नेव ह्यूमन फेज डिस्प्ले लाइब्रेरीज (2.79X1011 cfu कुल); जोमा (2.5X1011 cfu कुल) से तुलना · फास्ट अल्ट्रा लार्ज लाइब्रेरी बनाने की क्षमता आरंभ से सीक्वेंस अभिलक्षणन तक 30-45 दिन; · एंटीजन-एंटीबॉडी समानता की व्यावहारिक प्रयोज्यता का प्रूफ ऑफ कंसेप्ट और फेज पैनिंग के लिए गतिज सिद्धांत तथा हाई एफिनिटी फेज पूल्स को अलग करना; · फास्ट पैनिंग - पैनिंग समाधान से मोनोक्लोनल विलगन के 4 राउंड के लिए 21 - 30 दिन; · समाधान में फैब प्रोटीन के रूप में मोनोक्लोनल्स का अध्ययन करने पर बल ( फेजेज के साथ संलयन नहीं ) और " जीनोटाइप ट्रू " हिट्स को अलग करने के लिए फीनोटाइपिंग के लिए नवीन समाधान ; तथा · प्रोटीन के रूप में फैब हिट्स के काइनेटिक रैंकिंग के लिए नए समाधान का स्थापन । | आईडी पीसीटी/आईएन 2017/050257 के साथ दिनांक 23 जून, 2017 को एंटीबॉडी फेज डिस्प्ले लाइब्रेरी फाइल किया | |
61. | बायोमार्कर नेक एंड हैड कैंसर | --- | · रोबस्ट डाटा सृजित किया जिसमें 350 सिर एवं गर्दन के कैंसर (एचएनसीसी) रोगियों के नमूनों की ट्रांस्क्रिप्टोम प्रोफाइलिंग के साथ संयोजित पूर्ण क्लिनिकल विश्लेषण सम्मिलित हैं, संभावित मार्करों को अब विज़ुअलाइज़ किया जा सकता है जिन पर चिप आधारित नैदानिक प्रोटोटाइप बनाने के लिए विचार किया जा सकता है; · एक भविष्यवाणी एल्गोरिदम विकसित किया गया है जो 95 % से अधिक सटीक भविष्यवाणी देता है । एचएनसीसी घटना की प्रबल भविष्यवाणी शक्ति दर्शाने वाले 83 जीन सेट अब मल्टीवैरिएंट नैदानिक विश्लेषण के लिए सुपर इम्पोज़ जा सकता है । इस प्रकार रोगियों के नमूनों से प्रूफ ऑफ कंसेप्ट स्थापित किया गया है; · वैधीकरण चरण में 34 ट्रांस्क्रिप्ट्स के सिग्नेचर ने 50 नमूनों में से 41 ( 82 % भविष्यवाणी सटीकता ) की सही भविष्यवाणी की । पीएनआई स्टेट्स और ट्यूमर के आकार के आधार पर भविष्यवाणी विश्लेषण ने सम्पूर्ण नमूने के समान भविष्यवाणी दर्शाई 34 ट्रांस्क्रिप्ट सिग्नेचर्स नए हैं, जो भारतीय आबादी के लिए विशिष्ट हैं और डच अध्ययन में प्राप्त 102 जीन सिग्नेचर के साथ ओवरलैप नहीं हैं । | बायोमार्कर के लिए एक पीसीटी दायर की गई । |
62. | डिजाइन, डवलपमेंट एंड डेमॉन्स्ट्रेशन ऑफ हाई परफार्मेन्स पैराबोलिक थ्रू बेस्ड 300 kW सोलर थर्मल पॉवर प्लांट | ---- | · एक नया मैग्नेट्रॉन स्प्यूटरिंग पायलट प्लांट सिस्टम जो (क) आईआर परावर्तन, (ख) विसरण अवरोधक, (ग) बहुपरतीय सरमेस, (घ) बहुपरतीय परावर्तनरोधी विलेपनादि की विभिन्न कार्यकरण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए छः प्रकार के विभिन्न विलेपनों का सह-निक्षेप और साथ ही अनुक्रमिक निक्षेप