एसईसी-सीएसआईआर के बारे में

नवाचार प्रबंधन निदेशालय          
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद          
नई दिल्ली          
 

स्थायी प्रकाशन, नैतिकता और वैज्ञानिक सतर्कता समिति (एसईसी)

अनुसंधान और शासन में नैतिकता बनाए रखना किसी भी संगठन के लिए सर्वोपरि है। किसी भी शोध संगठन में शैक्षणिक और प्रकाशन दिशा निर्देशों के अलावा, ईमानदारी, प्रकाशित किए जा रहे कार्य की वैज्ञानिक वैधता, नए विचारों को आगे बढ़ाने एवं पुरातन विचारों की आलोचना, दूसरों को उचित श्रेय देना, आपसी सम्मान, हितों का टकराव, शिक्षा और सलाह, सामाजिक जिम्मेदारी और कानून—इन पहलुओं पर जोर देने की जरूरत है ।

विज्ञान और शासन में नैतिकता अनिवार्य है तथा कदाचार की रोकथाम, सुधार और निपटान के लिए प्रणाली की उपयुक्त व्यवस्था जरूरी है। सीएसआईआर ने अनुसंधान और शासन में नैतिकता के लिए दिशा निर्देश भी बनाए हैं।

उक्त दिशानिर्देशों के अनुसरण में, दिनांक 27-जुलाई-2021 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 17/1/ विविध /2021-आईएमडी के तहत एक समिति का गठन किया गया है। समिति की अवधि 3 वर्ष है।

             

 

संरचना, एसईसी

अध्यक्ष

डॉ. विश्वजननी जे सत्तीगेरी , प्रमुख, सीएसआईआर-टीकेडीएल


 

समिति के सदस्य

डॉ. जी महेश, सीएसआईआर-एससीडीडी

डॉ. टीकम सिंह राणा, सीएसआईआर-एचआरडीसी

डॉ. ललिता गोयल, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-टीएमडी

सुश्री दीप्ति शर्मा डुल्लू, सीनियर टीओ (2), सीएसआईआर-आईएमडी

श्री राम कुमार सिंह, यूएस(सीओ) 

डॉ. वंदना बिष्ट, मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईएमडी

संदर्भ की शर्तें, एसईसी

एसईसी की भूमिका एक सलाहकार, लेखा परीक्षा, सतर्कता और एक प्रशिक्षक के रूप में है। एसईसी शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर वैज्ञानिक अनुसंधान और शासन से संबंधित किसी विशेष शिकायत/विवाद के निवारण के लिए इनपुट प्रदान करेगा । एसईसी नैतिक आचरण और दिशानिर्देशों के अनुपालन से संबंधित मामलों पर भी सक्रिय रूप से लेखा परिक्षण करेगा ।

एसईसी के दायरे में निम्नलिखित विचारार्थ विषय हैं:

  1. सीएसआईआर मुख्यालय के वैज्ञानिक/तकनीकी कर्मचारियों से प्राप्त शिकायतें/विवाद;
  2. सीएसआईआर प्रयोगशाला के असंतुष्ट वैज्ञानिक/तकनीकी कर्मचारियों से प्राप्त शिकायतें/विवाद;
  3. जीएलपी, सुरक्षा मुद्दों, लिंग संवेदनशीलता, साहित्यिक चोरी आदि पर कार्यशालाओं का आयोजन;
  4. लोकपाल को सहायता;
  5. डीजी, सीएसआईआर को उनके द्वारा संदर्भित वैज्ञानिक कदाचार से संबंधित मामलों पर सलाह; तथा
  6. सीएसआईआर में वैज्ञानिक दुराचार पर बाहरी पक्षों को प्रतिक्रिया

घोषणापत्र

यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी, परियोजना कर्मचारी और छात्रों ने अनुसंधान और शासन में नैतिकता के लिए सीएसआईआर दिशानिर्देशों को पढ़ा है, सभी संबंधितों द्वारा घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं जिसमें कहा गया है कि एक अक्षरश: दिशा-निर्देशों का पालन करेगा । सीएसआईआर मुख्यालय के प्रत्येक प्रभाग/निदेशालय/इकाई के प्रमुख घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर सुनिश्चित करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी अधिकारी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं |

दिए गए लिंक में अनुसंधान और शासन में नैतिकता के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए एक स्व-घोषणा प्रपत्र प्रदान किया गया है।

सीएसआईआर मुख्यालय में प्रकाशन की प्रक्रिया

अनुसंधान और शासन में नैतिकता के लिए सीएसआईआर के दिशानिर्देशों के अनुसरण में, महानिदेशक, सीएसआईआर ने सीएसआईआर मुख्यालय में प्रकाशनों पर एक प्रक्रिया को मंजूरी दी है। इस आशय का ओएम संलग्न है।

संपर्क निर्देशांक, एसईसी

अनुसंधान और शासन में नैतिकता के दिशा-निर्देशों और कदाचार की शिकायतों से संबंधित सभी मामलों के लिए, कृपया इस ईमेल पर लिखें: : sec.ethics@csir.res.in

सीएसआईआर के लिए लोकपाल

अनुसंधान और शासन के लिए सीएसआईआर दिशानिर्देश, सीएसआईआर घटक प्रयोगशालाओं के पांच समूहों (क्लस्टर) के लिए लोकपाल की नियुक्ति की सिफारिश करता है जो संबंधित सीएसआईआर घटक द्वारा हल नहीं की गई शिकायतों की जांच के लिए होंगे | ये लोकपाल जैविक, रासायनिक, इंजीनियरिंग, भौतिक और सूचना विज्ञान क्षेत्र के लिए होंगे |

 

 


      

 

सीएसआईआर क्लस्टर*लोकपाल
जैविक विज्ञानडॉ. शोभोना शर्मा, सेवानिवृत्त आईएनएसए मानद वैज्ञानिक, आईसीटी, मुंबई
रासायनिक विज्ञानप्रो. उदय मैत्रा, मानद संकाय, कार्बनिक रसायन विज्ञान विभाग, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु
इंजीनियरिंग विज्ञानप्रो. बी वी रेड्डी, सिविल इंजीनियरिंग विभाग और अध्यक्ष, सीएसटी, आईआईएससी, बेंगलुरु
भौतिक विज्ञानप्रो.धनंजय पांडे, प्रतिष्ठित प्रोफेसर, आईआईटी, भिलाई
सूचना विज्ञानप्रो. मनिन्द्र अग्रवाल, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर   
 



सीएसआईआर अभिलेखीय सामग्री में नैतिकता