करने में सक्षम है । · निम्नांकित विशेषताओं वाली ट्रैकिंग प्रणाली : (i) एडवांस कंट्रोलर से युग्मित हाइड्रॉलिक प्रणाली (ii) स्थिति के सही मापार्थ इनक्लिनोमीटर (iii) प्रत्येक साइड पर तीन ट्रॉफ्स के 6 मॉड्यूलों को चलाता है (iv) एक्यूरेसी 1.7 एमआरएडी (v) डीएलआर, जर्मनी पर वैधीकरण चर रहा है · निम्नांकित के माप सहित 4m साइज हेतु फोटो - रिसीवर ट्यूब ( हीट कलेक्शन एलिमेंट ) ( i ) थर्मल लॉस ( ii ) आउटफील्ड नेचुरल सोलर रेडिएशन में निष्पादकता मूल्यांकन( iii ) वैक्यूम लीक टेस्ट ( iv ) वैक्यूम इंटीग्रिटी विद टाइम और ( v ) ट्रफ पर ऑप्टिकल दक्षता परीक्षण; डीएलआर, जर्मनी पर किया जाना है; · अद्वितीय विशेषताओं सहित हाइली इंजीनियर्ड कांसेट्रेटिंग पारबोलिक ट्रफ कलेक्टर असेम्बली का डिजाइन विकास और प्रदर्शन किया गया ट्रफ; तथा · हीट कलेक्शन एलिमेंट के लिए उच्च तापमान स्थिरता के साथ धातु सील के लिए एक उच्च परिशुद्धता ग्लास उद्योग की संतुष्टि के अनुसार एचसीई में विकसित और समेकित किया गया । | ---- |
63. | डवलपमेंट एंड डेमॉन्सट्रेशन ऑफ 500 डब्ल्यू एसओएफसी स्टैक विद हाइड्रोजन एज फ्यूल एंड टेंस्टिंग ऑफ शार्ट स्टैक विद सिंथेटिक गैस एंड डवलपमेंट एंड डेमॉन्स्ट्रेशन ऑफ 1 kWe एसओएफसी स्टैक विद हाइड्रोजन एंड एयर एंड 500 We एसओएफसी स्टैक विद रिफॉर्म्ड नेचुरल गैस एंड एयर | अभी तक वाणिज्यीकृत नही हुई । | 800o C पर 0.31W/cm2 की उच्च ऊर्जा सघनता के साथ हाइड्रोजन और एयर+O2 का उपयोग करते हुए सॉलिड ऑक्साइड फ्यूल सेल स्टैक की 200W, 500W और 1.0kw क्षमता के तीन विभिन्न आदिप्ररूपों को विकसित एवं प्रदर्शित किया गया । अन्य उपलब्धियाँ एसओएफसी स्टैक और सेल डिज़ाइन की सैद्धांतिक मॉडलिंग के लिए थर्मली साइक्लेबल नए ग्लास सीलेंट्स का विकास किया गया है । | पेटेंट : 3 और प्रकाशन : 15 |
64. | द नेक्स्ट जनरेशन विंड पॉवर टेक्नोलॉजीः कांट्रा रोटर विंड टर्बाइन ( सीआरडब्ल्यूटी) सिस्टम | परियोजनाएं प्रतिबंधित की | --- | --- |
65. | डवलपमेंट एंड कॉमर्शियलाइजेशन ऑफ " वेन्फर " यूनिक एच.264 हाई डेफिनिशन सॉफ्टवेयर बेस्ड मल्टीपार्टी, मल्टीप्वाइंट विडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्यूशन ऑन मल्टीप्वाइंट नेटवर्क ट्रांसमिशन प्रोटोकॉल | हाई डेफिनिशन सॉफ्टवेयर आधारित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाधान –मल्टीकास्ट नेटवर्क ट्रांस्मीशन प्रोटोकॉल पर एच.264 वीडियो कोडेक मल्टीपार्टी, मल्टीप्वाइंट वीडियो कांन्फ्रेंसिंग अनुप्रयोग के उपयोग से ‘वेनफर एच डी’ विकसित किया गया है । | --- | --- |
66. | डवलपमेंट एंड कॉमर्शियलाइजेशन ऑफ एनएक्सआर – 4डी : ए लिथियम - आयन बैटरी पॉवर्ड 4 – डोर नेक्स्ट जनरेशन इलेक्ट्रिक कार ( 4 - सीटर कैपेसिटी ) - महिंद्रा रीवा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्रा. लि., बैंगलुरू | भारत में पूर्णतः स्वदेएशी डिजाइन, विकसित और वाणिज्यिक रूप से उत्पादित किया जाने वाला और वैश्विक मोटर वाहन गुणवत्ता मानकों को पूरा करने वाला पहला फोर डोर इलेक्ट्रिक वाहन | --- | --- |
67. | डिजाइन एंड फेब्रिकेशन ऑफ ऑल-फाइबर सुपरकॉन्टिनम लाइट सोर्स विद एप्लीकेशन डेमांस्ट्रेशन टू डिटेक्ट फेक पिल्सः विनविश टेक्नोलॉजीज प्रा.लि. , तिरुवनंतपुरम | दो उत्पाद अर्थात : ( i ) सुपरकॉन्टिनम लाइट जनरेशन सोर्स; और ( ii ) ब्रॉडबैंड कन्फोकल माइक्रोस्कोप विकसित और प्रदर्शित किए गए । विकसित पीसीएफ प्रौद्योगिकी सीएसआईआर - सीजीसीआरआई द्वारा औद्योगिक भागीदार को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करार के माध्यम से हस्तांतरित की गई थी । | --- | ---- |
68. | डवलपमेंट एंड कॉमर्शियलाइजेशन ऑफ सोलेक्शा लाइट-एन इनोवेटिव इलेक्ट्रिकल ग्रीन ट्रांसपोर्ट प्लेटफॉर्म : काइनेटिक इंजीनियरिंग लिमिटेड., पुणे | · स्वदेशी इलेक्ट्रिकल थ्री व्हीलर । · इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम ( सीएमवीआर ) प्रमाणन प्राप्त किया गया है | --- | --- |
69. | कस्टमाइज्ड एडेप्टेशन ऑफ नॉनक्लोनेबलआईडी टेक्नोलॉजी टू इस्टेब्लिश ऑथेन्टिसिटी ऑफ मेडिकल प्रॉडक्ट्स : बिलकेयर लि., पुणे | नॉनक्लोनेबलआईडी प्रौद्योगिकी निम्न को इसकी निम्नांकित में उपयोगिता के लिए प्रदर्शित की गई : (i) चिकित्सा उत्पादों के क्षेत्र में उत्पाद की जवाबदेही स्थापित करना; (ii) प्वाइंट ऑव ओरिजिन से प्वाइंट ऑव डिस्पेंसेशन तक की ट्रेंसेबिलिटी सुरक्षित की, ई-पेडिग्री प्रामाणिकता जांच और स्थापित करना; (iii) रोगियों द्वारा दवा अनुपालन में सुधार करना | ---- | ----- |
70. | डवलपमेंट ऑफ ए डायग्नोस्टिक सिस्टम फॉर अर्फोरडेबल, प्वाइंट ऑफ नीड टेस्टिंग टू मैनेज एचआईवी एंड टीबीः रीमेट्रिक्स इंडिया प्रा. लि. , बेंगलुरु | · रीएसएलआर सीएसएम किट Ver 1.0 ( सेंट्रिफ्यूगेशन द्वारा रीफिल्टर आधारित फिल्ट्रेशन और कोशिकाओं का सांद्रण) - मूल्यांकन और बिक्री के लिए उपलब्ध है; | · इमीडिया पर रीएस्टैट सीडी4 मानदण्ड - रिएस्टैट सीडी 4 मानदण्ड किट का बाहरी वैधीकरण जारी है; · रीएसएलआर सीएसएम किट ver 2.0 ( चुंबकीय मोती तथा अभिरंजन ) - तीन केंद्रों पर बाहरी वैधीकरण किया जा रहा है; तथा · रीटीबीडीएक्स - अल्बर्ट आइंस्टीन स्कूल ऑफ मेडिसिन, न्यूयॉर्क से एंटीबॉडी लाइसेंस प्राप्त; एसजीपीजीआईएमएस लखनऊ इष्टतमीकरण में किया जा रहा है का अनुकूलन; बाहरी साइट पर रीटीबीडीएक्स का बाहरी वैधीकरण किया जाएगा । | --- |
71. | डवलपमेंट ऑफ नॉन-हैजार्ड्स प्रोसेस फॉर द सिंथेसिस ऑफ डिमेथनॉल कार्बोनेट ( डीएमसी ) फ्रॉम मीथेनॉल एंड यूरिया | मीथेनॉल और यूरिया से डाइमिथाइल कार्बोनेट ( डीएमसी ) के संश्लेषण के लिए दो चरणीय प्रक्रिया विकसित की । | · मीथनॉल और यूरिया से डीएमसी के संश्लेषण के लिए दो चरणीय प्रक्रिया विकसित की गई । · नवीन रिएक्टर विन्यास दोनों चरणों के लिए प्रस्तावित । · प्रयुक्त उत्प्रेरक के सृजन के लिए प्रोटोकॉल मानकीकृत किया गया · बेंच स्केल सेट अप पर प्रक्रिया - ( 45 ग्राम / घंटा ) प्रदर्शित की गई; · कॉरेस्पोंडिंग अल्कोहल्स से अन्य उच्च डाइएल्काइल कार्बोनेट्स के संश्लेषण के लिए प्रक्रिया प्रदर्शित की गई · उत्प्रेरक, प्रक्रिया एवं उत्प्रेरक पुनरूत्पादन रणनीतियों वाले छः पेटेंट फाइल किए | प्रकाशन : 1; भारतीय पेटेंट स्वीकृत किया गया : 1 |
72. | सिस्टम बेस्ड कम्प्यूटेशनल मॉडल ऑफ स्किन ( SCoMOS ): सीएसआईआर-आईजीआईबी, दिल्ली | विभिन्न विशेषताओं वाला " इस्किन " नाम का कम्प्यूटेशनल सॉफ्टवेयर सेवाओं हेतु उद्योग द्वारा लांच किया गया जिसका उल्लेख अगले कॉलम किया गया है । | · 2600+ स्किन विशिष्ट जींस की यूनिक रिपॉजिटरी और उनसे सम्बद्ध स्किन बायोमेडिकल लिटरेचर ( जिसे स्किन बेस कहा जाता है ) के मैनुअल क्यूरेशन द्वारा प्राप्त की गई । · 35 त्वचा शरीर विज्ञान से जुड़े जैविक पाथवे (उदाहरणार्थ कार्निफिकेशन, केरैटिनोसाइट विभेदन) का विस्तृत आणविक इंटरैक्शन मैप · फीनोटाइप के लिए सबसे अधिक प्रासंगिक पाथवे के आसान अभिनिर्धारण हेतु ओवरले कार्यक्षमता वाले जीन निष्पीडन डाटा का त्वचा केंद्रित विश्लेषण करता है; · त्वचा विशिष्ट फीनोटाइपिक एंड प्वाइंट्स (उदाहरणार्थ हाइपोपिग्मेंटेशन, डेस्क्वामेशन)-स्किन प्रीडिक्ट संबंधी अज्ञात यौगिक के जीन निष्पीड़न सिग्नेचर की तुलना करने हेतु फंक्शनलिटी ऑफर करता है । · विश्लेषणों हेतु जेनरिक और कस्टमाइज्ड रिपोर्ट सृजित करने के लिए व्यापक रिपोर्टिंग मॉड्यूल की सुविधा पूरी की; तथा · कंप्यूटेशनल-इनटेंसिव जॉब्स हेतु प्रयोक्तानुकूल इंटरफेस और इष्टतमीकृत आर्किटेक्चर; · पांच अलग-अलग समूहों जैसे हाइपरपिगमेंटिंग, हाइपोपिगमेंटिंग; हाइड्रेटिंग; फोटो - ऑक्सीडेटिव और डिस्क्वामेशन जो आमतौर पर कॉस्मेटिक और फार्मा उद्योगों द्वारा अपने उत्पादों में उपयोग किए जाते हैं, के दस यौगिकों की अनुक्रिया में मानव त्वचा द्वारा व्यक्त जीन सिग्नेचर सृजित किए गए और उन्हें सॉफ्टवेयर में शामिल किया गया । | सॉफ्टवेयर के लिए कॉपीराइट |
73. | इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन्स फॉर सिक्योरिटी एंड ऑपरेशन्स बेस्ड ऑन यूवी सेंसर टेक्नोलॉजीज | कुछ विकसित सामग्री उत्पादों को मेसर्स भारत सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑव इंडिया लि. पूर्ण रूप से भारत सरकार के स्वामित्व में) द्वारा वाणिज्यीकृत है । | · उद्योग के मानकों के अनुसार ब्लू रंग में इनविजिबल यूवी सेंसिटिव इंकस-फ्लोओरोस्टिंग का विकास किया; तथा · ओपन सोर्स अरुडिनो प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए अलग-अलग कार्यक्षमता वाले प्रोटोटाइप छः भिन्न Pi- MAD ( प्रोग्रामेबल इनविजिबल मार्कर ऑथेंटिकेशन डिवाइस ) विकसित किए गए है जो स्पष्ट रूप से विभिन्न फ्लूओरीसेंट रंगों को अंतर कर सकता है । | --- |
74. | डिजाइन एंड डवलपमेंट ऑफ फोटोनिक क्रिस्टल क्लेडिड एंड डबल काल्ड Er और Er / Yb फाइबर्स, एंड एप्लीकेशन डेमॉन्सट्रेशन ऑफ हाई-पॉवर ऑप्टिकल एम्प्लिफायर | उच्च शक्ति वाले एम्पलीफायर ( ईडीएफए ) प्रोटोटाइप का डिजाइन, विकास और प्रदर्शन किया गया था । | --- | --- |
75. | डेमांस्ट्रेशन एंड वेलिडेशन ऑफ ए 5kW एचटी-पीईएमएफसी बेस्ड कंबाइंड कूलिंग एंड पावर सिस्टम | अभी तक वाणिज्यीकृत नहीं किया गया । | · लीन कैट से 6.0 kW ईंधन सेल परीक्षण केंद्र अधिष्ठापित और चालू किया गया है; · 100 सेल वाला 300kW ईंधन सेल स्टैक बनाया गया है; · रिफॉर्मर, पावर कंडीशनर, बीओपी घटकों, सिस्टम एकीकरण और सिस्टम की पैकेजिंग के पहलुओं पर अत्यधिक प्रगति की गई है; तथा · वाष्प अवशोषण शीतलन प्रणाली का डिजाइन शुरू किया गया । | पेटेंट फाइल किए गए : 1 प्रकाशन : 10 |
76. | डेमांस्ट्रेशन एंड वेलिडेशन ऑफ ए एलटी-पीईएमएफसी सिस्टम फॉर ऑटोमोटिव एप्लिकेशन | सेडान कार चलाने में हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रोटोटाइप का प्रदर्शन | · एमईए का उपयोग करते हुए 30-सेल स्टैक निर्मित किया गया है जो विनिर्मित इलेक्ट्रोड को गर्म कर बनाया गया था । | प्रकाशन : 1 |
77. | डवलपमेंट ऑफ एन एंटीडायबिटिक एजेंट बेस्ड ऑन द फाइटोफार्मास्युटिकल ड्रग गाइडलाइन्स फ्रॉम एनीकोस्टेमा लिटोरेल ब्लूम | --- | फाइटोफार्मास्युटिकल फॉर्मुलेशन के विकास के लिए चार मार्कर अभिनिर्धारित किए गए हैं । | --- |
78. | कप्पाफाइकस अल्वरेज़ी एंड रेड सीवीड बेस्ड फार्मुलेशन्स फॉर इंम्प्रूविंग प्रोडक्टिविटी एंड हैल्थ ऑफ डेयरी एंड पोल्ट्री एनिमल्स | · दो सूत्रणों को विकसित और विधिमान्य किया ü प्रतिरक्षा वृद्धि और ब्रायलर चिकन की उत्पादकता सहित स्वास्थ्य सुधार हेतु सूत्रण ü संकर बछड़ों और एंटी मीथेनोजेनिक गुण वाले डेयरी पशु स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए एक अन्य सूत्रण | --- | प्रकाशन : 2 |
79. | ऑटोमेशन ऑफ घानी ऑपरेशन थ्रू वेक्यूम कन्वेइंग सिस्टम | मेसर्स खंडेलिया ऑयल मिल्स, अलवर में पूर्णतः स्वचालित घानी संयंत्र डिजाइन, विनिर्मित, अधिष्ठापित एवं चालू किया गया है । | पूर्ण से स्वचालित घानी संयंत्र में पारंपरिक घानी संयंत्र के रूपांतरण / रेट्रोफिटिंग के लिए पूर्ण पैकेज । | फाइल किया गया पेटेंट : 1 |
संलग्नक- 7
सीएसआईआर-निमितली के तहत विकसित प्रमुख प्रौद्योगिकियों/प्रक्रमों की सूची
1. | मेन्था वैरायटीज-सिम इंडस एंड सिम मधुरस | वाणिज्यीकृत |
2. | बायोइंफार्मेटिक्स सॉफ्टवेयर्सः बायोसूट एंड जीनोक्लस्टर | वाणिज्यीकृत |
3. | टेक्नोलॉजी फॉर फ्रैक्शनेशन ऑफ सुगरकेन बैगेज टू सेलुलोज, हेमिसेलुलोज एंड लिग्निन | प्लेटफार्म प्रौद्योगिकी |
4. | हर्बल बेस्ड फार्मुलेशन फॉर डायबिटीज | लाइसेंसीकृत |
5. | टेक्नोलॉजी फॉर बायो-प्रोसेसिंग ऑफ लैदर | वाणिज्यीकृत |
6. | ए मॉडिफाइड कैटालिटिक प्रोसेस फॉर इकोनॉमिकल प्रोडक्शन ऑफ एसीटिक एसिड, एथीलीन एंड विनाइल क्लोराइड मोनोमर फ्रॉम ईथेन | प्रक्रम प्रौद्योगिकी |
7. | डायग्नोस्टिक चिप्स फॉर डिटेक्टिंग आई इंफेक्शंस एंड थ्री लो विजन एन्हांसमेंट डिवाइसिस | वाणिज्यीकृत |
8. | टेक्नोलॉजी फॉर लैक्टिक एसिड प्रोडक्शन फ्रॉम सुगरकेन जूस बाई लैक्टोबेसिलस | प्लेटफार्म प्रौद्योगिकी |
9. | टेक्नोलॉजी फॉर प्रोडक्शन ऑफ डीएचए बाई माइक्रोबियल फर्मेंटेशन प्रोसेस | प्लेटफार्म प्रौद्योगिकी |
10. | सिंपल ऑफिस कंप्यूटिंग (सॉफकॉम्प) प्लेटफॉर्म | वाणिज्यीकृत |
11. | दर्शी-ए लो कॉस्ट विजुअलाइजेशन प्लेटफॉर्म फॉर बायोइन्फॉर्मेटिक्स | वाणिज्यीकृत |
12. | अश्वगंधा वैरायटीज-एनएमआईटीएलआई 118 तथा एनएमआईटीएलआई 101 | वाणिज्यीकृत |
13. | टेक्नोलॉजी फॉर 3केडब्ल्यूई बेस्ड ऑन पॉलीमर इलैक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन फ्यूल सेल कमीशंड एट आरआईएल | वाणिज्यीकृत |
14. | 500 केडब्ल्यू होरिजोंटल एक्सिस विंड टरबाइन-कमीशंड एट केथानुर, टीएन | वाणिज्यीकृत |
15. | एक्सप्रेशन वेक्टर सिस्टम्स ऑफ फंगस एंड यीस्ट फॉर रिकांबिनेंट प्रोडक्शन ऑफ इंडस्ट्रियली इंपोर्टेंट बायोमॉलिक्यूल्स | प्लेटफार्म प्रौद्योगिकी |
16. | टेक्नोलॉजी फॉर इंडिजेनस डेंटल इम्प्लांट्स | वाणिज्यीकृत |
17. | एग्रोटेक्नोलॉजी फॉर जेट्रोफा कर्कस प्लांट फॉर बायोफ्यूल | कृषि प्रौद्योगिकी विकसित की |
18. | ट्रिपल प्ले ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी –एडॉप्टेड बाई बीएसएनएल | वाणिज्यीकृत |
19. | प्रोसेस फॉर प्रोडक्शन ऑफ टेमिफ्लू फ्रॉम शिकमिक एसिड | प्रक्रम प्रौद्योगिकी विकसित की |
20. | ग्रीन प्रोसेस फॉर एक्सट्रैक्शन एंड प्योरिफिकेशन ऑफ कैटेचिन-टी पॉलीफेनोल्स | वाणिज्यीकृत |
21. | माइक्रो पीसीआर डिवाइस एंड माइक्रोचिप्स फॉर डायग्नोसिस ऑफ टीबी, मलेरिया, डेंगू , चिकुनगुनिया तथा हैपेटाइटिस बी | वाणिज्यीकृत |
22. | इंडिजेनस प्रोसेस टेक्नोलॉजी फॉर प्रोडक्शन ऑफ रिकांबिनेंट बीएनपी फॉर डायग्नोसिस ऑफ कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर | प्रक्रम प्रौद्योगिकी विकसित की |
23. | टेक्नोलॉजी फॉर 1,2 पीडीओ फ्रॉम ग्लसरोल | प्रौद्योगिकी विकसित की |
24. | डवलपमेंट ऑफ कुशन बांडेड आर्गेनिक सिरामिक क्लच डिस्क्स | प्रौद्योगिकी विकसित की |
25. | नॉवल थैरेपी फॉर मैनेजमेंट ऑफ सेप्सिस | वाणिज्यीकृत |
26. | डीएनए माइक्रो-चिप्स बेस्ड डायग्नोस्टिक टेस्ट फॉर साइमल्टेनियस डिटेक्शन ऑफ पैथोजंस कॉजिंग एईएस (एक्यूट एन्सीफैलिटिक सिंड्रोम) एंड सेप्टिसीमिया | प्रौद्योगिकी विकसित की |
27. | इंटेलिजेंट वीडियो सर्विलांस सॉल्यूशंस | वाणिज्यीकृत |
28. | प्रोसेस फॉर बायोडीजल प्रोजक्शन फ्रॉम मरीन माइक्रोएल्गी | प्रौद्योगिकी विकसित की |
29. | ईएनएएमपीटी-अल्ट्रा लार्ज नेव ह्यूमन फेज डिस्प्ले लाइब्रेरी फॉर थेराप्युटिक मैब | प्रौद्योगिकी विकसित की |
30. | वैक्सीन अगेन्स्ट जॉन्स डिजीज-जेडी ऑयल एंड जैल | वाणिज्यीकृत |
31. | नॉवल बायोमार्कर (जीन्स) फॉर डिटेक्टिंग हैड एंड नैक कैंसर | बायोमार्कर सिग्नेचर की खोज की |
32. | हाई डेफिनिशन सॉफ्टवेयर बेस्ड वीडियो कान्फ्रेंसिंग सॉल्यूशन –वेनफर एचडी | वाणिज्यीकृत |
33. | एनएक्सआर -4डी, 4 सीट लीथियम ऑयन बैटरी ऑपरेटेड इलेक्ट्रिक कार | वाणिज्यीकृत |
34. | सुपरकांटिनम लाइट सोर्स बेस्ड कन्फोकल माइक्रोस्कोप | वाणिज्यीकृत |
35. | सोलेक्शा लाइट-इंडिजेनस इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर | वाणिज्यीकृत |
36. | नॉन क्लोनेबल आईडी टेक्नोलॉजी फॉर मेडिकल प्रोडक्ट ऑथेंटिकेशन | प्रौद्योगिकी विकसित की |
37. | रीएसएलआर सीएसएम किट (रीफिल्टर बेस्ड फिलट्रेशन एंड कांसंट्रेशन ऑफ सेल्स बाई सेंट्रिफ्युगेशन )-डायग्नोस्टिक सिस्टम फॉर टेस्टिंग एचआईवी तथा टीबी | वाणिज्यीकृत |
38. | टेक्नोलॉजी फॉर डाइमीथाइल कार्बोनेट फ्रॉम मीथेनॉल-ए नॉनहैजार्डस प्रोसेस | प्रौद्योगिकी विकसित की |
39. | कंप्यूटेशनल सॉफ्टवेयर “eskin” फॉर प्रीडिक्टिंग इफेक्ट ऑफ केमिकल्स ऑन ह्यूमन स्किन | वाणिज्यीकृत |
40. | सिक्योरिटी इंक –इनविजिबल सेंसिटिव इंक | वाणिज्यीकृत |
41. | ए प्रोटोटाइप ऑफ हाई पावर एम्प्लिफायर (ईडीएफए) डिजाइंड डेवलप्ड एंड डिमांस्ट्रेटेड | वाणिज्यीकरण प्रक्रियाधीन |
42. | सीवीड बेस्ड फामुलेशंस फॉर इंम्प्रूविंग हैल्थ एंड प्रोड्यूसिंग ऑफ डेयरी एंड पॉल्ट्री एनीमल्स | वाणिज्यीकृत |
43. | टेक्नोलॉजी फॉर फुली ऑटोमेटिक घानी प्लांट कमीशंड एट खंडेलिया ऑयल मिल, अलवर | वाणिज्यीकृत |
44. | एलटी-पीईएमएफसी सिस्टम फॉर ऑटोमेटिक एप्लीकेशन | प्रौद्योगिकी प्रदर्शित की |
45. | 5 के डब्ल्यू एचटी पीईएमएफसी बेस्ड कूलिंग एंड पावर सिस्टम फॉर स्टेशनरी एप्लीकेशंस | प्रौद्योगिकी प्रदर्शित की |
वित्त वर्ष 2020-21 से जारी अनुमोदित एनएमआईटीएलआई परियोजनाएं :
- डवलपमेंट ऑफ इनोवेटिव ईको-फ्रेंडली/फॉर्मेलडिहाइड फ्री फ्लूओंरोसेंट पिगमेंट्स फॉर वास्ट ऐरे ऑफ वॉटर एंड सॉल्वेंट बेस्ड एप्लीकेशंस;
- डवलपमेंट ऑफ नॉवल डीपीपी IV इन्हिबिटर- फेज-III स्टडी;
- डवलपिंग डेंटल इंप्लांट्स फॉर एडवांस्ड एंड क्रिटिकल एप्लीकेशंस
- डवलपमेंट, मैनुफैक्चरिंग एंड मार्केटिंग ऑफ माइक्रो रमन स्पेक्ट्रोमीटर सिस्टम विद एडिशनल कैपेबिलिटीज ऑफ कैरीइंग आउट फोटो-लुमिनीसेंस स्पेक्ट्रोस्कॉपी एंड आप्टिकल एमिसन स्पेक्ट्रोस्कॉपी;
- डवलपमेंट ऑफ नॉवल एंटीस्ट्रोक फाइटो-फार्मास्युटिकल फार्मुलेशन फ्रॉम द रूट्स ऑफ ए अश्वगंधा वैरायटी, एनएमआईटीएलआई-118; तथा
- इंडस्ट्रियली स्केलेबल अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा) चार्ज्ड फार्मुलेशन फॉर बैटर बोन हैल्थ
वित्त वर्ष 2020-21 से क्रियान्वयनाधीन निमितली कोविड परियोजनाएं:
कोरोना वायरस महामारी के कारण संकट को देखते हुए, सीएसआईआर ने विशेष रूप से कोरोनावायरस पर जोर देते हुए एनएमआईटीएलआई स्कीम के अंतर्गत भारतीय उद्योग से प्रस्ताव आमंत्रित किए थे । सीएसआईआर को अपनी वेबसाइट पर विज्ञापित देय तिथि तक 231 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं ।
वित्त वर्ष 2020-21 में क्रियान्वयनाधीन के तहत अनुमोदित परियोजनाएं निम्नांकित हैं :
- जनरेशन ऑफ न्यूट्रालाइजिंग ह्यूमन मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज अगेन्स्ट द सार्स-कोव 2 वायरस एज ए थेराप्युटिक स्ट्रैटजी टू कंटेन द कोविड-19 पैंडेमिक
- डवलपमेंट ऑफ मायकोबैक्टीरियम डब्ल्यू फॉर कोविड-19 सेफ्टी एंड एफिकेसी ट्रायल इन क्रिटिकली इल, हॉस्पिटलाइज़्ड एंड एट रिस्क पेशेंट्स
- डवलपमेंट ऑफ आयुर्वेद बेस्ड बोटानिकल ड्रग्स फॉर प्रोफाइलेक्सिस एंड मैनेजमेंट ऑफ द न्यू कोरोना वायरस डिजीज (कोविड-19)
- डवलपमेंट ऑफ एन इनेक्टिवेटेड सार्स-कोव 2 वैक्सीन फॉर कोविड-19 (ICoV2Vac)
- डिजाइन एंड डवलपमेंट ऑफ ए पोर्टेबल पर्सनल एयर प्योरिफाइंग रेस्पिरेटरी डिवाइस